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चिता बुझने न पाए! मुरैना में अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद, बारिश में तिरपाल तानकर जलाई अर्थी - Morena Funeral Problem

मुरैना के हाथी पुरा गांव में अंतिम संस्कार के लिए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मंगलवार को अंतिम संस्कार के दौरान परिजन और ग्रामीण तिरपाल पकड़े नजर आए. ग्रामीणों ने बताया कि अंबाह जनपद में ऐसे करीब 2 दर्जन गांव हैं, जहां मुक्तिधाम की समस्या बनी हुई है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 7:39 AM IST

Updated : Sep 11, 2024, 8:25 AM IST

VILLAGE WITH NO CREMATION FACILITY
मुरैना में अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद (ETV Bharat)

मुरैना: अंबाह ब्लॉक के हाथी पुरा गांव में मुक्तिधाम नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खास कर बारिश के दिनों में अंतिम संस्कार के लिे लोगों को जद्दोजहद करना पड़ता है. बारिश के कारण अंतिम संस्कार करने से पहले लोगों को तिरपाल का इंतजाम करना होता है या फिर बारिश बंद होने का इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. मंगलवार को अंतिम संस्कार के दौरान एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें अंतिम संस्कार के दौरान लोग तिरपाल पकड़े नजर आ रहे हैं.

तिरपाल लगाकर किया गया अंतिम संस्कार (ETV Bharat)

अंतिम संस्कार में हो रही है परेशानी

मुरैना जिले के ऐसे कई गांव हैं, जहां मुक्तिधाम नहीं है. वहीं, बताया गया कि कुछ गांवों में शमशान घाट तो है लेकिन वहां टीनशेड नहीं लगे हैं, तो कुछ गांवों में शमशान घाट तक जाने के लिए पक्की सड़कें नहीं हैं. बारिश में अंतिम संस्कार करना परिजन के लिए भारी पड़ता है. ताजा मामला हाथी पुरा गांव का है जहां महिला के शव का अंतिम संस्कार तिरपाल की मदद से किया गया.

ग्रामीणों ने बताया कि अर्थी जलाने के लिए 2 घंटे तक लगातार बारिश में भीगते रहे. वहीं, दूसरी ओर इस बात का डर सता रहा था कि अगर अर्थी में आग लगने के बाद बारिश हो जाती तो दोबारा जला पाना बहुत मुश्किल हो जाता. ग्रामीणों का कहना है कि यह अकेले हाथी पुरा गांव में नहीं, बल्कि अंबाह जनपद के 2 दर्जन गांव में यही स्थिति है.

ये भी पढ़ें:

श्मशान घाट में अंधेरा, टॉर्च और बाइक की रोशनी में की गई अंतिम संस्कार की तैयारी

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'जल्द समस्या के निराकरण की होगी कोशिश'

इस मामले को लेकर अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद ने कहा कि, ''ये मामला बेहद ही गंभीर है. इस संबंध में जनपद से बात की जाएगी और सीईओ जिला पंचायत से बात करेंगे. कितनी जगह पर शेड नहीं इसकी जानकारी जुटाई जाएगी और उन सभी जगहों पर शेड बनाया जाना चाहिए. इस समस्या का जल्द निराकरण करने की कोशिश की जाएगी."

मुरैना: अंबाह ब्लॉक के हाथी पुरा गांव में मुक्तिधाम नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खास कर बारिश के दिनों में अंतिम संस्कार के लिे लोगों को जद्दोजहद करना पड़ता है. बारिश के कारण अंतिम संस्कार करने से पहले लोगों को तिरपाल का इंतजाम करना होता है या फिर बारिश बंद होने का इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. मंगलवार को अंतिम संस्कार के दौरान एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें अंतिम संस्कार के दौरान लोग तिरपाल पकड़े नजर आ रहे हैं.

तिरपाल लगाकर किया गया अंतिम संस्कार (ETV Bharat)

अंतिम संस्कार में हो रही है परेशानी

मुरैना जिले के ऐसे कई गांव हैं, जहां मुक्तिधाम नहीं है. वहीं, बताया गया कि कुछ गांवों में शमशान घाट तो है लेकिन वहां टीनशेड नहीं लगे हैं, तो कुछ गांवों में शमशान घाट तक जाने के लिए पक्की सड़कें नहीं हैं. बारिश में अंतिम संस्कार करना परिजन के लिए भारी पड़ता है. ताजा मामला हाथी पुरा गांव का है जहां महिला के शव का अंतिम संस्कार तिरपाल की मदद से किया गया.

ग्रामीणों ने बताया कि अर्थी जलाने के लिए 2 घंटे तक लगातार बारिश में भीगते रहे. वहीं, दूसरी ओर इस बात का डर सता रहा था कि अगर अर्थी में आग लगने के बाद बारिश हो जाती तो दोबारा जला पाना बहुत मुश्किल हो जाता. ग्रामीणों का कहना है कि यह अकेले हाथी पुरा गांव में नहीं, बल्कि अंबाह जनपद के 2 दर्जन गांव में यही स्थिति है.

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'जल्द समस्या के निराकरण की होगी कोशिश'

इस मामले को लेकर अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद ने कहा कि, ''ये मामला बेहद ही गंभीर है. इस संबंध में जनपद से बात की जाएगी और सीईओ जिला पंचायत से बात करेंगे. कितनी जगह पर शेड नहीं इसकी जानकारी जुटाई जाएगी और उन सभी जगहों पर शेड बनाया जाना चाहिए. इस समस्या का जल्द निराकरण करने की कोशिश की जाएगी."

Last Updated : Sep 11, 2024, 8:25 AM IST
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