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मोहन यादव की घोषणा पर झूमे किसान, मूंग-उड़द खरीदी MSP पर, तुरंत कराएं पंजीयन - MOONG URAD PURCHASED MSP

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक और फैसला लिया. अब ग्रीष्मकालीन फसलों पर भी एमएसपी देने का निर्णय.

moong urad purchased MSP
मोहन यादव की घोषणा पर झूमे किसान (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 14, 2025 at 12:27 PM IST

3 Min Read

भोपाल: किसानों को नाराजगी देखते हुए मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अब ग्रीष्मकालीन फसल उड़द और मूंग की खरीदी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने का फैसला किया है. इस संबंध में कृषि विभाग ने प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया है. एक-दो दिन में केंद्र सरकार स्वीकृत दे सकती है. बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग को एमएसपी पर खरीदने के लिए केंद्र सरकार स्वीकृत दे चुकी है. इसलिए पूरी उम्मीद है कि मध्यप्रदेश के किसानों को भी राहत मिलेगी.

19 जून से किसान करा सकेंगे पंजीयन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया "मध्य प्रदेश सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है. राज्य में 19 जून से मूंग और उड़द के उपार्जन के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी. इस संबंध में संबंधित विभागों और एजेंसियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं." मुख्यमंत्री ने यह भी कहा "उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस विषय पर चर्चा की है और इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया है."

किस रेट पर खरीदी जाएगी उड़द और मूंग

राज्य सरकार द्वारा केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में किसानों का पंजीकरण, उपार्जित फसल की गुणवत्ता, परिवहन, भुगतान और प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना भी शामिल की गई है. मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया है कि सरकार अगली फसल के लिए किसानों को आवश्यक सहायता प्रदान करेगी. मध्यप्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का एमएसपी 8682 रुपए प्रति क्विंटल और उड़द का एमएसपी 7400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.

मध्य प्रदेश के 36 जिलों में ग्रीष्मकालीन मूंग की पैदावार

बता दें कि मध्य प्रदेश के 36 जिलों में मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक मूंग के फसल की कटाई होती है. वहीं प्रदेश के 13 जिलों में मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह में ग्रीष्मकालीन उड़द की कटाई होती है. प्रदेश में मूंग का संभावित क्षेत्रफल 14.35 लाख हेक्टेयर है और इसका संभावित उत्पादन 20.23 लाख मीट्रिक टन है. इसी प्रकार उड़द का संभावित क्षेत्र 0.95 लाख हेक्टेयर है और इसका संभावित उत्पादन 1.24 लाख मीट्रिक टन है.

किसान इस प्रकार करा सकते हैं पंजीयन

एमएसपी पर ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द बेचने के लिए किसानों को पंजीकरण के दौरान अपनी फसल का नाम, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, आईएफएससी कोड और भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की स्व-प्रमाणित छायाप्रति प्रस्तुत करनी होगी. बैंक खाता राष्ट्रीयकृत बैंक या जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा से होना अनिवार्य है. सिकमी या बटाई काश्तकारों को पंजीकरण के साथ सिकमी अनुबंध की स्व-प्रमाणित प्रति भी संलग्न करनी होगी.

नेता प्रतिपक्ष ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

मूंग खरीदी पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा "आख़िरकार किसानों की एकजुटता और हमारे लगातार संघर्ष के आगे सरकार को झुकना पड़ा. जो अधिकारी मूंग की फसल को ‘ज़हर’ बता रहे थे, वे आज उसी की खरीदी के आदेश देने को मजबूर हुए. सिंसरकार शुरू से ही मूंग नहीं खरीदना चाहती थी, लेकिन किसानों की एकजुटता और हमारे प्रयासों ने अंततः भाजपा सरकार की नींद तोड़ी. मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार, जिन्होंने अंततः किसानों की पीड़ा को समझा और सरकार पहली बार पीड़ितों के साथ खड़ी होती दिखी."

भोपाल: किसानों को नाराजगी देखते हुए मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अब ग्रीष्मकालीन फसल उड़द और मूंग की खरीदी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने का फैसला किया है. इस संबंध में कृषि विभाग ने प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया है. एक-दो दिन में केंद्र सरकार स्वीकृत दे सकती है. बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग को एमएसपी पर खरीदने के लिए केंद्र सरकार स्वीकृत दे चुकी है. इसलिए पूरी उम्मीद है कि मध्यप्रदेश के किसानों को भी राहत मिलेगी.

19 जून से किसान करा सकेंगे पंजीयन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया "मध्य प्रदेश सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है. राज्य में 19 जून से मूंग और उड़द के उपार्जन के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी. इस संबंध में संबंधित विभागों और एजेंसियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं." मुख्यमंत्री ने यह भी कहा "उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस विषय पर चर्चा की है और इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया है."

किस रेट पर खरीदी जाएगी उड़द और मूंग

राज्य सरकार द्वारा केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में किसानों का पंजीकरण, उपार्जित फसल की गुणवत्ता, परिवहन, भुगतान और प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना भी शामिल की गई है. मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया है कि सरकार अगली फसल के लिए किसानों को आवश्यक सहायता प्रदान करेगी. मध्यप्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का एमएसपी 8682 रुपए प्रति क्विंटल और उड़द का एमएसपी 7400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.

मध्य प्रदेश के 36 जिलों में ग्रीष्मकालीन मूंग की पैदावार

बता दें कि मध्य प्रदेश के 36 जिलों में मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक मूंग के फसल की कटाई होती है. वहीं प्रदेश के 13 जिलों में मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह में ग्रीष्मकालीन उड़द की कटाई होती है. प्रदेश में मूंग का संभावित क्षेत्रफल 14.35 लाख हेक्टेयर है और इसका संभावित उत्पादन 20.23 लाख मीट्रिक टन है. इसी प्रकार उड़द का संभावित क्षेत्र 0.95 लाख हेक्टेयर है और इसका संभावित उत्पादन 1.24 लाख मीट्रिक टन है.

किसान इस प्रकार करा सकते हैं पंजीयन

एमएसपी पर ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द बेचने के लिए किसानों को पंजीकरण के दौरान अपनी फसल का नाम, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, आईएफएससी कोड और भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की स्व-प्रमाणित छायाप्रति प्रस्तुत करनी होगी. बैंक खाता राष्ट्रीयकृत बैंक या जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा से होना अनिवार्य है. सिकमी या बटाई काश्तकारों को पंजीकरण के साथ सिकमी अनुबंध की स्व-प्रमाणित प्रति भी संलग्न करनी होगी.

नेता प्रतिपक्ष ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

मूंग खरीदी पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा "आख़िरकार किसानों की एकजुटता और हमारे लगातार संघर्ष के आगे सरकार को झुकना पड़ा. जो अधिकारी मूंग की फसल को ‘ज़हर’ बता रहे थे, वे आज उसी की खरीदी के आदेश देने को मजबूर हुए. सिंसरकार शुरू से ही मूंग नहीं खरीदना चाहती थी, लेकिन किसानों की एकजुटता और हमारे प्रयासों ने अंततः भाजपा सरकार की नींद तोड़ी. मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार, जिन्होंने अंततः किसानों की पीड़ा को समझा और सरकार पहली बार पीड़ितों के साथ खड़ी होती दिखी."

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