देहरादून: शहर के कारगी कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन पर प्रतिदिन करीब 200-250 टन कूड़ा पहुंचता है. पूर्व में कारगी से ट्रकों से कूड़ा शीशमबाड़ा भेजा जाता था. जिसके कारण कारगी पर कूड़े का ढेड़ लग जाता था. इस दुर्गंध से आसपास के लोग काफी परेशान रहते थे. इसकी शिकायत भी लगातार नगर निगम को मिल रही थी. लेकिन अब आसपास के लोगों के लिए राहत है. क्योंकि कारगी कूड़ा ट्रांसफर के लिए मैकेनाइज्ड कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन का ट्रायल पूरा हो चुका है. अभी यहां से आठ कॉम्पैक्टर के माध्यम से कूड़ा शीशमबाड़ा जा रहा है और एक जून से इनकी संख्या दोगुनी करने की तैयारी चल रही है.
देहरादून के कारगी में ट्रांसफर स्टेशन के निर्माण के दौरान शीशमबाड़ा कूड़ा भेजने का काम पूरी तरह से प्रभावित था. इससे करीब 10 हजार टन कूड़ा कारगी पर इक्कठा हो रहा था. जिसके कारण आसपास के लोगों को कूड़े की बदबू सहन करनी पड़ रही थी. इसके बाद आसपास के लोगों द्वारा मेयर को शिकायत की गई. जिसके बाद मेयर सौरभ थपरियाल और नगर आयुक्त ने कंपनी को चेतावनी दी. करीब 15 दिन की मशक्कत के बाद सारा कूड़ा शीशमबाड़ा भिजवाया गया. ऐसे में आगे इस तरह की स्थिति पैदा न हो, इसलिए कॉम्पैक्टर की संख्या डबल करने के निर्देश स्मार्ट सिटी को दिया गया है.
नगर आयुक्त नमामि बंसल ने बताया है कि नगर निगम ने तीन महीने के अंदर कारगी पर मैकेनाइज्ड ट्रांसफर स्टेशन तैयार किया. वर्तमान में डोर टू डोर कूड़े की गाड़ियां कारगी पर ही डंप हो रही है और ट्रायल के तौर पर कंपैक्शन के बाद ही कूड़ा शीशमबाड़ा जा रहा है. इसी प्लान के तहत अभी और कॉम्पैक्टर संबधित कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराए जाने हैं और उन कॉम्पैक्टर के माध्यम से जितना भी बल्क में कूड़ा आता है उसे भी कंपैक्शन के बाद कूड़ा शीशमबाड़ा ले जाया जाएगा. बहुत ही जल्द इसको पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा. इससे कूड़ा प्रबंधन में काफी सुधार आने वाला है. साथ ही बताया कि कारगी पर जो कूड़ा इकट्ठा हो गया था, उसको पूरी तरह से साफ कर दिया गया है.
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