शिमला: हिमाचल प्रदेश में साल दर साल बेरोजगारी का आंकड़ा बढ़ने लगा है. हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारों का आंकड़ा 6 लाख के पार कर चुका है. शुक्रवार को विधानसभा में हिमाचल में बेरोजगारों के आंकड़े को लेकर भरमौर से भाजपा जनक राज विधायक ने सवाल पूछा. साथ ही सदन में बेरोजगारों का आंकड़ा रखा.
सदन में जानकारी रखी गई कि प्रदेश में सभी जिलों के बेरोजगारों को मिलाकर कुल 6 लाख 32 हजार 505 युवा बेरोजगार हैं. हिमाचल में बेरोजगार की दर वर्ष 2021-2022 में 4% थी. 2022-2023 में यह बढ़कर 4.4% हो गई और वर्ष 2023-2024 में 5.4 % हो गई, जिसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हिमाचल प्रदेश में 1 लाख 78 हजार 294 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 38 हजार 510 और सामान्य वर्ग के 3 लाख 25 हजार 787 युवा बेरोजगार हैं.

विधायक का जनक राज ने कहा, "प्रदेश सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने का दावा कर रही है. यदि रोजगार दिया जा रहा है तो प्रदेश में यह बेरोजगारी इधर क्यों बढ़ रही है? प्रदेश में 6 लाख 32 हजार 505 बेरोजगार हैं, जिसमें पुरुष 3 लाख 34 हजार 511 और 29 लाख 79 हजार 94 महिलाएं बेरोजगार हैं. यह आंकड़ा केवल पंजीकृत बेरोजगारों का है और वास्तव में काफी युवा ऐसे जो जिन्होंने रोजगार कार्यालयों में अपना पंजीकरण नहीं करवाया है. ऐसे में प्रदेश के लिए चिंता का विषय है".

जनक राज ने कहा कि बेरोजगारी को लेकर केवल वर्तमान सरकार ही नहीं, बल्कि सभी दलों को इस पर चिंतन करना चाहिए. बेरोजगारों में सबसे ज्यादा तादाद बीए, बीएससी, एमएससी और ग्रेजुएट शामिल हैं. प्रदेश में बेरोजगारी दर भी हर साल बढ़ रही है. 2021-22 में बेरोजगारी दर जहां 4 फीसदी थी. वहीं 2023-24 में बेरोजगारी दर 5.4 फीसदी हो गई है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हर साल एक लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बेरोजगार यात्रा भी निकली थी, लेकिन ढाई साल में रोजगार के नाम पर यह सरकार कुछ नहीं कर पाई है. जिसके चलते बेरोजगारी बढ़ रही है.
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