छिंदवाड़ा (महेंद्र राय): मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व पूरे देश में फेमस हैं, बड़ी संख्या में यहां सैलानी जंगल सफारी करने पहुंचते हैं. वहीं एमपी के टाइगर सिर्फ टूरिस्ट के लिए दीदार का जरिया ही नहीं हैं, बल्कि मोहन यादव सरकार के लिए खजाना भरने का काम भी कर रहे हैं. वन्यजीवों के दीदार के लिए देश के साथ-साथ विदेशी करेंसी की भी बारिश हो रही है. जानते हैं किस तरह मोहन सरकार का खजाना भरने में मध्य प्रदेश के टाइगर विदेशी नोटों की बारिश करा रहे हैं.
हर साल विदेशी टूरिस्ट टाइगर देखने आ रहे एमपी
मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व देश में टॉप पोजिशन हासिल कर रहे हैं. काजीरंगा के बाद एक दो नहीं बल्की एमपी के 5 टाइगर रिजर्व देश में सबसे पॉपुलर डेस्टिनेशन बन रहे हैं. यहां हर साल विदेशी सैलानी रॉयल बंगाल टाइगर समेत दुनिया की सबसे अनूठी प्रजाति के जानवर और तितलियों का संसार देखने आ रहे हैं. जिससे साल दर साल इनकी तादाद बढ़ रही है.

विदेशी सैलानियों की पहली पसंद बांधवगढ़
मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में बांधवगढ़ नंबर वन है, तो वहीं सबसे तेज ग्रोथ पेंच टाइगर रिजर्व की है. इसका फैलाव महाराष्ट्र तक है. जबकि कान्हा टाइगर रिजर्व अपनी विशेष इको सिस्टम के लिए जाना जाता है, वहीं पन्ना में सबसे ज्यादा टाइगर देखने को मिलते हैं. मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है.

मोगली के घर में बघीरा सैलानियों की पहली पसंद
ब्रिटिश लेखक रुडयार्ड किपलिंग की मशहूर 'द जंगल बुक' के किरदार 'मोगली' का घर भी पेंच नेशनल पार्क में ही मौजूद है. सतपुड़ा के जंगल में पेंच टाइगर रिजर्व के अमोदागढ़ को मोगली का घर कहा जाता है. खास बात यह है कि मोगली की दोस्ती ब्लैक पैंथर से थी. जिसे बघीरा कहा जाता था. 2 सालों से पेंच टाइगर रिजर्व में काला तेंदुआ यानी बघीरा देखा जा रहा है.

पेंच टाइगर रिजर्व में बस्ता है तितलियों का अद्भुत संसार
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि "पेंच पार्क में तितलियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. जिनमें से एक "मोर रॉयल" तितली भी है, जिसे "ताजुरिया सिप्पस" भी कहा जाता है. यह तितली "लाइकेनिड" परिवार से संबंधित है. जो एशिया में व्यापक रूप से पाई जाती है. पेंच टाइगर रिजर्व में कुछ महीने पहले ही कर्मचारियों को यह दिखाई दी थी.

पेंच टाइगर रिजर्व में तितलियों की 129 प्रजातियों को दर्ज किया गया है. पेंच में पाई जाने वाली एक और तितली "लार्ज ओक ब्लू" है, जिसे वैज्ञानिक रूप से "अरोपला अमैंटेस" कहा जाता है. यह एशिया में पाई जाने वाली एक लाइकेनाइड तितली है."

- अद्भुत नजारों और रोमांच से भरा पेंच टाइगर रिजर्व, जंगल वालों की नजर से देखिए जंगल
- रात गुजरी और दिन में शिवपुरी माधव नेशनल पार्क बन गया टाइगर रिजर्व, देश में चर्चा
मध्य प्रदेश में 9 टाइगर रिजर्व, विदेशी सैलानियों का इजाफा
मध्य प्रदेश में 9 टाइगर रिजर्व है. लगातार यहां पर्यटक आ सके और आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ पर्यावरण भी मध्य प्रदेश का विकसित हो, उसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. जिन टाइगर रिजर्व में रकबा कम पड़ रहा है. उन्हें बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. जंगल का इलाका भी बढ़ाया जा रहा है. मध्य प्रदेश के 5 टाइगर रिजर्व में हर साल विदेशी सैलानियों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

एमपी के 5 पॉपुलर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या
बता दें वर्तमान में मध्य प्रदेश में 785 बाघ हैं. जहां साल 2022 की गणना के मुताबिक सबसे ज्यादा बांधवगढ़ टाइगर टाइगर रिजर्व में 165 बाघ हैं. जबकि कान्हा टाइगर रिजर्व में 146, पन्ना टाइगर रिजर्व में 90 से अधिक, पेंच टाइगर रिजर्व में 100 और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 73 पहुंच गई है.