ग्वालियर: मध्य प्रदेश आरक्षक जीडी भर्ती परीक्षा 2023 में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. आधार कार्ड में फोटो बदलकर सॉल्वर से परीक्षा दिलवाने के मामले में ग्वालियर में 5 अभ्यर्थियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. ये घोटाला चयनित अभ्यर्थियों के बैकग्राउंड जांच के दौरान सामने आया है.
मध्य प्रदेश आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में फर्जीवाड़ा
15 सितंबर 2023 को मध्य प्रदेश आरक्षक जीडी भर्ती परीक्षा 2023 के तहत ग्वालियर में लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था. रिजल्ट के साथ ही चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी शासन ने जारी कर दी. इसके बाद जब सभी चयनित अभ्यर्थियों की नियम के अनुसार आधार हिस्ट्री चेक कराई गई तो जांच दल ने पाया कि, मुरैना के उमेश रावत, विवेक और इमरान, श्योपुर के दीपक सिंह रावत और शिवपुरी जिले के रहने वाले हक्के रावत के आधार बायोमेट्रिक कई बार अपडेट किए गए थे जो परीक्षा से पहले और बाद में हुए थे.
परीक्षा के पहले और बाद में अपडेट कराए थे आधार में फोटो
इस मामले की जांच कर रहे जांच दल ने जब इन सभी के आधार डेटा चेक किए तो पता चला कि इन पांचों अभ्यर्थियों ने जुलाई 2023 में सबसे पहले आधार फोटो अपडेट कराए थे और अपनी जगह सॉल्वर के फोटो आधार में लगवाए थे और ठीक इसी तरह परीक्षा के बाद एक बार फिर फोटो में बदलाव कर अपने मूल फोटो अपडेट कराए थे.
रिकॉर्ड में ना फोटो मैच हुआ ना हैंडराइटिंग
फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद मामले की जांच कर रही कमेटी ने मध्य प्रदेश कर्मचारी मंडल से लिखित परीक्षा से संबंधित सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड मांगे. इसकी जब जांच की गई तो लिखित परीक्षा में आवेदन के फोटो और अभी के फोटो अलग-अलग पाए गए. वहीं लिखित परीक्षा की आंसर शीट पर भी हैंडराइटिंग भी मैच नहीं हुई. इस स्थिति से साफ था कि इन अभ्यर्थियों ने आधार में बायोमेट्रिक अपडेट में सॉल्वर का फोटो अपडेट करवाया था. और उसी से परीक्षा दिलवाकर धोखाधड़ी की गई है.
पांचों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
इस पूरे मामले की स्थिति स्पष्ट होने पर 14वीं वाहिनी के उप निरीक्षक रघुनंदन शर्मा ने कंपू थाना पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत की थी. जिस पर मुरैना के 3, शिवपुरी और श्योपुर के एक-एक अभ्यर्थी सहित कुल 5 अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लिखित परीक्षा में धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है और उनकी तलाश शुरू कर दी है.
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'अब परीक्षाओं में फाउल प्ले आसान नहीं'
ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि "अब भर्ती परीक्षाओं में काफी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है. किसी भी स्तर पर यदि धोखाधड़ी का प्रयास किया जाता है तो तुरंत पकड़ में आते हैं. इन आरोपियों के साथ भी वही हुआ जब चयनित होने के बाद सभी आरोपी आए और उनके डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन हुआ तो आधारकार्ड अपडेशन, फिंगरप्रिंट और हैंडराइटिंग मिसमैच पाई गई. छानबीन समिति ने पाया कि इन लोगों के दस्तावेजों में हेराफेरी की गई है. उनकी शिकायत पर कंपू पुलिस थाने में इन कैंडिडेट्स पर एफआईआर दर्ज की गई है."