मुरैना: जिला पुलिस के कारनामे का नया मामला सामने आया है. ऐसा आरोप है कि जिले की दिमनी थाना पुलिस ने कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए नोटिसेंबिल अपराध में न सिर्फ दोनों भाइयों को हवालात में बंद कर दिया, बल्कि उनकी जमकर पिटाई भी लगाई. पुलिस की मार से घायल दोनों भाई जिला अस्पताल में भर्ती होकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं.
एक्सीडेंट के बाद किया था चक्काजाम
मुरैना जिले के दिमनी थाना क्षेत्र स्थित रतीराम पुरा टोल प्लाजा के पास 8 अप्रैल को डाब का पुरा मौजा चांदपुर निवासी 40 वर्षीय बिट्टो बाई की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. मामले में दिमनी पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो परिजन व ग्रामीणों ने हाइवे अंबाह रोड पर चक्काजाम कर दिया था. उस दौरान पुलिस ने वीडियोग्राफी भी कराई और बाद कुछ लोगों के खिलाफ चक्काजाम करने का मामला दर्ज कर लिया.

पुलिस का आरोप पथराव करने वालों पर मामला दर्ज
पुलिस का आरोप है कि "चक्काजाम के दौरान कुछ उपद्रवी युवकों ने राहगीरों पर पथराव भी किया था. इस मामले में चक्काजाम और पथराव करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इसमें 19 वर्षीय अजय केवट निवासी चांदपुर, डाब का पुरा गांव और उसके 14 वर्षीय छोटे भाई आशीष केवट का नाम भी शामिल था."
दोनों भाईयों को पीटा
अजय केवट का आरोप है कि, "बीती रात दिमनी थाने से पांच पुलिसकर्मी आये और दुकान से उसके साथ छोटे भाई आशीष को उठाकर ले गए. पुलिसकर्मियों ने रात भर दोनों भाइयों को हवालात में बंद कर बेल्ट और डंडों से जमकर पिटाई लगाई. इसके कुछ घंटों बाद उनको छोड़ दिया गया.
जिला अस्पताल में भर्ती दोनों भाई
पुलिस की मार से घायल हुए दोनों भाई जिला अस्पताल में भर्ती हैं. यहां उल्लेखनीय है कि, भारतीय न्याय सहिंता की धारा के अनुसार 7 वर्ष से कम सजा वाले अपराधों में आरोपियों को नोटिस देकर छोड़ने का प्रावधान है. ऐसे में पुलिस ने न्याय सहिंता का उल्लंघन करते हुए न सिर्फ दोनों भाइयों को हवालात में बंद रखा, बल्कि उनकी पिटाई भी लगाई है.

युवक का पुलिस पर आरोप
घायल का आरोप है की उसकी और उसके नाबालिग भाई की 5 पुलिस कार्मियों ने मारपीट की. उसके सिर के बाल भी काटे, मारपीट के निशान उसके हाथ पैर और पीट पर है. वहीं पीड़ित के पिता का आरोप है की अब पुलिस वाले धमकी दे रहे हैं."
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नोटिसेंबिल था मामला
इस मामले में दिमनी थाना प्रभारी प्रभारी शशि कुमार का कहना है कि, "दोनों भाई पुलिस पर निराधार आरोप लगा रहे हैं. वे चक्काजाम व पथराव के आरोपी हैं. चूंकि उनका अपराध नोटिसेंबिल था. इसलिए उनको नोटिस देकर छोड़ दिया गया था."