ETV Bharat / state

ग्वालियर चंबल ने धोया काला दाग, बोर्ड एग्जाम में सबसे कम नकल का बनाया रिकॉर्ड - CHEATING CASE IN MP BOARD EXAM

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नकल रोकने के लिए इस बार गांधीगीरी का सहारा लिया था. परीक्षा केंद्रों के बाहर ईमानदारी की पेटी लगाई गई थी.

CHEATING CASE IN MP BOARD EXAM
मध्य प्रदेश में इस बार नकल के प्रकरणों में आई कमी (getty image)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : March 27, 2025 at 3:46 PM IST

Updated : March 27, 2025 at 6:37 PM IST

3 Min Read

भोपाल: माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा के दौरान मध्य प्रदेश में इस बार नकल के प्रकरणों में पिछले साल के मुकाबले कमी आई है. नकल के लिए बदनाम ग्वालियर-चंबल संभाग में सबसे कम नकल हुई. ऐसे में दूसरे जिलों को रिकॉर्ड बनाने का मौका मिल गया. इस बार सर्वाधिक नकल सागर जिले में हुई. जहां करीब 15 प्रतिशत छात्रों को नकल के साथ या नकल करते हुए पकड़ा गया.

नकल में 68 प्रतिशत की गिरावट

माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी ने बताया कि "एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार नकल प्रकरणों में 68 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है. हाई स्कूल और हायर सेकंडरी बोर्ड के 6 पेपरों में तो एक भी नकल प्रकरण नहीं बना. ग्वालियर-चंबल संभाग में भी नकल प्रकरणों में गिरावट आई है. इस बार सर्वाधिक मंडला और सागर में नकल प्रकरण बनाए गए. बता दें कि एमपी बोर्ड की परीक्षा 25 मार्च को समाप्त हुई है. हाई स्कूल और हायर सेकंडरी में कुल 84 नकल प्रकरण बनाए गए हैं. जबकि साल 2024 में 255 नकल प्रकरण बनाए गए थे."

mp Board of Secondary Education
माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश (ETV Bharat)

काम कर गई ईमानदारी की पेटी

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नकल रोकने के लिए इस बार गांधीगीरी का सहारा लिया था. परीक्षा केंद्रों के बाहर ईमानदारी की पेटी लगाई गई थी. एग्जाम सेंटर पर परीक्षार्थियों की काउंसलिंग भी कराई गई और उनको नकल से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस बार जहां परीक्षा में लगे स्टाफ ने मुस्तैदी दिखाई, वहीं ईमानदारी की पेटी ने परीक्षार्थियों का ह्रदय परिवर्तन किया. हालांकि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नकल रोकने के लिए दूसरी व्यवस्थाएं भी कर रखी थीं. प्रदेश में 684 उड़नदस्ता को लगाया गया था. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगए गए थे. इसके साथ ही शत प्रतिशत परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी भी लगाए गए थे.

क्यों रखी गई थी ईमानदारी की पेटी

परीक्षा केंद्रों पर नकल पर्ची रखने के लिए मंडल ने एक लोहे की पेटी रखी थी. जिसका नाम ईमानदारी की पेटी रखा गया था. इस पेटी में छात्र अपनी ईमानदारी से कोई नकल सामग्री, जिसमें गाइड चिट सामग्री है, तो उसमें डाल सकते थे. ईमानदारी की इस पेटी ने स्टूडेंट्स को नकल रोकने में मदद की.

अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान में सबसे ज्यादा नकल

इस बार सबसे अधिक नकल प्रकरण 10वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान में बने. 13 मार्च को आयोजित 10वीं के पेपर में 26 नकल प्रकरण बनाए गए. इसी प्रकार 12वीं कक्षा में सबसे अधिक 28 फरवरी को अंग्रेजी की परीक्षा में 21 नकल प्रकरण बनाए गए.
इसके अलावा 17 मार्च को आयोजित 12वीं के इतिहास और रसायन शास्त्र में 10 नकल प्रकरण बनाए गए. 10 मार्च को आयोजित 10वीं के गणित में 6 नकल प्रकरण और 10वीं के अंग्रेजी विषय में 9 नकल प्रकरण बनाए गए. वहीं सबसे अधिक नकल प्रकरध बनने वाले जिलों में इस बार सागर टॉप पर है.

भोपाल: माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा के दौरान मध्य प्रदेश में इस बार नकल के प्रकरणों में पिछले साल के मुकाबले कमी आई है. नकल के लिए बदनाम ग्वालियर-चंबल संभाग में सबसे कम नकल हुई. ऐसे में दूसरे जिलों को रिकॉर्ड बनाने का मौका मिल गया. इस बार सर्वाधिक नकल सागर जिले में हुई. जहां करीब 15 प्रतिशत छात्रों को नकल के साथ या नकल करते हुए पकड़ा गया.

नकल में 68 प्रतिशत की गिरावट

माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव केडी त्रिपाठी ने बताया कि "एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार नकल प्रकरणों में 68 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है. हाई स्कूल और हायर सेकंडरी बोर्ड के 6 पेपरों में तो एक भी नकल प्रकरण नहीं बना. ग्वालियर-चंबल संभाग में भी नकल प्रकरणों में गिरावट आई है. इस बार सर्वाधिक मंडला और सागर में नकल प्रकरण बनाए गए. बता दें कि एमपी बोर्ड की परीक्षा 25 मार्च को समाप्त हुई है. हाई स्कूल और हायर सेकंडरी में कुल 84 नकल प्रकरण बनाए गए हैं. जबकि साल 2024 में 255 नकल प्रकरण बनाए गए थे."

mp Board of Secondary Education
माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश (ETV Bharat)

काम कर गई ईमानदारी की पेटी

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नकल रोकने के लिए इस बार गांधीगीरी का सहारा लिया था. परीक्षा केंद्रों के बाहर ईमानदारी की पेटी लगाई गई थी. एग्जाम सेंटर पर परीक्षार्थियों की काउंसलिंग भी कराई गई और उनको नकल से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस बार जहां परीक्षा में लगे स्टाफ ने मुस्तैदी दिखाई, वहीं ईमानदारी की पेटी ने परीक्षार्थियों का ह्रदय परिवर्तन किया. हालांकि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नकल रोकने के लिए दूसरी व्यवस्थाएं भी कर रखी थीं. प्रदेश में 684 उड़नदस्ता को लगाया गया था. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगए गए थे. इसके साथ ही शत प्रतिशत परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी भी लगाए गए थे.

क्यों रखी गई थी ईमानदारी की पेटी

परीक्षा केंद्रों पर नकल पर्ची रखने के लिए मंडल ने एक लोहे की पेटी रखी थी. जिसका नाम ईमानदारी की पेटी रखा गया था. इस पेटी में छात्र अपनी ईमानदारी से कोई नकल सामग्री, जिसमें गाइड चिट सामग्री है, तो उसमें डाल सकते थे. ईमानदारी की इस पेटी ने स्टूडेंट्स को नकल रोकने में मदद की.

अंग्रेजी और सामाजिक विज्ञान में सबसे ज्यादा नकल

इस बार सबसे अधिक नकल प्रकरण 10वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान में बने. 13 मार्च को आयोजित 10वीं के पेपर में 26 नकल प्रकरण बनाए गए. इसी प्रकार 12वीं कक्षा में सबसे अधिक 28 फरवरी को अंग्रेजी की परीक्षा में 21 नकल प्रकरण बनाए गए.
इसके अलावा 17 मार्च को आयोजित 12वीं के इतिहास और रसायन शास्त्र में 10 नकल प्रकरण बनाए गए. 10 मार्च को आयोजित 10वीं के गणित में 6 नकल प्रकरण और 10वीं के अंग्रेजी विषय में 9 नकल प्रकरण बनाए गए. वहीं सबसे अधिक नकल प्रकरध बनने वाले जिलों में इस बार सागर टॉप पर है.

Last Updated : March 27, 2025 at 6:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.