जबलपुर: राज्य तीरंदाज एकेडमी के खिलाड़ियों ने अपने कोच और सपोर्ट स्टॉफ पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. जबलपुर में दो माह पहले ही नई एकेडमी बनकर तैयार हुई है. जिला खेल अधिकारी का कहना है कि अकादमी में जमे हुए पुराने खिलाड़ी और पूर्व कोच राजनीति करवा रहे हैं. शायद इसी टकराव की वजह से कई दिनों से जबलपुर खेल अकादमी से कोई अच्छा खिलाड़ी नहीं निकल पाया है. बता दें कि यहां से निकलकर मुस्कान किरार ने एशियन गेम्स में रजत पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था.
कोच पर मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप
मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर में राज्य तीरंदाज अकादमी के नए परिसर की शुरुआत की है. अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस यह अकादमी जबलपुर के गोकलपुर तालाब के पास में स्थित है. इस अकादमी में हॉस्टल जैसी सभी सुविधाएं दी गई हैं. जबलपुर में अभी तक राज्य तीरंदाज एकेडमी रानीताल क्रिकेट स्टेडियम के पवेलियन में चल रही है. जबलपुर में राज्य तीरंदाज एकेडमी के खिलाड़ियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा है.
खिलाड़ियों का आरोप है कि उन्हें जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे तीरंदाज अकादमी के कोच अशोक यादव और अकादमी में ही काम करने वाली अरुणा परेशान करती हैं. अकादमी में खेल गतिविधियां नहीं हो रही हैं. यहां तक की खिलाड़ियों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में नहीं भेजा जा रहा है.
'जमे खिलाड़ियों को हटाकर नए टैलेंट को मिलेगा मौका'
मामले को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने जबलपुर खेल अधिकारी आशीष पांडे से बात की. आशीष पांडे ने कहा, "हमारे पास किसी भी खिलाड़ी का कोई इस्तीफा नहीं आया है. जहां तक खेल गतिविधियां बंद होने का सवाल है, तो पुरानी खेल अकादमी से नई बिल्डिंग में खेल अकादमी शिफ्ट हो रही है. इसलिए एक सेशन ब्रेक दिया गया है.
खिलाड़ियों द्वारा कोच पर आरोप लगाने के पीछे राज्य खेल अकादमी के पुराना कोच रिजपाल का हाथ है. वो ऐसा करने के लिए खिलाड़ियों को भड़का रहे हैं. जबकि वह खुद एकेडमी छोड़कर चले गए हैं. अकादमी में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो कई सालों से जमे हुए हैं. उन्हें हटाकर नए टैलेंटेड खिलाड़ियों को लाना है. इसलिए इस तरह का विरोध सामने आ रहा है."