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मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की का एलान, अलग सरना धर्म कोड के बिना झारखंड में नहीं होने देंगे जातीय जनगणना - CASTE CENSUS

रांची में मंत्री शिल्पी नेता तिर्की ने जातीय जनगणना और सरना धर्म कोड को लेकर बयान दिया है.

Minister Shilpi Neha Tirkey statement on caste census and Sarna religion code In Ranchi
मंत्री शिल्पी नेता तिर्की (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 19, 2025 at 12:27 AM IST

4 Min Read

रांची: झामुमो की तरह कांग्रेस कोटे के एक मंत्री ने अलग सरना धर्म कोड की मांग कर दी है. साथ ही ऐलान भी कर दिया है कि इसके बिना झारखंड में जातीय जनगणना नहीं कराएंगे.

रविवार को मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की मांडर विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुईं. जिसके बाद उनकी ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जब तक सरना धर्म कोड की घोषणा नहीं कर देती तब तक झारखंड में जातीय जनगणना नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि धर्म तय करने की आजादी संविधान में निहित है और यह हमारा मौलिक अधिकार है.

रांची जिला के लापुंग प्रखंड अंतर्गत फतेहपुर मुंडा टोली में चौथा झंडा स्थापना दिवस सह सरना प्रार्थना सभा को मंत्री ने संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कहा कि झंडा बदलना हमारी परम्परा और संस्कृति को मजबूती प्रदान करता है. सरना स्थल का जीर्णोद्धार हो चुका है और वायदे के अनुरूप यहां शेड का निर्माण भी जरूर होगा. ये स्थल सामूहिकता और एकजुटता का प्रतीक है.

कृषि मंत्री ने कहा कि देश में जातीय जनगणना की घोषणा केंद्र सरकार ने की है. यह हमारे नेता राहुल गांधी के संघर्ष की जीत है. संविधान हम सबको स्वेच्छा से अपना अपना धर्म चुनने की आजादी देता है. ये हमारा मौलिक अधिकार भी है. ऐसे में इस बार के जनगणना फार्म में अलग सरना धर्म कोड का नहीं होना और अन्य का कॉलम भी हटा देना ठीक नहीं है.

जब तक केंद्र सरकार के द्वारा अलग सरना धर्म कोड की घोषणा नहीं कर दी जाती है, तब तक झारखंड में जातीय जनगणना नहीं होने दिया जाएगा. हमें जातीय जनगणना में अलग से एक कॉलम चाहिए. उन्होंने कहा कि 26 मई को सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राजभवन का घेराव कार्यक्रम है. अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली के जंतर मंतर पर भी सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कार्यक्रम होगा.

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने संत लुकस कैथोलिक चर्च कुरकुरिया लापुंग के प्रांगण में महिला सभा को भी संबोधित किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बगैर विकसित समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है. आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता का झंडा बुलंद कर रहीं हैं. समाज में अन्याय और शोषण का शिकार हो रही महिलाओं के हक और अधिकार के लिए लड़ना होगा. महिलाओं की भागीदारी हमेशा धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम में देखने को मिलती है. अब समय आ गया है कि महिलाएं अब राजनीति में अपनी भागीदारी बढ़ाएं. महिलाओं के लिए ये समय अवसर को सफलता में बदलने का है.

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की मांडर प्रखंड के नवाटांड चर्च परिसर में बसिल तिग्गा के पावन पुरोहित अभिषेक कार्यक्रम में भी शामिल हुईं. इस मौके पर उन्होंने अपने संदेश में कहा कि प्रभु की सेवा में अपने संपूर्ण जीवन को समर्पित करना इतना आसान नहीं. मगर बसिल तिग्गा ने भविष्य की तमाम चुनौतियों को सहजता से स्वीकार किया है. आध्यात्म से जुड़ना और उसे आगे बढ़ाना परंपरा का हिस्सा है. परमेश्वर इन्हें हर कठिन मोड़ पर मजबूती से लड़ने की ताकत दे. इस विशेष मौके पर कोलकाता के धर्माध्यक्ष थॉमस डिसूजा, रांची धर्माध्यक्ष विनसेंट आइंद, फादर डेविड, फादर क्रिस्टोफर लकड़ा उपस्थित रहे.

इसे भी पढ़ें- सरना धर्म कोड पर रार: जातिगत जनगणना के बाद कांग्रेस ने आंदोलन किया तेज, पलटवार में जुटी बीजेपी

इसे भी पढ़ें- रांची के जाम टोली गांव पहुंची कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, बेसहारा बच्चों से की मुलाकात

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रांची: झामुमो की तरह कांग्रेस कोटे के एक मंत्री ने अलग सरना धर्म कोड की मांग कर दी है. साथ ही ऐलान भी कर दिया है कि इसके बिना झारखंड में जातीय जनगणना नहीं कराएंगे.

रविवार को मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की मांडर विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुईं. जिसके बाद उनकी ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जब तक सरना धर्म कोड की घोषणा नहीं कर देती तब तक झारखंड में जातीय जनगणना नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि धर्म तय करने की आजादी संविधान में निहित है और यह हमारा मौलिक अधिकार है.

रांची जिला के लापुंग प्रखंड अंतर्गत फतेहपुर मुंडा टोली में चौथा झंडा स्थापना दिवस सह सरना प्रार्थना सभा को मंत्री ने संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कहा कि झंडा बदलना हमारी परम्परा और संस्कृति को मजबूती प्रदान करता है. सरना स्थल का जीर्णोद्धार हो चुका है और वायदे के अनुरूप यहां शेड का निर्माण भी जरूर होगा. ये स्थल सामूहिकता और एकजुटता का प्रतीक है.

कृषि मंत्री ने कहा कि देश में जातीय जनगणना की घोषणा केंद्र सरकार ने की है. यह हमारे नेता राहुल गांधी के संघर्ष की जीत है. संविधान हम सबको स्वेच्छा से अपना अपना धर्म चुनने की आजादी देता है. ये हमारा मौलिक अधिकार भी है. ऐसे में इस बार के जनगणना फार्म में अलग सरना धर्म कोड का नहीं होना और अन्य का कॉलम भी हटा देना ठीक नहीं है.

जब तक केंद्र सरकार के द्वारा अलग सरना धर्म कोड की घोषणा नहीं कर दी जाती है, तब तक झारखंड में जातीय जनगणना नहीं होने दिया जाएगा. हमें जातीय जनगणना में अलग से एक कॉलम चाहिए. उन्होंने कहा कि 26 मई को सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राजभवन का घेराव कार्यक्रम है. अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली के जंतर मंतर पर भी सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कार्यक्रम होगा.

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने संत लुकस कैथोलिक चर्च कुरकुरिया लापुंग के प्रांगण में महिला सभा को भी संबोधित किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बगैर विकसित समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है. आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता का झंडा बुलंद कर रहीं हैं. समाज में अन्याय और शोषण का शिकार हो रही महिलाओं के हक और अधिकार के लिए लड़ना होगा. महिलाओं की भागीदारी हमेशा धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम में देखने को मिलती है. अब समय आ गया है कि महिलाएं अब राजनीति में अपनी भागीदारी बढ़ाएं. महिलाओं के लिए ये समय अवसर को सफलता में बदलने का है.

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की मांडर प्रखंड के नवाटांड चर्च परिसर में बसिल तिग्गा के पावन पुरोहित अभिषेक कार्यक्रम में भी शामिल हुईं. इस मौके पर उन्होंने अपने संदेश में कहा कि प्रभु की सेवा में अपने संपूर्ण जीवन को समर्पित करना इतना आसान नहीं. मगर बसिल तिग्गा ने भविष्य की तमाम चुनौतियों को सहजता से स्वीकार किया है. आध्यात्म से जुड़ना और उसे आगे बढ़ाना परंपरा का हिस्सा है. परमेश्वर इन्हें हर कठिन मोड़ पर मजबूती से लड़ने की ताकत दे. इस विशेष मौके पर कोलकाता के धर्माध्यक्ष थॉमस डिसूजा, रांची धर्माध्यक्ष विनसेंट आइंद, फादर डेविड, फादर क्रिस्टोफर लकड़ा उपस्थित रहे.

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