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मंत्री हफीजुल हसन ने कहा- उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया, संविधान मेरे लिए सर्वोपरि - MINISTER HAFIZUL HASAN

मंत्री हफीजुल हसन ने संविधान को लेकर दिए अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि संविधान के उनके लिए सर्वोपरि है.

Minister Hafizul Hasan clarified his statement regarding the Constitution
मंत्री हफीजुल हसन (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 18, 2025 at 9:47 PM IST

3 Min Read

देवघर: संविधान को लेकर विवादित बयान देने के बाद राज्य के मंत्री हफीजुल हसन के खिलाफ विपक्षी दल लगातार विरोध करते दिख रहे हैं. संविधान पर दिए बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी हफीजुल हसन अंसारी के इस्तीफे की मांग कर रही है. बढ़ते विरोध को देखते हुए मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.

मेरे लिए संविधान सर्वोपरि: हफीजुल हसन

उन्होंने कहा कि संविधान के प्रति उनकी अटूट निष्ठा है. वह बाबा साहब अंबेडकर के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं. जिनकी प्रेरणा से उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन में समावेशिता एवं सामाजिक न्याय के लिए कार्य किया. वह धर्म, जाति, वर्ग, क्षेत्र से ऊपर उठकर का कार्य करते हैं, जो उनके संविधान के प्रति निष्ठा को बताता है.

झामुमो सरकार संवैधानिक मूल्यों के आधार पर करती है काम: हफीजुल हसन

उन्होंने कहा कि संविधान उनके लिए सर्वोपरि है. उनका कोई भी बयान या कोई भी काम संविधान के मूल्यों के खिलाफ नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि संविधान के नियमों को ध्यान में रखते हुए वह सरकार में काम करते हैं. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यकों के अधिकार के रक्षा की गारंटी हमारा संविधान ही देता है तो ऐसे में वह उस संविधान का अपमान कैसे कर सकते हैं.

भाजपा मुसलमान को करते हैं अपमानित, नफरत फैलाने का करती है काम: हफीजुल हसन

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के लोगों ने कई केंद्रीय मंत्रियों को अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति निंदनीय एवं नफरत भरे शब्दों का प्रयोग करते हुए देखा है. किसी ने अल्पसंख्यकों को खुलेआम देश छोड़ने को कहा तो किसी ने मंच से गोली मारने का नारा लगवाया.

उनके बयान को गलत ढंग से किया गया है पेश: हफीजुल हसन
उन्होंने अपने कार्यालय से जारी किए गए पत्र के माध्यम से कहा कि उनके बयान को जिस ढंग से भी परोसा जाए, लेकिन वह भरोसा दिलाते हैं कि वह हमेशा ही अपने कर्तव्यों का निर्वहन संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप करते रहेंगे और सभी समुदायों के लिए न्याय, समानता और समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.

मालूम हो कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अधिवेशन से पहले मंत्री हफीजुल हसन ने राजधानी रांची में मीडिया के सामने यह बयान दिया था कि मुसलमान शरीयत को अपने दिल में और संविधान को हाथ में रखते हैं. जिसको लेकर विपक्षी दल ने उनका विरोध किया था और इस्तीफा की मांग की थी.

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मेरे लिए संविधान सर्वोपरि: हफीजुल हसन

उन्होंने कहा कि संविधान के प्रति उनकी अटूट निष्ठा है. वह बाबा साहब अंबेडकर के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं. जिनकी प्रेरणा से उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन में समावेशिता एवं सामाजिक न्याय के लिए कार्य किया. वह धर्म, जाति, वर्ग, क्षेत्र से ऊपर उठकर का कार्य करते हैं, जो उनके संविधान के प्रति निष्ठा को बताता है.

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उन्होंने कहा कि संविधान उनके लिए सर्वोपरि है. उनका कोई भी बयान या कोई भी काम संविधान के मूल्यों के खिलाफ नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि संविधान के नियमों को ध्यान में रखते हुए वह सरकार में काम करते हैं. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यकों के अधिकार के रक्षा की गारंटी हमारा संविधान ही देता है तो ऐसे में वह उस संविधान का अपमान कैसे कर सकते हैं.

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उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के लोगों ने कई केंद्रीय मंत्रियों को अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति निंदनीय एवं नफरत भरे शब्दों का प्रयोग करते हुए देखा है. किसी ने अल्पसंख्यकों को खुलेआम देश छोड़ने को कहा तो किसी ने मंच से गोली मारने का नारा लगवाया.

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उन्होंने अपने कार्यालय से जारी किए गए पत्र के माध्यम से कहा कि उनके बयान को जिस ढंग से भी परोसा जाए, लेकिन वह भरोसा दिलाते हैं कि वह हमेशा ही अपने कर्तव्यों का निर्वहन संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप करते रहेंगे और सभी समुदायों के लिए न्याय, समानता और समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.

मालूम हो कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अधिवेशन से पहले मंत्री हफीजुल हसन ने राजधानी रांची में मीडिया के सामने यह बयान दिया था कि मुसलमान शरीयत को अपने दिल में और संविधान को हाथ में रखते हैं. जिसको लेकर विपक्षी दल ने उनका विरोध किया था और इस्तीफा की मांग की थी.

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