हिसार: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने निजी स्कूलों पर अभिभावकों को लूटने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही निजी स्कूल संचालक दोनों हाथों से अभिभावकों की जेब काट रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने निजी स्कूलों को लूट का ठेका दे रखा है.
सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि अगर सरकार ने सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने पर ध्यान दिया होता, तो अभिभावक मजबूर होकर निजी स्कूलों की मनमानी सहन नहीं करते. शिक्षा अब व्यवसाय बन चुकी है और इसमें कमीशनखोरी का खुला खेल चल रहा है.
स्कूल संचालकों को मिलता है कमीशन : उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों द्वारा अनुशंसित दुकानों से महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव डाला जाता है. नर्सरी से आठवीं तक कॉपी-किताबों के नाम पर तीन से सात हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं. एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य होने के बावजूद स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबें थोपते हैं, ताकि अधिक कमीशन लिया जा सके. 100 रुपये की किताब को 500 रुपये में बेचने की योजना के तहत स्कूल संचालकों को 30–40% तक कमीशन मिलता है.
जितनी छोटी कक्षा, उतनी महंगी किताबें : उन्होंने आरोप लगाया कि किताबों के हर साल अध्याय बदल दिए जाते हैं, जिससे पुरानी किताबें बेकार हो जाएं. कक्षा जितनी छोटी, किताबें उतनी महंगी, यह भी एक मनोवैज्ञानिक चाल है. सैलजा ने सरकार से मांग की कि शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए और सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारी जाए, ताकि अभिभावकों को मजबूरी में लूट सहन न करनी पड़े.

अंबाला-पटियाला ट्रेन विस्तार के लिए सैलजा ने लिखा रेल मंत्री को पत्र : सांसद सैलजा ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर गाड़ी संख्या 54557/54558 अंबाला छावनी–पटियाला पैसेंजर का विस्तार नरवाना तक करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पटियाला के लिए नरवाना से सीधी रेल सेवा नहीं होने से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है. उन्होंने सुझाव दिया कि ट्रेन का विस्तार धूरी, जाखल, टोहाना होते हुए नरवाना तक किया जाए. यह क्षेत्र धार्मिक, खेल और व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
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