भोपाल: वक्फ अमेंडमेंट बिल के विरोध में भोपाल और विदिशा में मुस्लिम समाज के लोगों ने काली पट्टी बांधकर रमजान के माह की आखिरी नमाज पढ़ी. नमाजी शुक्रवार यानी आज रमजान की आखिरी जुमे की नमाज में शामिल हुए, लेकिन इसके पहले नमाजियों ने काली पट्टी बांधी और बैकफर अमेंडमेंट बिल का विरोध जताया. इस मौके पर काजी सैयद अनस अली ने कहा कि इस बिल के माध्यम से वक्फ की संपत्तियों को हड़पने की कोशिश की जा रही है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील
अमेंडमेंट बिल का विरोध जताने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय से काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अपील की थी. बोर्ड की अपील का असर राजधानी भोपाल में भी दिखाई दिया. भोपाल की सबसे बड़ी ताजुल मस्जिद में मुस्लिम समाज के लोग जब नमाज पढ़ने पहुंचे तो इसके पहले उन्होंने काली पट्टी बांधी और इसके बाद नमाज पढ़ने गए. हालांकि भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि "इस बिल को लेकर मुसलमान के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों को गुमराह कर रहे हैं. इस बिल से असल में उन लोगों को परेशानी हो रही है, जिनका वक्फ की जमीनों से पेट पल रहा है."

उधर काजी सैयद अनस अली ने कहा कि "सरकार द्वारा यह बिल वक्फ की संपत्तियों को हड़पने के लिए लाया जा रहा है. यह मुस्लिम समाज के हित में नहीं है. इस बिल के माध्यम से उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. हम अपनी संपत्तियों को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और उम्मीद है इसे बचाने में कामयाब होंगे.

विदिशा में काली पट्टी बांधकर विरोध
विदिशा में रमजान माह के आखिरी शुक्रवार को मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा जामा मस्जिद में विशेष नमाज़ अदा की गई. इस मौके पर सभी मुस्लिम धर्मावलंबी काली पट्टी बांधे हुए थे. यह काली पट्टी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देश पर केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे वक्फ संशोधन बिल के विरोध में थी. नमाज के बाद जामा मस्जिद के इमाम अब्दुल रकीब नकवी ने बताया कि "आज अलविदा जुमा पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देश पर केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ देश भर के मुसलमानों ने विरोध स्वरूप बांधी. वक्फ संशोधन बिल मुसलमानों के खिलाफ है."