देवघर: जिले का त्रिकुट पहाड़ दार्शनिक स्थल में शुमार है. प्रतिदिन इस पहाड़ पर हजारों सैलानी घूमने आते थे. त्रिकुट पहाड़ पर तीन चोटिया हैं. जिसे ब्रह्मा विष्णु और महेश के नाम से जानी जाती है. त्रिकुट पहाड़ पर आने वाले सैलानियों के लिए यहां पर रहने वाले बंदर भी आकर्षण का केंद्र है. लेकिन त्रिकुट पहाड़ पर सरकार की उदासीन रवैये के कारण पहाड़ पर आकर्षण का केंद्र बने बंदर भी यहां से भाग रहे हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि रोप वे बंद होने के बाद जो बंदर पहाड़ के ऊपर में रहते थे वो सभी बंदर पलायन कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि रोप वे जब संचालित हुआ करता था तो उस वक्त ऊपर जाने वाले सैलानी पहाड़ पर रहने वाले बंदरों के बीच भोजन का वितरण किया करते थे. लेकिन अब पहाड़ पर सैलानियों का आना जाना बंद हो गया है.
सैलानियों के पहाड़ के ऊपर नहीं जाने से वहां रहने वाले बंदरों को खाने-पीने नहीं मिल पा रहा है. जिससे बंदर पहाड़ के ऊपर से दूसरी जगहों पर जा रहे हैं. पहाड़ पर गाइड का काम कर रहे जयदीप कुमार ने बताया कि पहाड़ के ऊपर रहने वाले बंदर अब यहां से जा चुके हैं. जो बंदर पहाड़ पर रहते थे वो बंदर अब गांव में किसानों की फसलों को नुकसान कर रहे हैं.
गौरतलब है कि त्रिकुट पहाड़ को लेकर यह मान्यता है कि यहां पर भगवान बजरंगबली की मंदिर स्थापित है. लेकिन रोप वे के बंद होने से अब यहां लोग नहीं आ रहे हैं. स्थानीय लोगों ने अपील की है कि जल्द से जल्द रोप वे व्यवस्था की शुरुआत की जाए, ताकि यहां लोग फिर से आएं और यह जगह गुलजार हो.
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