नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की 12 जून को होने वाले स्थाई समिति के चुनाव के लिए आंकड़े पूरी तरह भाजपा के पक्ष में हैं. हालांकि, इसके बावजूद आम आदमी पार्टी ने भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए अपने पार्षदों का नामांकन कराया है. स्थाई समिति दिल्ली नगर निगम की सबसे महत्वपूर्ण और पावरफुल समिति होती है. इसलिए इसका चुनाव स्थाई समिति के 18 सदस्यों के द्वारा किया जाता है. स्थाई समिति का अध्यक्ष एक तरह से निगम का वित्त मंत्री होता है. 5 करोड रुपए से ज्यादा का कोई भी टेंडर स्थाई समिति के बिना पास नहीं हो सकता है.
नगर निगम में बीते ढाई साल से स्थाई समिति का गठन नहीं हो सका था. जिसकी वजह से निगम की कई बड़ी-बड़ी परियोजनाओं के टेंडर पास नहीं हो सके या जिन परियोजनाओं के टेंडर पहले से चल रहे थे वह रिन्यू नहीं हो सके. इसकी वजह से बहुत सारे काम रूके हुए हैं. लेकिन, अब 12 जून को तस्वीर बिल्कुल साफ हो जाएगी और स्थाई समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा. अध्यक्ष पद पर जहां भाजपा ने वरिष्ठ पार्षद सत्या शर्मा को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने प्रवीण कुमार राजपूत को प्रत्याशी बनाया है. उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा ने सुंदर सिंह को मैदान में उतारा है तो आम आदमी पार्टी ने मोहिनी जीनवाल को प्रत्याशी बनाया है.

स्थाई समिति अध्यक्ष पद के चुनाव का गणित
स्थाई समिति के कुल 18 सदस्यों में से भाजपा के 11 सदस्य हैं. जबकि आम आदमी पार्टी के सात सदस्य हैं. ऐसे में चुनाव जीतने के लिए किसी भी प्रत्याशी को आधे से एक अधिक यानी 10 वोट की जरूरत होती है, जबकि भाजपा के पास पहले से ही 11 वोट हैं. इस तरह से यह लगभग तय है कि दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति के अध्यक्ष पद पर भाजपा पार्षद सत्या शर्मा और उपाध्यक्ष पद पर सुंदर सिंह चुनाव जीतेंगे.
निगम की और भी समितियां है महत्वपूर्ण :
निगम की स्थाई समिति के बाद स्वास्थ्य समिति और शिक्षा समिति के अध्यक्ष के पद भी पावरफुल होते हैं. दिल्ली नगर निगम के 3000 से ज्यादा स्कूल हैं और 250 से ज्यादा अस्पताल और डिस्पेंसरीज हैं. इन सभी की व्यवस्थाओं को देखने का काम शिक्षा समिति और स्वास्थ्य समिति के अध्यक्षों का होता है. इन समितियों में एक-एक उपाध्यक्ष भी बनाए जाते हैं. ऐसे में इन महत्वपूर्ण समितियों के लिए भी लोग पार्टी आलाकमान और वरिष्ठ नेताओं से जुगाड़ लगाते हैं. इन समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का भी पूरी तरह से जलवा रहता है. यह लोग भी समय-समय पर निगम के विद्यालय और अस्पतालों का दौरा करते हैं. ऐसे में निगम के अधिकारियों को भी दौरे के समय उपस्थित रहना पड़ता है.

कर्मचारियों के निलंबन की शिकायत सिफारिश
स्कूल और अस्पताल में समस्या मिलने पर शिक्षा समिति और स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष किसी भी टीचर डॉक्टर और कर्मचारियों के निलंबन की शिकायत सिफारिश भी कर सकते हैं. क्योंकि स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों ही महत्वपूर्ण विषय हैं और जनता को सीधे प्रभावित करते हैं तो इन पदों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी बड़ी होती है. इसके अलावा निगम की उद्यान समिति में भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होते हैं. यह भी पद महत्वपूर्ण होता है. पूरे दिल्ली में एमसीडी के डेढ़ सौ से ज्यादा पार्क हैं. इन पार्कों के रखरखाव की जिम्मेदारी उद्यान समिति और उद्यान विभाग की होती है इन पार्कों में बड़ी संख्या में माली और अन्य कर्मचारी काम करते हैं इन पार्कों के रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी निगम के उद्यान विभाग की होती है. ऐसे में उद्यान समिति अध्यक्ष का भी पूरा दबदबा होता है.
वह कभी भी किसी भी पार्क में जाकर के उसकी साफ सफाई पेड़ पौधों के रखरखाव का निरीक्षण कर सकते हैं. पार्कों में अतिक्रमण होने पर भी निगम की ओर से कार्रवाई का प्रावधान है. इसलिए इस समिति का महत्वपूर्ण स्थान होता है. इसके अलावा महिला एवं बाल कल्याण समिति और भी निगम में कई समितियां होती हैं जो अपना महत्व रखती हैं.
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