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तीरंदाजों को लिए गुड न्यूज, जबलपुर में बनी इंटरनेशनल लेवल की आर्चरी अकादमी - ARCHERY ACADEMY JABALPUR

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जबलपुर में तीरंदाज अकादमी का लोकार्पण किया. खेल परिसर में रेसिंग ट्रैक भी बनाया गया है.

Archery Academy jabalpur
जबलपुर में तीरंदाज अकादमी का लोकार्पण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : February 20, 2025 at 7:25 AM IST

Updated : February 20, 2025 at 7:43 AM IST

4 Min Read

जबलपुर: मध्य प्रदेश के तीरंदाजी के शौकीन खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है. अब जबलपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा वाली एक नई तीरंदाज अकादमी की शुरुआत की गई है. 26 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई तिरंदाजी अकादमी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं विकसित की गई हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसका लोकार्पण किया. इसे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी के नाम से जाना जाएगा. जबलपुर की तीरंदाज मुस्कान किरार की वजह से भारत को एशियाई गेम्स में गोल्ड मेडल मिल चुका है.

26 करोड़ की लागत से बनी तीरंदाज अकादमी
जबलपुर के रांझी के गोकलपुर तालाब के किनारे एक तीरंदाज अकादमी बनाई गई है. तालाब किनारे यह खेल परिसर 12 एकड़ में बनाया गया है. इसमें मुख्य रूप से तीरंदाज अकादमी स्थापित की गई है. यह मध्य प्रदेश की अकेली तीरंदाज अकादमी है. इस पूरे खेल परिसर के निर्माण में 26 करोड़ रुपया खर्च हुआ है. इस खेल परिसर में तीरंदाजी के अलावा एक शानदार रेसिंग ट्रैक बनाया गया है जिसमें रबर कोटेड टर्फ है.

मोहन यादव ने तीरंदाजी में आजमाया हाथ (ETV Bharat)

ईश्वर दास रोहाणी के नाम से जानी जाएगी अकादमी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को तीरंदाज अकादमी का लोकार्पण किया. तीरंदाज अकादमी को मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी के नाम से नामकरण किया गया है. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी धनुष चलाने की कोशिश की. बता दें कि, मध्य प्रदेश में इसके पहले भी एक तीरंदाज अकादमी चल रही है. इस अकादमी की एक खिलाड़ी मुस्कान किरार ने जबलपुर की तीरंदाज अकादमी रानीताल में ट्रेनिंग पाने के बाद 2018 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था. इसके अलावा उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीते हैं.

इस उम्र के खिलाड़ियों को दिया जाता है मौका
इस मौके पर मुस्कान किरार ने बताया कि, ''जबलपुर तीरंदाजी के मामले में भारत का एक महत्वपूर्ण स्थान है. तीरंदाजी की अकादमी में एडमिशन के लिए 12 से 16 साल की उम्र के बच्चों को मौका दिया जाता है. अकादमी में एडमिशन के लिए बाकायदा पेपर में विज्ञापन निकलता है और तीरंदाज होने के लिए छात्र-छात्राओं का फिजिकल चेकअप होता है और उसके बाद तीरंदाजी की ट्रेनिंग शुरू होती है.''

Archery Academy jabalpur international level facilities
अकादमी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मौजूद (ETV Bharat)

मुंबई में इनकम टैक्स ऑफिसर हैं तीरंदाज मुस्कान
मुस्कान किरार को तीरंदाजी की वजह से जो सफलता मिली उसकी वजह से वह आज मुंबई में इनकम टैक्स ऑफिसर हैं. मुस्कान जबलपुर की ही रहने वाली हैं. मुस्कान किरार का कहना है कि, "जबलपुर की यह नई तीरंदाज अकाडमी तीरंदाजी के सभी साजों समान और सुविधा से सुसज्जित है. इसके बन जाने के बाद जबलपुर से नए खिलाड़ियों को भी तीरंदाजी सीखने का मौका मिलेगा.''

Ishwar Das Rohani Archery Academy
खेल परिसर में रेसिंग ट्रैक भी बनाया गया (ETV Bharat)

हॉस्टल में रहकर तीरंदाजी सीख रहे खिलाड़ी
वर्तमान में रानीताल की तीरंदाज अकादमी में 24 लड़के और 24 लड़कियां तीरंदाज हैं जो हॉस्टल में रहकर तीरंदाजी सीख रही हैं. यह प्रदेश के अलग-अलग स्थान से आकर यहां तीरंदाजी सीखते हैं. वहीं शहर के भी 20 खिलाड़ी हैं जो रानीताल की तीरंदाज अकादमी में लगातार तैयारी करते हैं. इस शानदार खेल परिसर के ठीक बाजू में गोकलपुर तालाब है इसमें भी वॉटर स्पोर्ट्स शुरू करने की तैयारी की जा रही है. कुल मिलाकर जबलपुर में इस नए खेल परिसर के बन जाने के बाद खिलाड़ियों के लिए अपनी प्रतिभा को निखारने का और अच्छा मौका मिलेगा.

जबलपुर: मध्य प्रदेश के तीरंदाजी के शौकीन खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है. अब जबलपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा वाली एक नई तीरंदाज अकादमी की शुरुआत की गई है. 26 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई तिरंदाजी अकादमी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं विकसित की गई हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसका लोकार्पण किया. इसे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी के नाम से जाना जाएगा. जबलपुर की तीरंदाज मुस्कान किरार की वजह से भारत को एशियाई गेम्स में गोल्ड मेडल मिल चुका है.

26 करोड़ की लागत से बनी तीरंदाज अकादमी
जबलपुर के रांझी के गोकलपुर तालाब के किनारे एक तीरंदाज अकादमी बनाई गई है. तालाब किनारे यह खेल परिसर 12 एकड़ में बनाया गया है. इसमें मुख्य रूप से तीरंदाज अकादमी स्थापित की गई है. यह मध्य प्रदेश की अकेली तीरंदाज अकादमी है. इस पूरे खेल परिसर के निर्माण में 26 करोड़ रुपया खर्च हुआ है. इस खेल परिसर में तीरंदाजी के अलावा एक शानदार रेसिंग ट्रैक बनाया गया है जिसमें रबर कोटेड टर्फ है.

मोहन यादव ने तीरंदाजी में आजमाया हाथ (ETV Bharat)

ईश्वर दास रोहाणी के नाम से जानी जाएगी अकादमी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को तीरंदाज अकादमी का लोकार्पण किया. तीरंदाज अकादमी को मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी के नाम से नामकरण किया गया है. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी धनुष चलाने की कोशिश की. बता दें कि, मध्य प्रदेश में इसके पहले भी एक तीरंदाज अकादमी चल रही है. इस अकादमी की एक खिलाड़ी मुस्कान किरार ने जबलपुर की तीरंदाज अकादमी रानीताल में ट्रेनिंग पाने के बाद 2018 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था. इसके अलावा उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीते हैं.

इस उम्र के खिलाड़ियों को दिया जाता है मौका
इस मौके पर मुस्कान किरार ने बताया कि, ''जबलपुर तीरंदाजी के मामले में भारत का एक महत्वपूर्ण स्थान है. तीरंदाजी की अकादमी में एडमिशन के लिए 12 से 16 साल की उम्र के बच्चों को मौका दिया जाता है. अकादमी में एडमिशन के लिए बाकायदा पेपर में विज्ञापन निकलता है और तीरंदाज होने के लिए छात्र-छात्राओं का फिजिकल चेकअप होता है और उसके बाद तीरंदाजी की ट्रेनिंग शुरू होती है.''

Archery Academy jabalpur international level facilities
अकादमी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मौजूद (ETV Bharat)

मुंबई में इनकम टैक्स ऑफिसर हैं तीरंदाज मुस्कान
मुस्कान किरार को तीरंदाजी की वजह से जो सफलता मिली उसकी वजह से वह आज मुंबई में इनकम टैक्स ऑफिसर हैं. मुस्कान जबलपुर की ही रहने वाली हैं. मुस्कान किरार का कहना है कि, "जबलपुर की यह नई तीरंदाज अकाडमी तीरंदाजी के सभी साजों समान और सुविधा से सुसज्जित है. इसके बन जाने के बाद जबलपुर से नए खिलाड़ियों को भी तीरंदाजी सीखने का मौका मिलेगा.''

Ishwar Das Rohani Archery Academy
खेल परिसर में रेसिंग ट्रैक भी बनाया गया (ETV Bharat)

हॉस्टल में रहकर तीरंदाजी सीख रहे खिलाड़ी
वर्तमान में रानीताल की तीरंदाज अकादमी में 24 लड़के और 24 लड़कियां तीरंदाज हैं जो हॉस्टल में रहकर तीरंदाजी सीख रही हैं. यह प्रदेश के अलग-अलग स्थान से आकर यहां तीरंदाजी सीखते हैं. वहीं शहर के भी 20 खिलाड़ी हैं जो रानीताल की तीरंदाज अकादमी में लगातार तैयारी करते हैं. इस शानदार खेल परिसर के ठीक बाजू में गोकलपुर तालाब है इसमें भी वॉटर स्पोर्ट्स शुरू करने की तैयारी की जा रही है. कुल मिलाकर जबलपुर में इस नए खेल परिसर के बन जाने के बाद खिलाड़ियों के लिए अपनी प्रतिभा को निखारने का और अच्छा मौका मिलेगा.

Last Updated : February 20, 2025 at 7:43 AM IST
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