कोरबा: स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम करने वाली मितानिनों का आंदोलन तेज हो गया है. मंगलवार को कोरबा जिले के घंटाघर ओपन थिएटर में मितानिन संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया.
चार सूत्रीय मांगों के लिए मितानिनों का आंदोलन: मितानिनों का कहना है कि उनकी चार सूत्रीय मांगे हैं जिनके लिए वह आंदोलन कर रही है. विधानसभा चुनाव से पहले मोदी की गारंटी के रूप में उनसे दो वादा किया गया था वो सरकार बनने के सालभर बाद भी पूरा नहीं हुआ. इस वजह से उन्हें आंदोलन करना पड़ रहा है. मिताननों ने मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
धरातल पर करते हैं मेहनत :आंदोलन करने घंटाघर पहुंची मितानिन अनूपा महंत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाओं का क्रियान्वयन उनके माध्यम से ही धरातल पर होता है. इसके बाद भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता. अनूपा मंहत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मितानिन कार्यक्रम 22 वर्षों से संचालित है. कोविड-19 महामारी के दौरान भी उन्होंने काम किया लेकिन उसके बदले उन्हें किसी भी तरह का लाभ नहीं दिया गया.

मुख्यमंत्री से हमारी मांग है कि हमारे चार मांगों को पूरा किया जाए. जिसमें हमारे मेहनताना में 50% की वृद्धि किया जाना प्रमुख है. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की गाइड लाइन के तहत ही हमसे काम लिया जाए-अनूपा महंत, मितानिन
मितानिनों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी : मितानिन संगठन की कोरबा जिलाध्यक्ष प्रेमलता मानिकपुरी का कहना है कि चार सूत्रीय मांगों को लेकर जिले की मितानिन आंदोलन कर रही है. उन्होंने उनकी चार सूत्रीय मांगों के बारे में भी बताया, जो इस प्रकार है.-
- ठेका प्रथा बंद हो
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम लिया जाए
- मेहनताना में 50 प्रतिशत की वृद्धि
- मुख्यमंत्री मितानिन कल्याण कोष की स्थापना
हमारी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए. विचार नहीं किए जाने पर हम भविष्य में और भी उग्र आंदोलन करेंगे.-प्रेमलता मानिकपुरी, जिलाध्यक्ष, मितानिन संगठन कोरबा
मांगों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे: धरना स्थल पर पहुंचे तहसीलदार किशोर शर्मा ने बताया कि मितानिनों ने धरना प्रदर्शन कर हड़ताल किया है. इनकी चार सूत्रीय मांग है. जिसके संबंध में ज्ञापन दिया है. मितानिनों से ज्ञापन लेकर उनकी मांगों को उच्च अधिकारियों को सौंपेंगे. शासन से जो भी निर्णय लिया जाएगा. उसे मितानिनों को बता दिया जाएगा.
