उज्जैन: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ का आयोजन होना है, जिसकी तैयारियों में मध्य प्रदेश सरकार जुट गई है. इस बीच शासन-प्रशासन अवैध कॉलोनाइजरों पर शिकंजा कस रही है. जिन्होंने सिंहस्थ भूमि क्षेत्र में अवैध रूप से कॉलोनियां काटकर आम जनता को बेच जमकर मुनाफा कमाया था. ऐसे 4 कॉलोनाइजर्स को चिंहित कर उनके खिलाफ ईओडब्लू ने केस दर्ज किया है. यह कार्रवाई प्लाट खरीदने वाले लोगों की शिकायत पर की गई है.
4 कॉलोनाइजर्स के खिलाफ केस दर्ज
ईओडब्ल्यू एसपी रामेश्वर यादव ने बताया, "सिंहस्थ क्षेत्र में अवैध रूप से कॉलोनी काटने के आरोप में ऋतुराज सिंह चौहान, जसराज शर्मा, सोनू शर्मा और पुष्पराज सिंह चौहान के खिलाफ केस दर्ज किया है. इन लोगों ने मिलकर चिंतामण जवासिया मार्ग पर गौरी नन्दन परिसर कॉलोनी एवं दशरथ नंदन कॉलोनी काटी थी. जिसके लिए उन्होंने टीएनसीपी, रेरा और नगर निगम की अनुमतियां नहीं थी, जिसके चलते शासन को राजस्व का नुकसान हुआ है."
झूठे वादे कर खरीददारों को बेचे प्लाट
एसपी रामेश्वर यादव ने कहा, "कॉलोनाइजरों ने प्लाट बेचते वक्त कॉलोनी में पीने का पानी, बिजली, सड़क और सीवर लाइन देने का वादा किया था, लेकिन कोई निर्माण नहीं करवाया. नतीजतन चारों कॉलोनाइजर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित धारा 420, 120 बी और 292 के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
जांच में कॉलोनियों में मिली गड़बड़ी
एसपी रामेश्वर यादव के मुताबिक, कॉलोनी गौरी नन्दन में टीएनसीपी, नगर निगम, कॉलोनी सेल, रेरा आदि से कॉलोनी की वैध अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी. इसी प्रकर कॉलोनी दशरथ नन्दन में शासन द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार कुल बिल्ट-अप एरिया का 15 प्रतिशत भूखण्ड कमजोर आय वर्ग के लिए छोड़ना था, लेकिन कॉलोनाइजर ने ईडब्ल्यूएस नियमों का उल्लंघन किया.

वहीं आरोपियों ने दोनों कॉलोनियों के पूरे कागजात प्राप्त किए बिना लोगों को गलत तरीके से प्लाट बेच दिए. दरअसल, ये कोई पहली बार नहीं जब ईओडब्लू ने सिंहस्थ क्षेत्र में अतिक्रमण करने वाले कॉलोनी माफियाओं पर शिकंजा कसा है. इससे पहले भी इस तरह के कई मामलों में प्रकरण दर्ज हुए है. ये कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.

भाजपा विधायक ने भी उठाए थे सवाल
सिंहस्थ क्षेत्र में किसानों की जमीन अधिग्रहण पर अवैध कॉलोनी काटने का मामला भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय ने 18 मार्च को विधानसभा में उठाकर खुद की सरकार को घेरा था. जिसके बाद पार्टी ने विधायक मालवीय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. भाजपा विधायक ने विधानसभा में कहा था कि उज्जैन का किसान डरा हुआ है. पहले 3 से 5 महीने के लिए जमीन अधिग्रहण की जाती थी, अब स्थाई अधिग्रहण की जा रही है.
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अखाड़ों ने भी मना किया था कि नहीं चाहिए जमीन, फिर किसानों को स्थायी अधिग्रहण के नोटिस क्यों? हम सीमेंट के भवन बनाकर स्पिरिचुअल सिटी नहीं बना सकते, स्पिरिचुअल लोगों में होता है. सिंहस्थ का मुख्य विचार ही तंबू में है." चिंतामणि मालवीय ने कहा था कि उज्जैन के किसानों को शंका है कि यह कॉलोनाइजर और भूमाफियाओं का एक षड्यंत्र है. भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय के बयान का कांग्रेस ने समर्थन किया था.