ETV Bharat / state

सांसद अमराराम बोले- राजस्थान के 70% गांवों में अब भी नहीं पहुंचा शुद्ध पानी, सरकार झूठ बोल रही है - AMRARAM ON DRINKING WATER

सांसद अमराराम ने कहा कि जल जीवन मिशन के मामले में राजस्थान सबसे निचले पायदान पर है.

सांसद अमराराम
सांसद अमराराम (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 10, 2025 at 5:52 PM IST

2 Min Read

जयपुर: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के केंद्रीय पोलित ब्यूरो के सदस्य और सीकर से लोकसभा सांसद कामरेड अमराराम का दावा है कि आजादी के 70 साल बाद भी राजस्थान के 70 फ़ीसदी गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है. लोग पानी को तरस रहे हैं. अमराराम ने कहा कि जल जीवन मिशन के मामले में राजस्थान सबसे निचले पायदान पर है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सीकर और झुंझुनू जिले में अभी तक कोई काम नहीं हुआ है.

जल जीवन मिशन फेल है: सांसद अमराराम ने कहा कि सरकार इंदिरा गांधी नहर का पानी सीकर और झुंझुनू जिलों में जल्द लाने की बात कह रही है, लेकिन अभी तक न तो कोई टेंडर निकला है और न ही कोई प्रक्रिया शुरू हुई है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब टेंडर ही नहीं हुआ तो फिर पानी कैसे आएगा? राजनीतिक हालातों पर टिप्पणी करते हुए अमराराम ने कहा कि राज्य सरकार पर ब्यूरोक्रेसी का नियंत्रण है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्वाचन क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि वहां तक में अधिकारी उनकी नहीं सुनते, जिससे साफ है कि सरकार की पकड़ कमजोर है.

अमराराम, सीकर सांसद (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- कम्युनिस्ट पार्टी का जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन, सांसद अमराराम बोले-मोदी सरकार पूंजीपतियों की समर्थक

गंगाजल से शुद्धिकरण पर सवाल: अमराराम ने दलितों पर बढ़ते अत्याचार पर चिंता जताई और कहा कि इस मामले में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है. उन्होंने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद गंगाजल से शुद्धिकरण कराना बेहद शर्मनाक है. उन्होंने मांग की कि ऐसे कृत्य करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए.

सड़कों पर संघर्ष का ऐलान: उन्होंने बताया कि 2 से 6 अप्रैल को तमिलनाडु के मदुरै में हुए माकपा के 240वें अधिवेशन में यह तय किया गया है कि केंद्र सरकार की सांप्रदायिकता और नवउदारवादी आर्थिक नीतियों के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 20 मई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश भर के मजदूर संगठन भाग लेंगे. अमराराम ने कहा कि पहले देश की ट्रेड यूनियनों ने 44 श्रम कानून लड़कर हासिल किए थे, लेकिन कोरोना काल के दौरान मोदी सरकार ने उन्हें खत्म कर ‘पूंजीपति संहिता’ लागू कर दी. इसके विरोध में भी मजदूर संगठन सड़कों पर उतरेंगे.

जयपुर: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के केंद्रीय पोलित ब्यूरो के सदस्य और सीकर से लोकसभा सांसद कामरेड अमराराम का दावा है कि आजादी के 70 साल बाद भी राजस्थान के 70 फ़ीसदी गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है. लोग पानी को तरस रहे हैं. अमराराम ने कहा कि जल जीवन मिशन के मामले में राजस्थान सबसे निचले पायदान पर है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सीकर और झुंझुनू जिले में अभी तक कोई काम नहीं हुआ है.

जल जीवन मिशन फेल है: सांसद अमराराम ने कहा कि सरकार इंदिरा गांधी नहर का पानी सीकर और झुंझुनू जिलों में जल्द लाने की बात कह रही है, लेकिन अभी तक न तो कोई टेंडर निकला है और न ही कोई प्रक्रिया शुरू हुई है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब टेंडर ही नहीं हुआ तो फिर पानी कैसे आएगा? राजनीतिक हालातों पर टिप्पणी करते हुए अमराराम ने कहा कि राज्य सरकार पर ब्यूरोक्रेसी का नियंत्रण है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्वाचन क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि वहां तक में अधिकारी उनकी नहीं सुनते, जिससे साफ है कि सरकार की पकड़ कमजोर है.

अमराराम, सीकर सांसद (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- कम्युनिस्ट पार्टी का जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन, सांसद अमराराम बोले-मोदी सरकार पूंजीपतियों की समर्थक

गंगाजल से शुद्धिकरण पर सवाल: अमराराम ने दलितों पर बढ़ते अत्याचार पर चिंता जताई और कहा कि इस मामले में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है. उन्होंने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद गंगाजल से शुद्धिकरण कराना बेहद शर्मनाक है. उन्होंने मांग की कि ऐसे कृत्य करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए.

सड़कों पर संघर्ष का ऐलान: उन्होंने बताया कि 2 से 6 अप्रैल को तमिलनाडु के मदुरै में हुए माकपा के 240वें अधिवेशन में यह तय किया गया है कि केंद्र सरकार की सांप्रदायिकता और नवउदारवादी आर्थिक नीतियों के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 20 मई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश भर के मजदूर संगठन भाग लेंगे. अमराराम ने कहा कि पहले देश की ट्रेड यूनियनों ने 44 श्रम कानून लड़कर हासिल किए थे, लेकिन कोरोना काल के दौरान मोदी सरकार ने उन्हें खत्म कर ‘पूंजीपति संहिता’ लागू कर दी. इसके विरोध में भी मजदूर संगठन सड़कों पर उतरेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.