जोधपुर : गंदे पानी का नाला बन चुकी जोजरी नदी, अब आसपास रहने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. खासकर मैलाबा गांव जिसके आस पास इस दूषित नदी का काला पानी फैला हुआ है. वहां इतने मच्छर हैं कि रात को बिना मच्छरदानी के कोई सो नहीं सकता. इस दौरान अगर लाइट चली जाए तो लोगों का जीना और मुश्किल हो जाता है. शनिवार को शाम को लाइट जाने से मच्छरों ने एक मासूम के चेहरे को काटकर लाल कर दिया. सोशल मीडिया में यह मुद्दा गर्माया तो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जागा और धवा क्षेत्र में टीमें भेजी, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि इससे कुछ नहीं होना है. ऐसे हालात तो आए दिन हो रहे हैं. अब जोजरी में बहने वाले प्रदूषित पानी का इलाज करना होगा.
शाम को दिखता है मच्छरों का बवंडर : जोधपुर के औद्योगिक क्षेत्र से निकला पानी जोजरी में करीब 40 किमी तक बहता हुआ बालोतरा जिले तक जाता है. जोधपुर से बस से शाम को जाते हैं तो भांडू गांव के आगे से जहरीले तेजाबी पानी की बदबू आने लगती है, जिससे पता चल जाता है कि जोजरी क्षेत्र शुरू हो गया है. इस क्षेत्र में इन दिनों शाम को आकाश में मच्छरों का बवंडर देखा जा सकता है. मच्छर रात होने पर आसपास रहने वाले घरों में घुस जाते हैं. लूणी विधानसभा क्षेत्र के मैलबा निवासी श्रवणराम ने बताया कि एक भी घर ऐसा नहीं है, जहां बिना मच्छरदानी के कोई सो सकता है. रात को मच्छरदानी से अगर हाथ भी बाहर निकल गया तो समझों मच्छरों का निशाना बन जाता है.
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स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लिया जायजा : शनिवार को मासूम की फोटो वायरल होने पर धवा खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी की टीम मैलबा के निकट बजरंग नगर पहुंची. बीसीएमएचओ मोहनदान ने बताया कि चार टीमों ने क्षेत्र में सर्वे कर एंटी लार्वा एक्टिविटी की है. बच्ची के स्वास्थ्य का भी परिक्षण किया. बिजली नहीं होने से खुले में सोने से मच्छरों के काटने से एलर्जी हो गई. वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है. ग्रामीण दिनेश ने बताया कि नदी अब गंदा नाला बन गई हैं. मच्छरों से आस पास के लोग परेशान हैं. रात को कोई खुले में सो नहीं सकता.

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मंत्री बोले 176 करोड़ मिले हैं : लूणी विधायक एवं भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने माना कि जोजरी में प्रदूषित पानी बरसों से आ रहा है, जो नहीं आना चाहिए था. इस पानी के ट्रीटमेंट के लिए लगे प्लांट को दुरुस्त करवा रहे हैं, इसके अलावा सरकार 176 करोड़ का प्रोजेक्ट इस परेशानी को खत्म करने के लिए लाई है. इसके पूरी तरह से क्रियान्वयन होने पर समस्या का समाधान हो सकेगा. बता दें कि नदियों को पुर्नजीवित करने की केंद्र की योजना के तहत बजट की अभिशंषा हुई है, जिसकी घोषणा विधानसभा में सरकार ने हाल ही में की है. अगर यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो जाता है तो परेशानी का समाधान हो सकेगा.

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जहर से सबकुछ हो रहा बर्बाद : जोजरी नदी में जोधपुर के औद्योगिक इलाके की कई इंडस्ट्रीज का वेस्टेज आता है. इनमें स्टील और टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज का तेजाबी और केमिकल युक्त पानी भी शामिल है. जोधपुर में 300 के करीब फैक्ट्रियां सरकार की परमिशन से चल रही हैं, लेकिन इतनी ही अवैध फैक्ट्रियां टेक्सटाइल के केमिकल युक्त पानी को नदी में छोड़ देती है. इसके अलावा स्टील के कारोबार से जुड़े कारखाने का भी यही आलम है और उनकी संख्या भी 100 के करीब है.

नदी में बह रहे इस खतरनाक रसायन की जद में सालावास, नंदवान, राजेश्वर नगर, मेलबा, डोली और कल्याणपुर गांव और यहां की जमीन भी आ रही है. इन क्षेत्रों में कैमिकल पानी से खेती हो रही है, ज्यादातर जमीनें बंजर हो गई. आमजन को स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. आसपास के घरों की नींवों में पानी भरने से दरारें आ गई हैं. बच्चों का स्कूल जाना तक मुहाल हो गया है.
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