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सारस और अन्य घायल वन्य जीवों के लिए मोबाइल वेटरनरी यूनिट, गोरखपुर-लखनऊ मण्डल को मिली MVU सुविधा - MOBILE VETERINARY UNIT IN UP

गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एमवीयू) की स्वीकृति प्रदान की गई है.

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कानपुर और मेरठ मण्डल के लिए भी एमवीयू सुविधा की मांग. (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 5, 2025 at 5:41 PM IST

3 Min Read

लखनऊ: वन एवं वन्य जीव विभाग ने उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस और अन्य घायल वन्य जीवों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसके तहत गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एमवीयू) की स्वीकृति प्रदान की गई है. इस पहल से दोनों मण्डल के पक्षी विहार और वन प्रभागों में घायल होने वाले पक्षियों और वन्य जीवों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.

जल्द ही कानपुर और मेरठ मण्डल के वन प्रभागों में भी ऐसी ही यूनिट्स की सुविधा प्रदान करने की भी उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की ओर से मांग की है. वन एवं वन्य जीव विभाग प्रदेश के सभी मण्डलों में घायल पशुओं के इलाज के लिए एमवीयू की सुविधा उपल्ब्ध करवाने पर विचार कर रहा है.

इन वन प्रभागों के लिए एमवीयू की स्वीकृति: यूपी के राजकीय पक्षी सारस या क्रेन और अन्य घायल वन्य जीवों को त्वरित इलाज और समय रहते पशु चिकित्सालय तक पहुंचाने के लिए मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एमवीयू) की सुविधा प्रदान की गई है. प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ने गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में स्थित वन प्रभागों के लिए एमवीयू को स्वीकृति प्रदान की है.

गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में मोबाइल वेटरनरी यूनिट: प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की ओर से लंबे समय से मोबाइल वेटरनरी यूनिट की मांग की जा रही थी. इस मांग को ध्यान में रखते हुए विभाग ने गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में एमवीयू की सुविधा प्रदान की है.

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घायल वन्य जीवों के संरक्षण पर जोर (Photo Credit- ETV Bharat)

उन्होंने बताया कि सारस संरक्षण समिति की ओर से कानपुर और मेरठ मण्डल के लिए भी एमवीयू सुविधा की मांग की गई थी लेकिन सीमित संसाधनों के कारण अभी ये सुविधा प्रदान नहीं की जा सकी है, जल्द ही कानपुर और मेरठ मण्डल के साथ प्रदेश के अन्य मण्डलों के लिये भी ये सुविधा शुरू करने का प्रयास है.

सारस संरक्षण समिति की ओर से रखी गई थी एमवीयू की मांग: वन एवं वन्य जीव विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की मांग पर विभाग ने अभी दो मण्डलों में एमयूवी की सुविधा प्रदान की है जिसके तहत टाटा विंगर गाड़ियों को मोबाइल वेटरनरी यूनिट के रूप में विकसित किया है.

इन गाड़ियों में आधुनिक चिकित्सा उपकरण और दवाइयां उपलब्ध होंगी जिससे घायल जीवों को तत्काल प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें नजदीकी पशु चिकित्सालय तक पहुंचाया जा सकेगा. ये एमयूवी न सिर्फ घायल सारस पक्षियों, बल्कि छोटे वन्य जीवों को भी समय पर प्राथमिक उपचार प्रदान करने में सक्षम हैं.

प्रदेश के 59 जिलों में पाये जाते हैं सारस पक्षी: सारस यूपी का राजकीय पक्षी है. प्रदेश के लगभग 59 जिलों में सारस पक्षी पाये जाते हैं. प्राकृतिक आपदाओं, शिकार और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण इन पक्षियों को चोट लगने या बीमार होने का खतरा बना रहता है. ऐसी स्थिति में मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स समय पर उपचार प्रदान कर इनका संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

ये भी पढ़ें- बागपत का 'बकराशाला' : कुर्बानी वाले 650 बकरों को मिली नई जिंदगी, डेटॉल से साफ करते हैं मुंह, ठाठ-बाट जान चौंक जाएंगे

लखनऊ: वन एवं वन्य जीव विभाग ने उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस और अन्य घायल वन्य जीवों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसके तहत गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एमवीयू) की स्वीकृति प्रदान की गई है. इस पहल से दोनों मण्डल के पक्षी विहार और वन प्रभागों में घायल होने वाले पक्षियों और वन्य जीवों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.

जल्द ही कानपुर और मेरठ मण्डल के वन प्रभागों में भी ऐसी ही यूनिट्स की सुविधा प्रदान करने की भी उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की ओर से मांग की है. वन एवं वन्य जीव विभाग प्रदेश के सभी मण्डलों में घायल पशुओं के इलाज के लिए एमवीयू की सुविधा उपल्ब्ध करवाने पर विचार कर रहा है.

इन वन प्रभागों के लिए एमवीयू की स्वीकृति: यूपी के राजकीय पक्षी सारस या क्रेन और अन्य घायल वन्य जीवों को त्वरित इलाज और समय रहते पशु चिकित्सालय तक पहुंचाने के लिए मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एमवीयू) की सुविधा प्रदान की गई है. प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ने गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में स्थित वन प्रभागों के लिए एमवीयू को स्वीकृति प्रदान की है.

गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में मोबाइल वेटरनरी यूनिट: प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की ओर से लंबे समय से मोबाइल वेटरनरी यूनिट की मांग की जा रही थी. इस मांग को ध्यान में रखते हुए विभाग ने गोरखपुर और लखनऊ मण्डल में एमवीयू की सुविधा प्रदान की है.

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घायल वन्य जीवों के संरक्षण पर जोर (Photo Credit- ETV Bharat)

उन्होंने बताया कि सारस संरक्षण समिति की ओर से कानपुर और मेरठ मण्डल के लिए भी एमवीयू सुविधा की मांग की गई थी लेकिन सीमित संसाधनों के कारण अभी ये सुविधा प्रदान नहीं की जा सकी है, जल्द ही कानपुर और मेरठ मण्डल के साथ प्रदेश के अन्य मण्डलों के लिये भी ये सुविधा शुरू करने का प्रयास है.

सारस संरक्षण समिति की ओर से रखी गई थी एमवीयू की मांग: वन एवं वन्य जीव विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति की मांग पर विभाग ने अभी दो मण्डलों में एमयूवी की सुविधा प्रदान की है जिसके तहत टाटा विंगर गाड़ियों को मोबाइल वेटरनरी यूनिट के रूप में विकसित किया है.

इन गाड़ियों में आधुनिक चिकित्सा उपकरण और दवाइयां उपलब्ध होंगी जिससे घायल जीवों को तत्काल प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें नजदीकी पशु चिकित्सालय तक पहुंचाया जा सकेगा. ये एमयूवी न सिर्फ घायल सारस पक्षियों, बल्कि छोटे वन्य जीवों को भी समय पर प्राथमिक उपचार प्रदान करने में सक्षम हैं.

प्रदेश के 59 जिलों में पाये जाते हैं सारस पक्षी: सारस यूपी का राजकीय पक्षी है. प्रदेश के लगभग 59 जिलों में सारस पक्षी पाये जाते हैं. प्राकृतिक आपदाओं, शिकार और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण इन पक्षियों को चोट लगने या बीमार होने का खतरा बना रहता है. ऐसी स्थिति में मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स समय पर उपचार प्रदान कर इनका संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

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