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दिल्ली में मंकीपॉक्स की दस्तक, गया एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, डॉक्टरों की स्पेशल टीम तैनात - Monkeypox in India

Monkeypox : दिल्ली में मंकीपॉक्स का मामला सामने आने के बाद गया एयरपोर्ट पर संक्रमण की रोकथाम के लिए डॉक्टरों की टीम तैनात कर दी गई है. ये टीम यात्रियों की ट्रेवल हिस्ट्री देखकर संदिग्ध का इलाज करने के लिए आइसोलेशन में भेजेगी. पढे़ं पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 9, 2024, 10:59 PM IST

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गया एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट (Etv Bharat)

गया : मंकीपाॅक्स के संक्रमण को लेकर बिहार के गया में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. गया अंतरराष्ट्रीय स्थली है. यहां सालों भर देश भर और विदेशों से यात्रियों का आना जाना लगा रहता है. ऐसे में यहां काफी एहतियात बरती जा रही है. मंकीपॉक्स को लेकर गया इन्टरनेशनल एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैनात कर दिया गया है. यहां अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के विषय में 21 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री की जांच की जाएगी.

मंकीपॉक्स पर गया एयरपोर्ट पर अलर्ट : मंकी पाॅक्स को लेकर गया एयरपोर्ट पर एहतियात बरतनी शुरू कर दी गई है. गया जिला प्रशासन के हवाले से बताया गया है, कि जिले में मंकी पाॅक्स संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है. गया एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम की तैनाती की गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम में एक डॉक्टर, एक पारा मेडिकल स्टाफ तथा एक नर्स को शामिल किया गया है.

मंकीपॉक्स पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी- WHO : जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा मंकी पॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बताया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा मंकी पॉक्स को लेकर आगाह किए जाने के बाद गया एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की जांच जरूरी कर दी गई है. इसे लेकर सिविल सर्जन द्वारा भारतीय विमानपतनम प्राधिकरण के निदेशक को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए गए आवश्यक दिशा निर्देश का अनुपालन करने के संबंध में कहा गया है.

यात्रियों की 21 दिनों की ट्रेवल हिस्ट्री : विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कुणाल ने बताया कि गया एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की उनके पिछले 21 दिनों की यात्रा इतिहास का विवरणी लिया जाएगा. इसमें यह देखा जाना है, कि यात्री ने मंकी पॉक्स के एंंडेमिक जोन में यात्रा किया है या नहीं. वहीं, यात्री का ट्रैवल सेल्फ डिक्लारेशन फॉर्म भरा जाएगा.

संदिग्ध आइसोलेशन में कराया जाएगा भर्ती : विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर कुणाल के अनुसार यदि कोई संदिग्ध मामला पाया जाता है, तो जांच के बाद उसे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आइसोलेशन में रखा जाएगा. बताया कि मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है, जो मुख्यतः मुख्य रूप से मध्य पश्चिम अफ्रीका में सामने आया है. इसके बाद मध्य पश्चिमी अफ्रीका से यह कई अन्य देशों में विस्तार लिया है.

''2024 में अगस्त महीने में मंकी पॉक्स के मामले में दक्षिण अफ्रीका, केन्या, रवांडा, कांगो गणराज्य, बुरुंडी, रवांडा, युगांडा, मध्य अफ्रीका, कांगो, कैमेरून, नाइजीरिया, आइवरी काॅस्ट, लेबेरिया में आए हैं. इन सभी देशों से मंकीपॉक्स के मामले स्वीडन तथा पाकिस्तान में भी पहुंचा है. भारत के केरल और दिल्ली में मंकी पाॅक्स का एक मामला सामने आ चुका है.''- डॉक्टर कुणाल, WHO के सर्विलांस ऑफिसर

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एडवाइजरी : वहीं, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है. जारी एडवाइजरी के अनुसार त्वचा पर चकत्ते, बुखार और सूजे हुए लिम्फ नोड, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट, गले में खरास और खांसी इसके लक्षण है. वही, यह भी बताया गया है कि यह बीमारी अपने आप में ठीक होने वाली बीमारी है. इसके लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं. बताया कि संक्रमण से बचने के लिए एंटीसेप्टिक घोल से साफ करना चाहिए. वहीं इसके संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन रूम में या घर में हवादार कमरे में रखना चाहिए.

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गया : मंकीपाॅक्स के संक्रमण को लेकर बिहार के गया में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. गया अंतरराष्ट्रीय स्थली है. यहां सालों भर देश भर और विदेशों से यात्रियों का आना जाना लगा रहता है. ऐसे में यहां काफी एहतियात बरती जा रही है. मंकीपॉक्स को लेकर गया इन्टरनेशनल एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैनात कर दिया गया है. यहां अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के विषय में 21 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री की जांच की जाएगी.

मंकीपॉक्स पर गया एयरपोर्ट पर अलर्ट : मंकी पाॅक्स को लेकर गया एयरपोर्ट पर एहतियात बरतनी शुरू कर दी गई है. गया जिला प्रशासन के हवाले से बताया गया है, कि जिले में मंकी पाॅक्स संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है. गया एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम की तैनाती की गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम में एक डॉक्टर, एक पारा मेडिकल स्टाफ तथा एक नर्स को शामिल किया गया है.

मंकीपॉक्स पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी- WHO : जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा मंकी पॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बताया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा मंकी पॉक्स को लेकर आगाह किए जाने के बाद गया एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की जांच जरूरी कर दी गई है. इसे लेकर सिविल सर्जन द्वारा भारतीय विमानपतनम प्राधिकरण के निदेशक को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए गए आवश्यक दिशा निर्देश का अनुपालन करने के संबंध में कहा गया है.

यात्रियों की 21 दिनों की ट्रेवल हिस्ट्री : विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कुणाल ने बताया कि गया एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की उनके पिछले 21 दिनों की यात्रा इतिहास का विवरणी लिया जाएगा. इसमें यह देखा जाना है, कि यात्री ने मंकी पॉक्स के एंंडेमिक जोन में यात्रा किया है या नहीं. वहीं, यात्री का ट्रैवल सेल्फ डिक्लारेशन फॉर्म भरा जाएगा.

संदिग्ध आइसोलेशन में कराया जाएगा भर्ती : विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर कुणाल के अनुसार यदि कोई संदिग्ध मामला पाया जाता है, तो जांच के बाद उसे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आइसोलेशन में रखा जाएगा. बताया कि मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है, जो मुख्यतः मुख्य रूप से मध्य पश्चिम अफ्रीका में सामने आया है. इसके बाद मध्य पश्चिमी अफ्रीका से यह कई अन्य देशों में विस्तार लिया है.

''2024 में अगस्त महीने में मंकी पॉक्स के मामले में दक्षिण अफ्रीका, केन्या, रवांडा, कांगो गणराज्य, बुरुंडी, रवांडा, युगांडा, मध्य अफ्रीका, कांगो, कैमेरून, नाइजीरिया, आइवरी काॅस्ट, लेबेरिया में आए हैं. इन सभी देशों से मंकीपॉक्स के मामले स्वीडन तथा पाकिस्तान में भी पहुंचा है. भारत के केरल और दिल्ली में मंकी पाॅक्स का एक मामला सामने आ चुका है.''- डॉक्टर कुणाल, WHO के सर्विलांस ऑफिसर

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एडवाइजरी : वहीं, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है. जारी एडवाइजरी के अनुसार त्वचा पर चकत्ते, बुखार और सूजे हुए लिम्फ नोड, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट, गले में खरास और खांसी इसके लक्षण है. वही, यह भी बताया गया है कि यह बीमारी अपने आप में ठीक होने वाली बीमारी है. इसके लक्षण अपने आप ठीक हो जाते हैं. बताया कि संक्रमण से बचने के लिए एंटीसेप्टिक घोल से साफ करना चाहिए. वहीं इसके संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन रूम में या घर में हवादार कमरे में रखना चाहिए.

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