मेरठ : फॉरेंसिक विज्ञान की पढ़ाई के बाद कॅरियर की तमाम संभावनाएं हैं. देश में इस खास विषय की पढ़ाई के लिए संस्थानों की कमी है. हालांकि मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी (CCSU) से फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन किया जा सकता है.
जल्द ही यहां प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. विश्वविद्यालय ने भी इस कोर्स को डिजाइन किया है. यहां देश की राष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्ध संस्थाओं के विद्वान विशेषज्ञ फैकल्टी के तौर पर जुड़े हैं.
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की जन्तु विज्ञान विभाग की एचओडी बिंदु शर्मा ने बताया कि फाॅरेंसिक साइंस में काफी अवसर हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस विषय को लेकर काफी गंभीर हैं. उन्होंने हर जिले में फॉरेन्सिक लैब की कल्पना की है. फोरेंसिक साइंस में जो छात्र रुचि रखते हैं, तो उनके लिए विश्वविद्यालय में अब फॉरेंसिक साइंस में एमएससी करने का अवसर है.
इसके लिए स्टूडेंट का बीएससी मैथमेटिक्स या फिर लाइफ साइंस में बीएससी होना अनिवार्य है. नए सत्र के लिए मई में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है. CCSU से इस कोर्स के लिए 45 हजार रुपये सालाना फीस निर्धारित की गई है. फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट में कुल 20 सीटें हैं. वर्तमान में यहां 12 छात्र फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं.

बिंदु शर्मा बताती हैं कि देशभर में फोरेंसिक लैब हैं, जहां बड़ी संख्या में ऐसे फोरेंसिक एक्सपर्ट की आवश्यकता है. इसके अलावा पुलिस लाइन में भी फॉरेंसिक टीम में फोरेंसिक एक्सपर्ट की आवश्यकता होती है. इसी प्रकार टीचिंग लाइन में भी जा सकते हैं. अस्पताल में किसी भी पोस्टमार्टम के समय पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की आवश्यकता होती है और ऐसे में वहां भी फॉरेन्सिक एकस्पर्ट्स के तौर पर अवसरों की भरमार है. पश्चिमी यूपी में सरकारी विश्वविद्यालयों में सिर्फ मेरठ का चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जहां फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई कराई जा रही है. फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट में फैकल्टी हैदराबाद की फोरेंसिक लैब और दिल्ली की फोरेंसिक लैब में सेवाएं दे चुके हैं.
असिस्टेंट प्रोफेसर शिखा त्यागी का कहना है कि फॉरेंसिक साइंस इंडिया में इस वक्त काफी बूम पर है. बहुत सारी वैकेंसी भी लगातार निकल रही हैं. फॉरेंसिक के नाम पर सेपरेट एग्जाम भी अब तो हो रहा है. CFSL यानी "केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला" (Central Forensic Science Laboratory) और FSL यानी फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में भी लगातार वेकेंसी निकल रही हैं. बैंकिंग समेत इंश्योरेंस कंपनियां भी फोरेंसिक एक्सपर्ट्स को हायर साइंस एकस्पर्ट्स को हायर कर रही हैं. शिखा त्यागी बताती है कि हाल फिलहाल में भी तीन अलग-अलग राज्यों में फॉरेंसिक साइंस से संबंधित वैकेंसी निकली हुई है. अभी तक संबंधित विशेषज्ञ काफी कमी हैं.
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