मुरैना : मुरैना जिले में बिजली बकायादारों पर की गई सख्ती का असर दिखने लगा है. बीते मार्च माह में अभियान शुरू किया गया था. इस अभियान के तहत वसूली के लिए जेई ओर एई के अलावा राजस्व विभाग से तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को लगाया गया. अधिकारियों ने फ्रीहैंड होकर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 84 करोड़ की राशि वसूल की. सबसे अधिक वसूली सरकारी विभागों से की गई. .
सरकारी विभागों से 20 करोड़ एरियर मिला
हाईटेंशन लाइन के उच्च दाब उपभोक्ताओं से 37.88 करोड़ रुपए का राजस्व वसूली की गई. इस मामले में बिजली कंपनी के उप महाप्रबंधक यशपाल सचदेवा का कहना है "प्रशासन की मदद से सरकारी विभागों से 20 करोड़ का एरियर मिला है. इमार्च में 84 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. राजस्व में वृद्धि के चलते ग्वालियर-चंबल संभाग के 8 जिलों में मुरैना टॉप पर रहा है. वहीं जिन विभागों पर अभी बकाया राशि है, उनसे आने वाले दिनों में वसूली की जाएगी. किसानों से 400 करोड़ की वसूली के लिए अप्रैल में अभियान चलेगा.

इस माह धड़ाधड़ कटेंगे बिजली कनेक्शन
बिजली कंपनी के एसई ने बताया "रबी फसल की सिचाई के लिए किसानों ने बिजली कंपनी से कृषि पंपों के कनेक्शन तो लिए लेकिन पैसा समय पर जमा नहीं किया है. इससे किसानों पर 400 करोड़ रुपए का एरियर बकाया है. अप्रैल में फिर से किसानों को बिजली बिल जारी होने वाले हैं, क्योंकि रबी सीजन में सरसों व गेहूं की सिंचाई में जितनी बिजली की खपत हुई, उसका पैसा किसानों से वसूल किया जाएगा. बिजली कनेक्शन काटने की कार्रवाई 10 अप्रैल से शुरू होगी."
शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए तो मिले 10 लाख रुपए
मुरैना जिले में बिजली का बकाया राशि वसूलने के लिए कंपनी ने कलेक्टर कार्यालय की आर्म्स शाखा को 119 बड़े बकायादारों के शस्त्र लाइसेंस की सूची भेजी थी. लाइसेंस निरस्त करने के नोटिस जब बकायादारों के पास पहुंचे तो कंधे से शान उतरती देख लोगों ने मार्च में 10 लाख रुपए का एरियर बिजली कंपनी में जमा कराकर लाइसेंस निरस्त होने से बचा लिए. कलेक्टर की सख्ती के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग ने 3.5 करोड़ का भुगतान नहीं किया है.
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जल संसाधन विभाग पर 35 लाख बकाया
जल संसाधन विभाग ने बिजली बिल के 35 लाख रुपए का भुगतान मार्च बीतने तक जमा नहीं कराया. थानों व एसडीओपी कार्यालयों को मिलाकर पुलिस विभाग ने 1 करोड़ रुपए बिजली कंपनी में जमा नहीं किया जा सका. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पुलिस अधीक्षक ने कलेक्टर की तर्ज पर बिजली कंपनी से यह नहीं कहा "बिल भुगतान न होने की दशा में थानों की लाइट काट दी जाए." वहीं, एकीकृत बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की बिजली सप्लाई के 30 लाख रुपए का भुगतान 31 मार्च तक नहीं हुआ है.