शिमला: राजधानी शिमला के मेट्रोपोल स्थित विधायक सदन को असुरक्षित घोषित किया गया है. इसकी जगह अब नए भवन का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए सरकार 38 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ये जानकारी शुक्रवार को विधानसभा में विधायक विपिन सिंह परमार के सवाल का जवाब देते हुए दी है.
सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'विधायक सदन में रह रहे विधायकों और विधानसभा कर्मचारियों को शिफ्ट करने को कह दिया गया है और इन्हें एनटाइटलमेंट के हिसाब से कहीं और आवास लेने को बोल दिया गया है. निजी आवास लेने पर सरकार किराया देने को भी तैयार है. यदि ये भवन गिरता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होगी, इसलिए इस भवन को जल्द खाली करवाया जाएगा.'
232 सरकारी कार्यालय और आवास असुरक्षित हुए घोषित
सीएम सुखविंदर सिंह सिक्खू ने कहा कि, 'सरकार ने पिछले दो सालों में राज्यभर में 232 सरकारी कार्यालयों और सरकारी आवास भवनों को असुरक्षित घोषित कर इन्हें खाली करवाया है. असुरक्षित घोषित किए गए भवनों को गिराने के लिए विभागाध्यक्ष और डीसी को अधिकृत किया गया है. वित्त विभाग की ओर से इस संबंध में समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. पुराने असुरक्षित भवनों को खुले बाजार में नीलामी प्रक्रिया से ढहाया जाता है. राजधानी के सर्कुलर रोड को चौड़ा किया जाएगा. इसके लिए भूमि और भवनों का अधिग्रहण किया जाएगा और इसकी प्रक्रिया जल्द प्रक्रिया पूरी होगी.'
अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुआ सदन
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. 15 दिन तक चले इस बजट सत्र में 15 बैठकों का आयोजन किया गया. इस बार विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही 73 घंटे तक चली जिसकी उत्पादकता 110 फीसदी रही. विधानसभा बजट सत्र में कुल 572 तारांकित और 196 अतारांकित प्रश्न लगे. इस दौरान नियम 46 के तहत 3 विषयों पर चर्चा हुई. नियम-61 पर 2, नियम-62 के 10, नियम-130 पर 14 विषय आए. दो दिन गैर सरकारी सदस्य दिवस रहे.
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