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इतिहास के नायकों से रूबरू होने आइए कोठी महल, मोहन सरकार का ये है प्लान - VEER BHARAT MUSEUM UJJAIN

उज्जैन की कोठी महल को अब "वीर भारत संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित करने जा रही मध्य प्रदेश सरकार. 2 चरणों मे पूरा होगा काम.

Kothi Palace UJJAIN
कोठी महल में बनेगा वीर भारत संग्रहालय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 9, 2025 at 5:49 PM IST

4 Min Read

उज्जैन: धर्म नगरी उज्जैन आने वाले पर्यटक या कहें श्रद्धालु यहां मंदिरों के दीदार के साथ-साथ अब यहां इतिहास के पन्नो को भी पलट सकेंगे. उज्जैन के कोठी मार्ग स्थित पुरातन महत्व के जीवाजी राव सिंधिया के समय की विशाल कोठी महल को अब मध्य प्रदेश सरकार "वीर भारत संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित करने जा रही है. यहां इतिहास के नायकों की प्रेरक कथाओं को लोगों को विभिन्न माध्यमों से प्रदर्शित किया जाएगा. इस महल को 2 चरणों मे पूरा किया जाएगा.

क्या होगी उज्जैन के इस नए संग्रहालाय की खासियत

दूसरे चरण में संग्रहालय में परिवर्तित होने के बाद यह महल देश-दुनिया की एक ऐतिहासिक धरोहर कहलाएगी. कब-कब इस महल का जीर्णोद्धार हुआ? अब तक इस महल को किस उपयोग में लाया जा रहा था? हर एक बात को विस्तार से समझते हैं.

28.07 करोड़ में 18 महीनों में पूरा होगा संग्रहालय का पहला चरण

पहले चरण में महल का जीर्णोद्धार होगा जिसे गुजरात की एक निजी कंपनी उज्जैन स्मार्ट सिटी के माध्यम से 28.07 करोड़ में 18 महीनों में पूरा करेगी. उज्जैन स्मार्ट सिटी ने लगभग 18 प्रतिशत कम दर पर काम करने को राजी इस कंपनी को बैंक गारंटी जमा कर कार्य अनुबंध करने के लिए पत्र भेज दिया है.

Veer Bharat Museum UJJAIN
बैठक करते मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (ETV Bharat)

कोठी महल की मरम्मत कार्य के बाद दूसरा चरण शुरू होगा. "वीर भारत संग्रहालय" में देश के नायकों और महापुरुषों की प्रेरक कथाओं को संदेशों के माध्यम से बताया जाएगा. नायकों के चरित्र को पेंटिंग, उत्कीर्णन और शिल्पांकन के जरिए प्रदर्शित किया जाएगा. माना जा रहा है सिंहस्थ 2028 में लोग वीर भारत संग्रहालय को देख पाएंगे.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने 1 मार्च 2024 को कोठी महल में वीर भारत संग्रहालय की स्थापना करने के लिए शिलान्यास किया था. सात महीने बाद कैबिनेट ने पहले चरण में कुल 80 करोड़ रुपये से काम कराने की योजना मंजूर की. उन्होंने कहा कि कोठी महल की मरम्मत कर उसे चमकाने पर 45 करोड़ रुपये उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी (यूएससीएल) द्वारा खर्च किए जाएंगे. शेष राशि वीर भारत न्यास खर्चेगा.

वीर भारत न्यास के सचिव श्रीराम तिवारी ने कहा, "वीर भारत संग्रहालय दुनिया भर के लोगों के लिए प्रमुख शोध एवं पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा. ये ऐसा अत्याधुनिक संग्रहालय होगा, जहां आकर लोगों को भारतीय होने पर गर्व की अनुभूति होगी. संग्रहालय, भारत के महानतम शंकराचार्य, महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, सम्राट विक्रमादित्य, अशोक जैसे अनेक सत्पुरुषों की वीरगाथा को चित्र, मूर्ति, साहित्य सहित विभिन्न तकनीकी माध्यमों से व्यक्त करने वाला अत्याधुनिक केंद्र होगा. जहां आकर हर व्यक्ति अपनी गौरवशाली इतिहास और महापुरुषों के जीवन का परिचय प्राप्त कर सकेगा. इस संग्रहालय में पूर्व वैदिक, वैदिक, उत्तर वैदिक, रामायण, महाभारत काल विक्रमादित्य युग, मध्य युग, पराधीनता के विरुद्ध सिंहनाद करते हुए भारत की सुदीर्घ परंपरा देखने को मिलेगी."

जीवाजी राव सिंधिया के समय करवाया गया था महल का निर्माण

ग्वालियर के तत्कालीन शासक जीवाजी राव सिंधिया के समय इस महल का निर्माण करवाया गया था. साल 1887-88 में ब्रिटिश रिजेंसी काउंसिल द्वारा इसका निर्माण पूरा किया गया. कोठी महल यूरोपीय और भारतीय स्थापत्य का समन्वित रूप नजर आता है. भारतीय शैली में राजपूत, मुगल और मराठा प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखते हैं. जबकि यूरोपियन शैली में इस पर गोथिक प्रभाव है. इसके विशाल सभागारों में गुंबद रोम (इटली) के सेंटपॉल चर्च की तरह हैं जबकि इसके दरवाजे, झरोखे एवं खिड़कियां मुगल-राजपूत शैली के हैं. बात प्रांगण की करें तो बरामदे मराठा शैली के हैं. कोठी महल में छोटे-बड़े मिलाकर 100 कमरे हैं.

कोठी महल में अब तक संचालित होता आया कलेक्ट्रेट व न्यायालय

कोठी महल में वर्ष 2016 से 2022 में कई बदलाव हुए. एक हिस्से में जिला न्यायालय और दूसरे हिस्से में संभागायुक्त-कलेक्टर एवं तहसील कार्यालय संचालित होते रहे. न्यायालय व तहसील संभाग आयुक्त और कलेक्ट्रेट को नई बिल्डिंग मिल गई है. अब कोठी पैलेस को खाली कर वीर भारत संग्रहालय के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है.

ये संग्रहालय भोपाल में बनना था!

वीर भारत संग्रहालय खोलने को लेकर कहा जाता है कि यह संग्रहालय भोपाल में खोला जाना था. इसके लिए बकायदा न्यास का गठन भी कर दिया गया था. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा पर संग्रहालय उज्जैन में स्वीकृत हुआ.

उज्जैन: धर्म नगरी उज्जैन आने वाले पर्यटक या कहें श्रद्धालु यहां मंदिरों के दीदार के साथ-साथ अब यहां इतिहास के पन्नो को भी पलट सकेंगे. उज्जैन के कोठी मार्ग स्थित पुरातन महत्व के जीवाजी राव सिंधिया के समय की विशाल कोठी महल को अब मध्य प्रदेश सरकार "वीर भारत संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित करने जा रही है. यहां इतिहास के नायकों की प्रेरक कथाओं को लोगों को विभिन्न माध्यमों से प्रदर्शित किया जाएगा. इस महल को 2 चरणों मे पूरा किया जाएगा.

क्या होगी उज्जैन के इस नए संग्रहालाय की खासियत

दूसरे चरण में संग्रहालय में परिवर्तित होने के बाद यह महल देश-दुनिया की एक ऐतिहासिक धरोहर कहलाएगी. कब-कब इस महल का जीर्णोद्धार हुआ? अब तक इस महल को किस उपयोग में लाया जा रहा था? हर एक बात को विस्तार से समझते हैं.

28.07 करोड़ में 18 महीनों में पूरा होगा संग्रहालय का पहला चरण

पहले चरण में महल का जीर्णोद्धार होगा जिसे गुजरात की एक निजी कंपनी उज्जैन स्मार्ट सिटी के माध्यम से 28.07 करोड़ में 18 महीनों में पूरा करेगी. उज्जैन स्मार्ट सिटी ने लगभग 18 प्रतिशत कम दर पर काम करने को राजी इस कंपनी को बैंक गारंटी जमा कर कार्य अनुबंध करने के लिए पत्र भेज दिया है.

Veer Bharat Museum UJJAIN
बैठक करते मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (ETV Bharat)

कोठी महल की मरम्मत कार्य के बाद दूसरा चरण शुरू होगा. "वीर भारत संग्रहालय" में देश के नायकों और महापुरुषों की प्रेरक कथाओं को संदेशों के माध्यम से बताया जाएगा. नायकों के चरित्र को पेंटिंग, उत्कीर्णन और शिल्पांकन के जरिए प्रदर्शित किया जाएगा. माना जा रहा है सिंहस्थ 2028 में लोग वीर भारत संग्रहालय को देख पाएंगे.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने 1 मार्च 2024 को कोठी महल में वीर भारत संग्रहालय की स्थापना करने के लिए शिलान्यास किया था. सात महीने बाद कैबिनेट ने पहले चरण में कुल 80 करोड़ रुपये से काम कराने की योजना मंजूर की. उन्होंने कहा कि कोठी महल की मरम्मत कर उसे चमकाने पर 45 करोड़ रुपये उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी (यूएससीएल) द्वारा खर्च किए जाएंगे. शेष राशि वीर भारत न्यास खर्चेगा.

वीर भारत न्यास के सचिव श्रीराम तिवारी ने कहा, "वीर भारत संग्रहालय दुनिया भर के लोगों के लिए प्रमुख शोध एवं पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा. ये ऐसा अत्याधुनिक संग्रहालय होगा, जहां आकर लोगों को भारतीय होने पर गर्व की अनुभूति होगी. संग्रहालय, भारत के महानतम शंकराचार्य, महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, सम्राट विक्रमादित्य, अशोक जैसे अनेक सत्पुरुषों की वीरगाथा को चित्र, मूर्ति, साहित्य सहित विभिन्न तकनीकी माध्यमों से व्यक्त करने वाला अत्याधुनिक केंद्र होगा. जहां आकर हर व्यक्ति अपनी गौरवशाली इतिहास और महापुरुषों के जीवन का परिचय प्राप्त कर सकेगा. इस संग्रहालय में पूर्व वैदिक, वैदिक, उत्तर वैदिक, रामायण, महाभारत काल विक्रमादित्य युग, मध्य युग, पराधीनता के विरुद्ध सिंहनाद करते हुए भारत की सुदीर्घ परंपरा देखने को मिलेगी."

जीवाजी राव सिंधिया के समय करवाया गया था महल का निर्माण

ग्वालियर के तत्कालीन शासक जीवाजी राव सिंधिया के समय इस महल का निर्माण करवाया गया था. साल 1887-88 में ब्रिटिश रिजेंसी काउंसिल द्वारा इसका निर्माण पूरा किया गया. कोठी महल यूरोपीय और भारतीय स्थापत्य का समन्वित रूप नजर आता है. भारतीय शैली में राजपूत, मुगल और मराठा प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखते हैं. जबकि यूरोपियन शैली में इस पर गोथिक प्रभाव है. इसके विशाल सभागारों में गुंबद रोम (इटली) के सेंटपॉल चर्च की तरह हैं जबकि इसके दरवाजे, झरोखे एवं खिड़कियां मुगल-राजपूत शैली के हैं. बात प्रांगण की करें तो बरामदे मराठा शैली के हैं. कोठी महल में छोटे-बड़े मिलाकर 100 कमरे हैं.

कोठी महल में अब तक संचालित होता आया कलेक्ट्रेट व न्यायालय

कोठी महल में वर्ष 2016 से 2022 में कई बदलाव हुए. एक हिस्से में जिला न्यायालय और दूसरे हिस्से में संभागायुक्त-कलेक्टर एवं तहसील कार्यालय संचालित होते रहे. न्यायालय व तहसील संभाग आयुक्त और कलेक्ट्रेट को नई बिल्डिंग मिल गई है. अब कोठी पैलेस को खाली कर वीर भारत संग्रहालय के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है.

ये संग्रहालय भोपाल में बनना था!

वीर भारत संग्रहालय खोलने को लेकर कहा जाता है कि यह संग्रहालय भोपाल में खोला जाना था. इसके लिए बकायदा न्यास का गठन भी कर दिया गया था. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा पर संग्रहालय उज्जैन में स्वीकृत हुआ.

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