नई दिल्ली/ गाजियाबाद: NCR में युवाओं और महिलाओं को रोजगार देने के लिए 'हेड हेल्ड हाई फाउंडेशन' और जिला परियोजना प्रबंधन इकाई (DPMU), गाज़ियाबाद के बीच एक एमओयू पर साइन किए गए हैं. उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन के अंतर्गत इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं. उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन (UPSDM) के तहत जिला परियोजना प्रबंधन इकाई, गाजियाबाद की ओर से अभिनव गोपाल, DPMU के उपाध्यक्ष व मुख्य विकास अधिकारी और के.डी. मिश्रा (सचिव DPMU) भी उपस्थित थे.
3 साल के लिए MoU साइन: तीन वर्ष की अवधि वाले MoU में युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार योग्यता और बिजनेस स्किल्स और अवसरों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से काम किया जाएगा. यह MoU सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत कौशल विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है.
शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मिलकर काम करेगा प्रशासन: इस साझेदारी के माध्यम से “हेड हेल्ड हाई फाउंडेशन” और जिला प्रशासन गाजियाबाद, वंचित समुदायों के युवाओं के लिए समावेशी और समान आजीविका के अवसर सृजित करने का प्रयास करेंगे. यह साझेदारी शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर करियर मार्गदर्शन, डिजिटल स्किलिंग और उद्यमिता सहायता जैसी सेवाएं प्रदान करेगी ताकि छात्र बदलते हुए नौकरी बाज़ार के लिए तैयार हो सकें.
गाज़ियाबाद के शहरी झुग्गी क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं और महिलाओं को लक्षित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा. जिससे वे जीवन और कार्य से जुड़ी जरूरी क्षमताएं विकसित कर सकें. उद्योग साझेदारों के साथ समन्वय स्थापित कर यह पहल प्रशिक्षण और अवसरों के बीच की दूरी को पाटेगी, जिससे सतत रोजगार या स्व-रोजगार सुनिश्चित हो सके.
अभिनव गोपाल (उपाध्यक्ष DPMU / मुख्य विकास अधिकारी) ने कहा, “यह साझेदारी एक प्रणालीगत दृष्टिकोण को अपनाकर वंचित युवाओं और महिलाओं के लिए अवसरों के द्वार खोलने में सहायक होगी. स्थानीय संस्थानों और ढांचे का लाभ उठाकर हम प्रभावशाली कार्रवाई बड़े स्तर पर करेंगे."
“इस साझेदारी के माध्यम से हम अपनी सामूहिक ताकत को जोड़ रहे हैं ताकि एक समावेशी और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण किया जा सके." के.डी. मिश्रा (सचिव DPMU)
जबकि हेड हेल्ड फाउंडेशन के CEO पंकज सिंह ठाकुर ने कहा “हम गाज़ियाबाद जिले में एक Livelihood Centre की स्थापना की घोषणा भी करते हैं, जहां कौशल प्रशिक्षण, उद्यमिता सहयोग और उद्योग से जुड़ाव की सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही हम एक समग्र ‘इकोसिस्टम मैपिंग’ भी करेंगे जिससे स्थानीय अवसरों के अनुसार हमारी पहल संरेखित हो सके और दीर्घकालिक, सतत प्रभाव उत्पन्न हो."
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