भोपाल: मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल वर्षों से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे कर्मचारियों के लिए मोहन सरकार ने एक और मौका देते हुए, इसकी तारीख में वृद्धि कर दी है. जिससे कर्मचारियों को ट्रांसफर का पूरा मौका मिल सके. हालांकि ट्रांसफर की डेट बढ़ाने की घोषण पहले ही कर दी गई थी, लेकिन आदेश 30 मई को जारी किया गया है. अभी तक ट्रांसफर की आखिरी तिथि 31 मई 2025 निर्धारित की गई थी, लेकिन आवेदनों की संख्या को देखते हुए इसके समय में इजाफा किया गया है.
10 जून तक बढ़ाई गई ट्रांसफर की समयसीमा
बता दें कि पहले सरकार ने 1 मई से 31 मई तक ट्रांसफर की छूट दी थी. इसके लिए 24 मई तक कर्मचारियों को आवेदन करना था. क्षेत्र के ट्रांसफर के मामलों में विभागीय मंत्री, विधायकों की सहमति को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं. इसका उद्देश्य यह है कि विधायकों की नाराजगी न हो. इसमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों के विधायकों की सहमति को महत्व दिया जा रहा है. वहीं, मोहन सरकार ने अब मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए 10 जून तक की समय सीमा बढ़ा दी है.

डेढ लाख लोगों ने किया आवेदन
बता दें कि सरकार ने ट्रांसफर के लिए कर्मचारियों से आवेदन मंगाए थे. इसमें 1.50 लाख से अधिक लोगों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था. हालांकि इनमें से केवल 50 हजार लोगों के ही ट्रांसफर होने हैं. ट्रांसफर के लिए सबसे अधिक आवेदन स्कूल शिक्षा विभाग से आए हैं. राजधानी में एक पद के लिए 40-40 आवेदन आए हैं. यही हाल उच्च शिक्षा विभाग में भी है. इसी तरह राजस्व विभाग में 8 हजार और स्वास्थ्य विभाग में 4 हजार आवेदन आए हैं.

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ट्रांसफर प्रक्रिया में उलझ रहा पेंच
बता दें कि नई ट्रांसफर पालिसी के तहत सीधे उन विभागों के स्तर पर ट्रांसफर होना है, जहां राज्य स्तरीय कैडर है. उदाहरण के रूप में देखें तो जैसे खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में जहां कैडर में निरीक्षकों की स्वीकृत पोस्ट 250 हैं, जिनमें से केवल 147 कार्यरत हैं. इसमें 10 प्रतिशत के हिसाब से केवल 14 से 15 ट्रांसफर होने हैं. इसके अलावा, स्वेच्छा से ट्रांसफर के लिए आए आवेदन भी शामिल किए जा रहे हैं. इसी तरह कोऑपरेटिव में भी पद सीमित हैं, लेकिन ट्रांसफर के लिए आवेदन 50 प्रतिशत से अधिक हैं.