मुरैना: कैलारस तहसील के सुजानगढ़ में पागल कुत्ते ने एक मासूम को अपना निशाना बना लिया. घर से 50 मीटर दूर पर शौच कर रही बच्ची पर कुत्ते ने बुरी तरह से हमला कर दिया. कुत्ते ने मासूम के माथे, होठ और गाल का मांस खींचकर बाहर निकाल लिया. गंभीर अवस्था में परिजन बच्ची को जिला अस्पताल लेकर गए. आरोप है कि डॉक्टरों ने घायल बच्ची को एंटी रेबीज और टिटनेस का इंजेक्शन लगाए बिना 45 किलोमीटर दूर ग्वालियर रेफर कर दिया. सिविल सर्जन ने कहा है कि मामले की जांच कराकर दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी.
शौच कर रही बच्ची पर पागल कुत्ते का हमला
मामला कैलारस थाना क्षेत्र अंतर्गत सुजानगढ़ी गांव का है. जहां पागल कुत्ते ने मासूम बच्ची पर हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया. बच्ची के पिता राहुल प्रजापति के अनुसार, रेनू प्रजापति ने अपनी 3 वर्षीय बेटी को घर के सामने करीब 50 मीटर दूर शौचालय में शौच के लिए बैठाकर घर में चली आई. इसी दौरान एक पागल कुत्ते ने मासूम पर हमला कर दिया. कुत्ते ने मासूम के माथे, होंठ और गाल के मांस को खींचकर बाहर निकाल लिया. बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर उसकी दादी चिल्लाते हुए दौड़ीं, तब कहीं जाकर कुत्ता मासूम को छोड़कर भागा.
डॉक्टरों ने बिना उपचार किया ग्वालियर रेफर
असहनीय दर्द से कराहती मासूम को उसके पिता राहुल 50 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल ले गए. आरोप है कि वहां डॉक्टरों ने अमानवीयता का परिचय देते हुए बच्ची को एंटी रेबीज या टिटनेस का इंजेक्शन लगाए बिना 45 किलोमीटर दूर ग्वालियर रेफर कर दिया. राहुल ने बताया कि "मैं इसी उम्मीद पर अपनी बेटी को जिला अस्पताल ले आया था कि प्राइमरी उपचार शुरू हो जाएगा. लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने बेटी का चेहरा देखते ही कह दिया कि सीधा ग्वालियर ले जाओ." उसके बाद लहूलुहान बच्ची को ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों ने सोमवार को क्षत-विक्षत चेहरे की सर्जरी कर दी थी.
- गलती से तेंदुए को समझ लिया कुत्ता! घर में घुसा तो उड़ गए होश, फिर हुआ कुछ ऐसा...
- बांधवगढ़ में चतुर बाघ का मवेशियों पर हमला, जबड़े में दबाया शिकार, थर्राया जंगल
'गलती पाए जाने पर डॉक्टर पर होगी कार्रवाई'
ईटीवी भारत के संवाददाता ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों के अमानवीय व्यवहार को मुरैना जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. गजेंद्र सिंह तोमर के संज्ञान में लाया. इस पर गजेंद्र सिंह तोमर ने कहा "आपके द्वारा ये मामला मेरे संज्ञान में आया है. मैं इसके बारे में जानकारी करता हूं. अगर डॉक्टरों ने घायल बच्ची को न तो एंटी रेबीज या टिटनेस का इंजेक्शन नहीं लगाया है, तो ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टरों से पूछा जाएगा. अगर उनकी गलती पाई जाएगी तो वैधानिक कार्रवाई होगी."