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भीषण गर्मी पर मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन जारी, 3 घंटे का अलर्ट - MP HEALTH DEPT HEATWAVE GUIDELINES

भीषण गर्मी और हीटवेव के चलते मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दी है. गर्भवती महिलाओं, श्रमिकों के लिए विशेष निर्देश दिए.

MP health dept heatwave guidelines
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव को लेकर जारी की गाइडलाइन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 11, 2025 at 4:01 PM IST

Updated : April 11, 2025 at 4:40 PM IST

4 Min Read

भोपाल: भीषण गर्मी और हीटवेव को देखते हुए मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर है. नागरिकों को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए विभाग ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है. इसमें गर्भवती महिलाओं और श्रमिकों के लिए विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं. एनएचएम की प्रबंध संचालक डॉ सलोनी सिडाना ने प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन और अस्पताल अधीक्षकों को गर्मी को देखते हुए नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आवश्यक तैयारी और जागरूकता के निर्देश दिए हैं.

श्रमिकों के लिए छांव की व्यवस्था करें

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश के अनुसार "नियोक्ताओं को काम की जगह पर ठंडा पेयजल उपलब्ध कराना अनिवार्य है. हर 20 मिनट में श्रमिकों को पानी पीने की सलाह दी जाए. काम को सुबह-शाम के समय शेड्यूल करें. श्रमिकों के कार्य स्थल पर छांव की व्यवस्था करें और कार्य के बीच पर्याप्त आराम दें. नए श्रमिकों के लिए कार्य का समय धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि वे मौसम के अनुसार ढल सकें. श्रमिकों को गर्मी से संबंधित लक्षणों की पहचान और प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग दें. वहीं गर्भवती या बीमार श्रमिकों से काम कराने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना भी आवश्यक है."

National Health Mission guidelines
एनएचएम ने भीषण गर्मी को लेकर जारी की गाइडलाइन (ETV Bharat)

बीमारी से बचने के ये 3 घंटे अहम

एनएचएम की प्रबंध संचालक डॉ सलोनी सिडाना ने नागरिकों से अपील की है कि "दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बाहर न निकलें. इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है. भारी कामकाज या शारीरिक मेहनत भी टालें. नंगे पांव बाहर न निकलें. गर्मी में खाना पकाते समय रसोई में वेंटिलेशन रखें. शराब, चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स या अधिक मीठे पेयों से बचें. ये शरीर से तरलता कम करते हैं. बासी और भारी प्रोटीन युक्त भोजन न करें. किसी भी परिस्थिति में बच्चों या पालतू जानवरों को बंद वाहन में न छोड़ें. धूप में निकलते समय शरीर को पूरी तरह ढंकना बेहद जरूरी है. हल्के रंग के सूती और ढीले कपड़े पहनें ताकि गर्मी से राहत मिल सके. सिर को टोपी, छतरी, गमछा या पारंपरिक उपायों से ढकना चाहिए."

इन लक्षणों से समझिए गर्मी से होने वाली बीमारियां

अत्यधिक गर्मी से शरीर का तापमान ऊपर जा सकता है, जिससे हीट स्ट्रेस, हीट रैश, हाथ-पांव सूजना, मांसपेशियों की ऐंठन, चक्कर आना, हीट एक्सहॉशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इससे दिल, फेफड़े, किडनी जैसी पुरानी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं. लक्षणों में चक्कर, बेहोशी, उल्टी, सिरदर्द, बहुत ज्यादा प्यास, गाढ़ा पेशाब, तेज सांस और दिल की धड़कन शामिल हैं. मांसपेशियों की ऐंठन होने पर तुरंत ठंडे स्थान पर आराम करें और ओआरएस पिएं. यदि ऐंठन एक घंटे से अधिक रहे तो डॉक्टर से परामर्श लें.

हीट स्ट्रोक आने पर यहां करें काल

हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है. इसमें शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर हो सकता है और व्यक्ति बेहोश, भ्रमित या चिड़चिड़ा हो सकता है. त्वचा लाल, गर्म और सूखी हो जाती है. बच्चों में इसके संकेत दूध न पीना, चिड़चिड़ापन, पेशाब कम होना, आंखों का धंसना, सुस्ती या झटका आना, शरीर से खून आना आदि शामिल है. यदि ऐसी कोई परिसिथति होती है, तो 108 या 102 पर कॉल करें. व्यक्ति को ठंडी जगह ले जाएं. ठंडा पानी लगाएं, पंखा करें. चिकित्सा सहायता मिलने तक ठंडा करते रहें.

गर्मी में इस तरह शरीर को रखें हाइड्रेटेड

गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी होना आम समस्या है, जिससे गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं. नागरिक दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें, भले ही प्यास न लगे. यात्रा करते समय पानी अवश्य साथ रखें. ओआरएस, नींबू पानी, लस्सी, छाछ, फलों के रस (थोड़ा नमक मिलाकर) जैसे घरेलू पेयों का सेवन लाभकारी होता है. तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानास, खीरा जैसी मौसमी फल-सब्जियों का सेवन शरीर में तरलता बनाए रखने में सहायक होता है. घर में ठंडी हवा का संचार बना रहे, इसके लिए दिन में खिड़कियां और पर्दे बंद रखें और रात में उन्हें खोल दें.

भोपाल: भीषण गर्मी और हीटवेव को देखते हुए मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर है. नागरिकों को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए विभाग ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है. इसमें गर्भवती महिलाओं और श्रमिकों के लिए विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं. एनएचएम की प्रबंध संचालक डॉ सलोनी सिडाना ने प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन और अस्पताल अधीक्षकों को गर्मी को देखते हुए नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आवश्यक तैयारी और जागरूकता के निर्देश दिए हैं.

श्रमिकों के लिए छांव की व्यवस्था करें

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश के अनुसार "नियोक्ताओं को काम की जगह पर ठंडा पेयजल उपलब्ध कराना अनिवार्य है. हर 20 मिनट में श्रमिकों को पानी पीने की सलाह दी जाए. काम को सुबह-शाम के समय शेड्यूल करें. श्रमिकों के कार्य स्थल पर छांव की व्यवस्था करें और कार्य के बीच पर्याप्त आराम दें. नए श्रमिकों के लिए कार्य का समय धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि वे मौसम के अनुसार ढल सकें. श्रमिकों को गर्मी से संबंधित लक्षणों की पहचान और प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग दें. वहीं गर्भवती या बीमार श्रमिकों से काम कराने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना भी आवश्यक है."

National Health Mission guidelines
एनएचएम ने भीषण गर्मी को लेकर जारी की गाइडलाइन (ETV Bharat)

बीमारी से बचने के ये 3 घंटे अहम

एनएचएम की प्रबंध संचालक डॉ सलोनी सिडाना ने नागरिकों से अपील की है कि "दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बाहर न निकलें. इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है. भारी कामकाज या शारीरिक मेहनत भी टालें. नंगे पांव बाहर न निकलें. गर्मी में खाना पकाते समय रसोई में वेंटिलेशन रखें. शराब, चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स या अधिक मीठे पेयों से बचें. ये शरीर से तरलता कम करते हैं. बासी और भारी प्रोटीन युक्त भोजन न करें. किसी भी परिस्थिति में बच्चों या पालतू जानवरों को बंद वाहन में न छोड़ें. धूप में निकलते समय शरीर को पूरी तरह ढंकना बेहद जरूरी है. हल्के रंग के सूती और ढीले कपड़े पहनें ताकि गर्मी से राहत मिल सके. सिर को टोपी, छतरी, गमछा या पारंपरिक उपायों से ढकना चाहिए."

इन लक्षणों से समझिए गर्मी से होने वाली बीमारियां

अत्यधिक गर्मी से शरीर का तापमान ऊपर जा सकता है, जिससे हीट स्ट्रेस, हीट रैश, हाथ-पांव सूजना, मांसपेशियों की ऐंठन, चक्कर आना, हीट एक्सहॉशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इससे दिल, फेफड़े, किडनी जैसी पुरानी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं. लक्षणों में चक्कर, बेहोशी, उल्टी, सिरदर्द, बहुत ज्यादा प्यास, गाढ़ा पेशाब, तेज सांस और दिल की धड़कन शामिल हैं. मांसपेशियों की ऐंठन होने पर तुरंत ठंडे स्थान पर आराम करें और ओआरएस पिएं. यदि ऐंठन एक घंटे से अधिक रहे तो डॉक्टर से परामर्श लें.

हीट स्ट्रोक आने पर यहां करें काल

हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है. इसमें शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर हो सकता है और व्यक्ति बेहोश, भ्रमित या चिड़चिड़ा हो सकता है. त्वचा लाल, गर्म और सूखी हो जाती है. बच्चों में इसके संकेत दूध न पीना, चिड़चिड़ापन, पेशाब कम होना, आंखों का धंसना, सुस्ती या झटका आना, शरीर से खून आना आदि शामिल है. यदि ऐसी कोई परिसिथति होती है, तो 108 या 102 पर कॉल करें. व्यक्ति को ठंडी जगह ले जाएं. ठंडा पानी लगाएं, पंखा करें. चिकित्सा सहायता मिलने तक ठंडा करते रहें.

गर्मी में इस तरह शरीर को रखें हाइड्रेटेड

गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी होना आम समस्या है, जिससे गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं. नागरिक दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें, भले ही प्यास न लगे. यात्रा करते समय पानी अवश्य साथ रखें. ओआरएस, नींबू पानी, लस्सी, छाछ, फलों के रस (थोड़ा नमक मिलाकर) जैसे घरेलू पेयों का सेवन लाभकारी होता है. तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानास, खीरा जैसी मौसमी फल-सब्जियों का सेवन शरीर में तरलता बनाए रखने में सहायक होता है. घर में ठंडी हवा का संचार बना रहे, इसके लिए दिन में खिड़कियां और पर्दे बंद रखें और रात में उन्हें खोल दें.

Last Updated : April 11, 2025 at 4:40 PM IST
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