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मध्य प्रदेश में 4000 रुपए क्विंटल खरीदा जाएगा गेहूं, मोहन सरकार ने तैयार किया ब्लू प्रिंट - MOHAN YADAV GOVT ANNOUNCEMENT

मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार का बड़ा ऐलान, 4 से 5 हजार में खरीदा जाएगा प्राकृतिक गेहूं.

MOHAN YADAV GOVT ANNOUNCEMENT
मध्य प्रदेश में 4000 क्विंटल पर खरीदा जाएगा गेहूं (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 20, 2025 at 7:31 PM IST

Updated : June 20, 2025 at 7:54 PM IST

5 Min Read

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार गौशालाओं को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. मध्य प्रदेश में सरकार गौशालाओं से जोड़कर प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का पंजीयन करेगी और ऐसी फसलों को बढ़े हुए दामों पर खरीदा जाएगा. भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अभी गेहूं 2600 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाता है, लेकिन यदि प्राकृतिक गेहूं है तो उसका 4 हजार से 5 रुपए रुपए क्विंटल का दाम किसानों को मिलेगा. उधर मुख्यमंत्री ने हर जिले के एक ब्लॉक में वृंदावन आदर्श गांव बनाने का भी ऐलान किया है.

प्राकृतिक खेती तो मिलेगा ज्यादा दाम

मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित प्रदेश स्तरीय गौशाला सम्मेलन में गौसेवा पुरस्कार और कामधेनु योजना के तहत हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किए गए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "सरकार की कोशिश है कि लोग घरों में गौपाल करें. जिनके घरों में गौशालाएं हैं और इसके साथ वे प्राकृतिक खेती करते हैं. गाय के गौबर-गौ मूत्र से खाद्य, दवाई बनाए और प्राकृतिक खेती में उसका उपयोग करते हैं. ऐसी प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की प्राकृतिक फसल खरीदने के लिए उनका पंजीयन करते हुए उसकी आय बढ़ाई जाएगी.

MOHAN YADAV ON GAUSHALA
राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में मोहन यादव (ETV Bharat)

अभी किसान गेहूं बेचते हैं, 2600 रुपए प्रति क्विंटल, लेकिन यदि प्राकृतिक गेहूं है, तो उसका 4 से 5 हजार रुपए क्विंटल रुपए का दाम मिलेगा. सभी किसानों की आय बढ़ाने के लिए गेहूं की फसल ही नहीं, बल्कि सब्जी बेचते हैं, तो प्राकृतिक फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए नया रास्ता खोलने का प्रयास सरकार करेगी."

गाय का दूध पतला बोलकर कम दाम में नहीं खरीद सकते

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दूध का महत्व स्थापित करने की दिशा में कई कदम बढ़ाए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में वर्ष 2000-2003 तक गौ पालन विभाग का बजट 300 करोड़ था, जो अब बढ़कर 2600 करोड़ पहुंचा दिया गया. कुछ बोलो तो कांग्रेस को मिर्ची लगती है. कांग्रेस को गाय का दूध नहीं खरीदना था, गौमाता को गौपालन विभाग से योजनाबद्ध तरीके से बाहर करना था, तो उन्होंने दूध खरीदने के लिए नियम लगा दिया कि फैट के हिसाब से दूध खरीदेंगे.

अब गाय का दूध पतला होता है और भैंस का दूध गाढ़ा होता है. अब कोई भी गाय का दूध लेकर दुग्ध संघ जाए तो कहा जाता कि आपका दूध नहीं खरीद सकते. वहीं भैंस का दूध डेयरी पर बेच दो और वह पानी मिलाकर गाय का दूध बेचकर बेच देते हैं. हमने निर्णय किया है कि गाय का दूध भी दुग्ध संघ से उसी तरह से खरीदा जाएगा. गौशालाओं के लिए प्रति गाय दी जाने वाली राशि को 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए किया गया है."

10 लाख रुपए तक मिलेगा अनुदान

आजकल हाईटेक गौशाला हो गई है. गौशाला में सिर्फ दुग्ध उत्पादन पर्याप्त नहीं है. इसके साथ सीएनजी गैस, प्राकृतिक खाद्य और कई तरह की दवाएं बना सकते हैं. राज्य सरकार ने तय किया है कि 25 से ज्यादा गाय को एक यूनिट मानकर 40 लाख रुपए पर 25 फीसदी का अनुदान दिया जाएगा. यानी 10 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा. इसी तरह यदि कोई 5 हजार क्षमता की गौशाला खोलना चाहता है, तो ऐसी गौशालाओं के लिए 150 एकड़ भूमि दी जाएगी. साथ ही 30 रुपए के स्थान पर 40 रुपए प्रति गाय की राशि दी जाएगी.

हर ब्लॉक में बनेंगा एक वृंदावन गांव

गौशालों का प्रयोग बदला है. गौशला बनाने की दिशा में बड़ा काम हुआ है. ग्वालियर में तो सबसे ज्यादा संचालित हो रही हैं. अब सरकार ने तय किया है कि हर जिले के एक-एक ब्लॉक में एक आदर्श वृंदावन गांव भी बनाया जाएगा. गांव के अंदर समूची संस्क्रति में गौमाता को जो महत्व है, उसे फिर से स्थापित करते हुए गांव के अंदर आत्मियता का वातावरण को पैदा किया जाए, यह सरकार की कोशिश है.

दूध के मिलेंगे ज्यादा दाम

प्रदेश के रीवा, सतना, दमोह, विदिशा, ग्वालियर, आगर मालवा में एकीकृत बायोगेस संयंत्र की स्थापना करते हुए सीएनजी गैस का उत्पादन की दिशा में काम किया जा रहा है. एनडीडीवी के साथ मिलकर 50 लाख लीटर तक दुग्ध कलेक्शन ले जाने वाले हैं. मध्य प्रदेश में अभी साढ़े 5 करोड़ लीटर दूध एकत्रित होता है. इसमें से ढाई लीटर दूध ही मार्केट में जाता है. इस दूध से बेहतर दाम मिले, इसके लिए मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, डेयरी के उन्नतिकरण के आधार पर नई योजना बनाई जा रही है.

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार गौशालाओं को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है. मध्य प्रदेश में सरकार गौशालाओं से जोड़कर प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का पंजीयन करेगी और ऐसी फसलों को बढ़े हुए दामों पर खरीदा जाएगा. भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अभी गेहूं 2600 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाता है, लेकिन यदि प्राकृतिक गेहूं है तो उसका 4 हजार से 5 रुपए रुपए क्विंटल का दाम किसानों को मिलेगा. उधर मुख्यमंत्री ने हर जिले के एक ब्लॉक में वृंदावन आदर्श गांव बनाने का भी ऐलान किया है.

प्राकृतिक खेती तो मिलेगा ज्यादा दाम

मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित प्रदेश स्तरीय गौशाला सम्मेलन में गौसेवा पुरस्कार और कामधेनु योजना के तहत हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किए गए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "सरकार की कोशिश है कि लोग घरों में गौपाल करें. जिनके घरों में गौशालाएं हैं और इसके साथ वे प्राकृतिक खेती करते हैं. गाय के गौबर-गौ मूत्र से खाद्य, दवाई बनाए और प्राकृतिक खेती में उसका उपयोग करते हैं. ऐसी प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की प्राकृतिक फसल खरीदने के लिए उनका पंजीयन करते हुए उसकी आय बढ़ाई जाएगी.

MOHAN YADAV ON GAUSHALA
राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में मोहन यादव (ETV Bharat)

अभी किसान गेहूं बेचते हैं, 2600 रुपए प्रति क्विंटल, लेकिन यदि प्राकृतिक गेहूं है, तो उसका 4 से 5 हजार रुपए क्विंटल रुपए का दाम मिलेगा. सभी किसानों की आय बढ़ाने के लिए गेहूं की फसल ही नहीं, बल्कि सब्जी बेचते हैं, तो प्राकृतिक फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए नया रास्ता खोलने का प्रयास सरकार करेगी."

गाय का दूध पतला बोलकर कम दाम में नहीं खरीद सकते

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दूध का महत्व स्थापित करने की दिशा में कई कदम बढ़ाए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में वर्ष 2000-2003 तक गौ पालन विभाग का बजट 300 करोड़ था, जो अब बढ़कर 2600 करोड़ पहुंचा दिया गया. कुछ बोलो तो कांग्रेस को मिर्ची लगती है. कांग्रेस को गाय का दूध नहीं खरीदना था, गौमाता को गौपालन विभाग से योजनाबद्ध तरीके से बाहर करना था, तो उन्होंने दूध खरीदने के लिए नियम लगा दिया कि फैट के हिसाब से दूध खरीदेंगे.

अब गाय का दूध पतला होता है और भैंस का दूध गाढ़ा होता है. अब कोई भी गाय का दूध लेकर दुग्ध संघ जाए तो कहा जाता कि आपका दूध नहीं खरीद सकते. वहीं भैंस का दूध डेयरी पर बेच दो और वह पानी मिलाकर गाय का दूध बेचकर बेच देते हैं. हमने निर्णय किया है कि गाय का दूध भी दुग्ध संघ से उसी तरह से खरीदा जाएगा. गौशालाओं के लिए प्रति गाय दी जाने वाली राशि को 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए किया गया है."

10 लाख रुपए तक मिलेगा अनुदान

आजकल हाईटेक गौशाला हो गई है. गौशाला में सिर्फ दुग्ध उत्पादन पर्याप्त नहीं है. इसके साथ सीएनजी गैस, प्राकृतिक खाद्य और कई तरह की दवाएं बना सकते हैं. राज्य सरकार ने तय किया है कि 25 से ज्यादा गाय को एक यूनिट मानकर 40 लाख रुपए पर 25 फीसदी का अनुदान दिया जाएगा. यानी 10 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा. इसी तरह यदि कोई 5 हजार क्षमता की गौशाला खोलना चाहता है, तो ऐसी गौशालाओं के लिए 150 एकड़ भूमि दी जाएगी. साथ ही 30 रुपए के स्थान पर 40 रुपए प्रति गाय की राशि दी जाएगी.

हर ब्लॉक में बनेंगा एक वृंदावन गांव

गौशालों का प्रयोग बदला है. गौशला बनाने की दिशा में बड़ा काम हुआ है. ग्वालियर में तो सबसे ज्यादा संचालित हो रही हैं. अब सरकार ने तय किया है कि हर जिले के एक-एक ब्लॉक में एक आदर्श वृंदावन गांव भी बनाया जाएगा. गांव के अंदर समूची संस्क्रति में गौमाता को जो महत्व है, उसे फिर से स्थापित करते हुए गांव के अंदर आत्मियता का वातावरण को पैदा किया जाए, यह सरकार की कोशिश है.

दूध के मिलेंगे ज्यादा दाम

प्रदेश के रीवा, सतना, दमोह, विदिशा, ग्वालियर, आगर मालवा में एकीकृत बायोगेस संयंत्र की स्थापना करते हुए सीएनजी गैस का उत्पादन की दिशा में काम किया जा रहा है. एनडीडीवी के साथ मिलकर 50 लाख लीटर तक दुग्ध कलेक्शन ले जाने वाले हैं. मध्य प्रदेश में अभी साढ़े 5 करोड़ लीटर दूध एकत्रित होता है. इसमें से ढाई लीटर दूध ही मार्केट में जाता है. इस दूध से बेहतर दाम मिले, इसके लिए मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, डेयरी के उन्नतिकरण के आधार पर नई योजना बनाई जा रही है.

Last Updated : June 20, 2025 at 7:54 PM IST
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