शिमला: विमल नेगी मौत मामले में हिमाचल सरकार ने एसीएस ओंकार शर्मा को छुट्टी पर भेज दिया है और उनसे सभी विभाग भी वापस ले लिए गए हैं. ओंकार शर्मा पर सरकार की इस कार्रवाई पर विपक्षी नेता हमलावर है और सरकार की वरिष्ठ अधिकारी पर इस तरह की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण करार दे रहे हैं.
भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने ओंकार शर्मा से विभाग लेने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. सुधीर शर्मा ने कहा, "ओंकार शर्मा वरिष्ठ अधिकारी है और उन्हें जो जांच सौंपी गई थी. उन्होंने जांच करके अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इस मामले पर जिन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, उन पर कार्रवाई की गई, लेकिन जिस तरह से ओंकार शर्मा पर कार्रवाई की गई वो सही नहीं है".
वहीं, विधायक सुधीर शर्मा ने शिमला एसपी पर भी निशाना साधा है. सुधीर शर्मा ने कहा कि उन्होंने एसपी शिमला को आपराधिक मानहानि का नोटिस भेजा है. इसके अलावा उन्होंने एसपी के खिलाफ विधानसभा में प्रिविलेज मोशन लाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है. एसपी शिमला की ओर से उनके खिलाफ न्यायालय की लाइव कार्यवाही चलाने को लेकर की गई याचिका भी उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है.
शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी के आरोपों के जवाब में सुधीर शर्मा ने कहा कि पुलिस अधीक्षक की टिप्पणी दुर्भावनापूर्ण है. राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर उन्हें कोई समन नहीं आया है. वहीं, एसपी शिमला संजीव गांधी की ओर से उनके खिलाफ उच्च न्यायालय की लाइव प्रोसिडिंग के दुरुपयोग करने को लेकर की गई याचिका को भी न्यायालय ने खारिज कर दिया है.
सुधीर शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायालय की कार्यवाही का वह हिस्सा चलाना बेहद जरूरी था, उसी के बाद बड़ी कार्रवाई हुई. इस दौरान सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधा. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनके पीछे प्रदेश में क्या हो रहा है? उन्हें मालूम ही नहीं था. इस बात से मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का पता चलता है.
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