मुरैना: कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को मुरैना में धरना प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन शहर के बैरियर चौराहा से लेकर जौरा रोड तक जल जमाव को लेकर था. दरअसल, लोक निर्माण विभाग द्वारा 4 किलोमीटर तक एक तरफ की सड़क पर सीमेंट स्लैब कंप्लीट करा दिया गया है और दूसरी तरफ सड़क को खोदकर छोड़ दिया गया है. सड़क के बगल से गुजरने वाला नाला भी चोक हो गया है जिस वजह से सड़क पर भारी जलजमाव हो रहा है. इससे आए दिन कई दुर्घटनाएं भी सामने आ रही हैं. कांग्रेस की मांग है कि जल्द से जल्द बाकी रोड का काम कंप्लीट कराया जाए.
सड़क पर बन गए हैं बड़े-बड़े गड्ढे
मुरैना शहर की जौरा रोड पिछले कई वर्षों से आम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. यहां प्रतिदिन जाम लगता है. पानी की उचित निकासी नहीं होने के कारण पानी सड़क पर जमा होता है, जिससे सड़क जल्दी खराब हो जाती है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन जाते हैं इससे दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं. स्थानीय निवासियों ने कई बार प्रशासन का इस पर ध्यान आकर्षित कराया, तब जाकर लोक निर्माण विभाग ने इस रोड बनाने की योजना बनाई. जिसके तहत बैरियर चौराहे से लेकर जौरा रोड तक लगभग 4 किलोमीटर तक की सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ.
कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता टेंट लगाकर धरना पर बैठे
लोक निर्माण विभाग ने उक्त मार्ग पर एक तरफ स्लैब का काम कंप्लीट कर लिया, लेकिन दूसरी तरफ सड़क खोदकर उसपर गिट्टी डालकर छोड़ दी. ऐसे में जल निकासी का उचित प्रबंध नहीं होने के कारण रोड पर फिर से जलभराव होने लगा. इसकी वजह से वहां बड़े-बड़े गड्ढे बन गए. आए दिन इन गड्ढों की वजह से दुर्घटनाएं होने लगी.

इसके अलावा भारी जाम भी लगने लगा. कई बार तो मरीज को ले जा रही एंबुलेंस घंटों जाम में फंस जाती है. इन्हीं तमाम समस्याओं को लेकर कांग्रेस के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सत्यपाल सिंह सिकरवार उर्फ नीटू, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपक शर्मा और कई कांग्रेसी कार्यकर्ता जौरा रोड पर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए.

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कांग्रेस का जिला प्रशासन को 21 अप्रैल तक का अल्टीमेटम
सत्यपाल सिंह सिकरवार ने कहा, "ठेकेदार की हठधर्मिता और एनएच कर्मचारियों की मनमर्जी की वजह से सर्विस लेन नहीं बनाई गई. जिस वजह से यहां आए दिन 4-4 घंटे जाम लगता है." सिकरवार ने कहा, "भाजपा सरकार में कमीशनखोरी चरम पर है. शहर में जितने भी निर्माण कार्य हो रहे हैं सब कमीशन की भेंट चढ़ रहे हैं. सड़के बनते ही उखड़ जाती हैं. जल भराव के चलते बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं.
जब तक प्रशासन सड़क दुरुस्त नहीं कराएगा तब तक ये धरना जारी रहेगा. हमने जिला प्रशासन को 21 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है. अगर तब तक व्यवस्था नहीं सुधरी तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे." साथ ही उन्होंने मांग की है कि सड़क निर्माण की जांच के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाकर इसकी गुणवत्ता की जांच कराई जाए.