ETV Bharat / state

पचमढ़ी में सजेगा मोहन दरबार, सतपुड़ा के शिवाजी को देंगे श्रद्धांजलि, होंगे जरूरी फैसले - PACHMARHI MOHAN CABINET MEETING

3 जून यानि मंगलवार को पचमढ़ी में होगी मोहन यादव कैबिनेट की बैठक, राजा भभूत सिंह को देंगे श्रद्धांजलि, अहम फैसलों पर लगेगी मुहर.

PACHMARHI MOHAN CABINET MEETING
पचमढ़ी में सजेगा मोहन दरबार (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 2, 2025 at 5:36 PM IST

3 Min Read

भोपाल: इंदौर के राजवाड़ा के बाद अब मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट की बैठक मंगलवार को नर्मदापुरम जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल पचमढ़ी में होगी. कैबिनेट की बैठक के साथ-साथ पर्यटन और दूसरे विभागों से जुड़े करीबन 33 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया जाएगा. कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है. राज्य सरकार की यह कैबिनेट बैठक कोरकू जनजाति के योद्धा और पहले स्वतंत्रता संग्राम के नायक राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी.

राजा भभूत सिंह यानी नर्मदांचल के शिवाजी

राजा भभूत सिंह पचमढ़ी जागीर के राजा अजीत सिंह के वंशज थे. जब 1819-20 में पेशवा अप्पा साहेब भोंसले को युद्ध में अंग्रेजों ने अपमानजनक संधि के लिए मजबूर कर दिया. इसके बाद वे बदला लेने पचमढ़ी के आदिवासी क्षेत्र में रहकर आदिवासी समुदाय को संगठित करने लगे. तब पेशवा का साथ राजा भभूत सिंह ने दिया. 1857 की सशस्त्र क्रांति के समय तात्या टोपे के आव्हान पर भभूत सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया. कहा जाता है कि भभूत सिंह का युद्ध कौशल शिवाजी महाराज की तरह था.

वे क्षेत्र के पहाड़ी और जंगली इलाकों से अच्छे से परचित थे और इसका फायदा उठाकर उन्होंने अंग्रेजों की सेना पर हमले शुरू कर दिए. इसमें अंग्रेजी सेना को मुंह की खानी पड़ी. छापामार युद्ध शैली में उन्होंने अंग्रेजी सेना को खूब नुकसान पहुंचाया. अपनी इस युद्धशैली के चलते उन्हें नर्मदांचल का शिवाजी कहा जाता है. प्रदेश की मोहन यादव सरकार पचमढ़ी में कैबिनेट कर राजा भभूत सिंह की विरासत को सम्मान देगी.

सरकार लगा सकती है प्रतिमा

पचमढ़ी में होने जा रही कैबिनेट की बैठक में सरकार कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है. सरकार पचमढ़ी के जागीरदार रहे राजा भभूत सिंह की याद में उनकी प्रतिमा लगाने का भी फैसला ले सकती है. साथ ही किसी संस्थान का नामकरण राजा भभूत सिंह के नाम पर रखा जा सकता है. हालांकि राज्य सरकार ने पहले भी मटकुली में उनकी प्रतिमा लगाने की तैयारी की थी. कैबिनेट की बैठक के अलावा मुख्यमंत्री 33 करोड़ रुपए के विकास कार्य का लोकार्पण और भूमिपूजन भी करेंगे.

इसके तहत धूपगढ़ में 60 लाख रुपए की लागत से धूपगढ़ पर जल प्रदाय के लिए पाइप लाइन और पंप हाउस का निर्माण, 35 लाख की लाग से प्रवेश द्वारा का सौंदर्यीकरण, 1.35 करोड़ का सतपुड़ा रिट्रीट का रिनोवेशन किया जाएगा.

पहले भी भोपाल के बाहर हो चुकी कैबिनेट

पचमढ़ी के पहले राज्य सरकार 20 मई को इंदौर के राजबाड़ा में कैबिनेट बैठक कर चुकी है. यह कैबिनेट लोकमाता अहिल्या देवी की स्मृति में की गई थी. कैबिनेट की बैठक में भोपाल, इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने से जुड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. 3 जनवरी को मोहन सरकार मंत्रिमंडल की जबलपुर में बैठक हुई थी. यह कैबिनेट बैठक रानी दुर्गावती और अवंतीबाई के सम्मान में की गई थी. कैबिनेट में रानी दुर्गावती और रानी अवंतीबाई के नाम से सम्मान समारोह शुरू करने जैसे कई निर्णय लिए गए थे. 5 अक्टूबर को मोहन यादव सरकार ने दमोह जिले के सिंग्रामपुर में कैबिनेट की बैठक हुई थी.

भोपाल: इंदौर के राजवाड़ा के बाद अब मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट की बैठक मंगलवार को नर्मदापुरम जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल पचमढ़ी में होगी. कैबिनेट की बैठक के साथ-साथ पर्यटन और दूसरे विभागों से जुड़े करीबन 33 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया जाएगा. कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है. राज्य सरकार की यह कैबिनेट बैठक कोरकू जनजाति के योद्धा और पहले स्वतंत्रता संग्राम के नायक राजा भभूत सिंह की स्मृति को समर्पित होगी.

राजा भभूत सिंह यानी नर्मदांचल के शिवाजी

राजा भभूत सिंह पचमढ़ी जागीर के राजा अजीत सिंह के वंशज थे. जब 1819-20 में पेशवा अप्पा साहेब भोंसले को युद्ध में अंग्रेजों ने अपमानजनक संधि के लिए मजबूर कर दिया. इसके बाद वे बदला लेने पचमढ़ी के आदिवासी क्षेत्र में रहकर आदिवासी समुदाय को संगठित करने लगे. तब पेशवा का साथ राजा भभूत सिंह ने दिया. 1857 की सशस्त्र क्रांति के समय तात्या टोपे के आव्हान पर भभूत सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया. कहा जाता है कि भभूत सिंह का युद्ध कौशल शिवाजी महाराज की तरह था.

वे क्षेत्र के पहाड़ी और जंगली इलाकों से अच्छे से परचित थे और इसका फायदा उठाकर उन्होंने अंग्रेजों की सेना पर हमले शुरू कर दिए. इसमें अंग्रेजी सेना को मुंह की खानी पड़ी. छापामार युद्ध शैली में उन्होंने अंग्रेजी सेना को खूब नुकसान पहुंचाया. अपनी इस युद्धशैली के चलते उन्हें नर्मदांचल का शिवाजी कहा जाता है. प्रदेश की मोहन यादव सरकार पचमढ़ी में कैबिनेट कर राजा भभूत सिंह की विरासत को सम्मान देगी.

सरकार लगा सकती है प्रतिमा

पचमढ़ी में होने जा रही कैबिनेट की बैठक में सरकार कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है. सरकार पचमढ़ी के जागीरदार रहे राजा भभूत सिंह की याद में उनकी प्रतिमा लगाने का भी फैसला ले सकती है. साथ ही किसी संस्थान का नामकरण राजा भभूत सिंह के नाम पर रखा जा सकता है. हालांकि राज्य सरकार ने पहले भी मटकुली में उनकी प्रतिमा लगाने की तैयारी की थी. कैबिनेट की बैठक के अलावा मुख्यमंत्री 33 करोड़ रुपए के विकास कार्य का लोकार्पण और भूमिपूजन भी करेंगे.

इसके तहत धूपगढ़ में 60 लाख रुपए की लागत से धूपगढ़ पर जल प्रदाय के लिए पाइप लाइन और पंप हाउस का निर्माण, 35 लाख की लाग से प्रवेश द्वारा का सौंदर्यीकरण, 1.35 करोड़ का सतपुड़ा रिट्रीट का रिनोवेशन किया जाएगा.

पहले भी भोपाल के बाहर हो चुकी कैबिनेट

पचमढ़ी के पहले राज्य सरकार 20 मई को इंदौर के राजबाड़ा में कैबिनेट बैठक कर चुकी है. यह कैबिनेट लोकमाता अहिल्या देवी की स्मृति में की गई थी. कैबिनेट की बैठक में भोपाल, इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने से जुड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. 3 जनवरी को मोहन सरकार मंत्रिमंडल की जबलपुर में बैठक हुई थी. यह कैबिनेट बैठक रानी दुर्गावती और अवंतीबाई के सम्मान में की गई थी. कैबिनेट में रानी दुर्गावती और रानी अवंतीबाई के नाम से सम्मान समारोह शुरू करने जैसे कई निर्णय लिए गए थे. 5 अक्टूबर को मोहन यादव सरकार ने दमोह जिले के सिंग्रामपुर में कैबिनेट की बैठक हुई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.