रायपुर: छत्तीसगढ़ी फिल्म 'मया बिना रहे नई जाय' में किरण और करण चौहान ने हीरो हीरोइन की भूमिका निभाई है. जो रिश्ते में भाई बहन है. यही वजह है कि इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया में काफी कंट्रोवर्सी चल रही है. आइये आपको बताते हैं कि फिल्म की हीरो हीरोइन करण और किरण के साथ ही फिल्म निर्माता का कंट्रोवर्सी पर क्या कहना है. साथ ही इतनी कम उम्र में इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्होंने कितनी मेहनत की. दोनों कैसे आज इस मुकाम पर पहुंचे, घर वालों का कितना सहयोग मिला है. पढ़ाई के साथ-साथ फिल्म की शूटिंग कैसे हुई.
बचपन से डांस कर रहे भाई बहन: ETV भारत से खास बातचीत में किरण और करण ने बताया कि वह जब 6 साल के थे तब से डांस करते आ रहे हैं. किरण, करण से बड़ी है और उसने ही अपने छोटे भाई करण को डांस सिखाया है जबकि किरण ने अपने पिता से डांस सीखा. दोनों बचपन से गांवों में कई कार्यक्रम में डांस करते आ रहे हैं. कई कार्यक्रमों में इन्होंने अपनी प्रस्तुति दी है. जब भी इन्हें कही डांस के आयोजन की जानकारी मिलती थी, दोनों पहुंच जाते थे.
छत्तीसगढ़ में जितने गांव घूमी हूं शायद ही कोई और घूमा होगा. ज्यादातर गांवों में अपने डांस का परफॉर्मेंस दिया है.- किरण चौहान, फिल्म कलाकार
पूरा परिवार कलाकार, पिता से सीखा डांस: किरण और करण ने बताया कि उन्होंने एल्बम में भी काम किया. जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. इसके बाद दोनों भाई बहनों ने रील बनाना शुरू किया. इसे भी लोगों का काफी प्यार मिला. करण किरण का कहना है कि पढ़ाई के बाद खाली समय में डांस की प्रैक्टिस करते थे. दोनों भाई बहनों का कहना है कि उनका पूरा परिवार कलाकारों का परिवार है. दादा, पिता सभी कलाकार थे और उनसे ही दोनों ने डांस सीखा.
पूरा हुआ बचपन का सपना: छत्तीसगढ़ी या हिंदी फिल्म कौन सी ज्यादा पसंद है और कौन सी हीरोइन अच्छे लगते हैं, इसके जवाब में किरण ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ी फिल्में ज्यादा देखती हैं. और उन्हें शिखा की एक्टिंग काफी अच्छी लगती है. किरण ने बताया कि जब बचपन में फिल्म देखने जाती थी तो उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि बड़े पर्दे पर वह अपने आप को देखेगी, लेकिन आज वह सपना पूरा हो गया.
मैं बड़े पर्दे पर हूं, मेरे बड़े-बड़े पोस्टर लगे हैं, मुझे आज भी यह सपना ही लग रहा है. उम्मीद है कि सबका आशीर्वाद मिलेगा तो आगे और काम करूंगी-किरण चौहान, फिल्म कलाकार
पिता ने छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता संतोष कुर्रे से की बात: मया बिना रहे नई जाय फिल्म के हीरो करण ने बताया कि फिल्म में काम करने के दौरान परिवार का पूरा सहयोग रहा है. उनका परिवार कलाकारों का परिवार है इसलिए पिता ने कभी भी उन्हें इस काम के लिए नहीं रोका बल्कि बढ़ावा दिया. वे बताते हैं कि जब वह डांस करते थे, एल्बम बनाते थे तो उस दौरान कई लोगों ने फिल्मों में काम करने को कहा. इसके बाद उनके मन में फिल्म में काम करने का विचार आया और यह बात पिता को बताई. उनके पिता ने छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता संतोष कुर्रे से बात की और काफी चिंतन के बाद फिल्म बनाने का निर्णय लिया गया.
6 महीने में तैयार हुई फिल्म की स्क्रिप्ट: करण ने बताया कि मया बिना रहे नई जाय फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार करने में लगभग 6 महीने का समय लग गया था, क्योंकि हम भाई बहन हीरोइन के रूप में इसमें काम करने वाले थे, इसलिए किरदार को देखते हुए काफी सोच समझकर फिल्म की कहानी लिखी गई. फिल्म को ऐसा बनाना था कि पूरा परिवार साथ बैठकर फिल्म देख सके. इन सारी बातों को ध्यान में रखकर स्क्रिप्ट तैयार की गई. इस फिल्म की शूटिंग लगभग 45 दिनों में पूरी हो गई लेकिन फिल्म को रिलीज होने में साल भर का समय लग गया.
हीरो हीरोइन भाई बहन ने बताया फिल्म को पारिवारिक: किरण ने बताया कि जब उन्हें फिल्म का ऑफर मिला तो खुशी का ठिकाना नहीं था, परिवार के लोग काफी खुश थे और उनके खुशी के आंसू निकल पड़े. फिल्म लॉन्च होने के बाद पूरे परिवार के साथ सबने फिल्म देखी. यह पारिवारिक फिल्म है, जो दो बहनों पर आधारित है. दो परिवार में कैसे लोग मिलते हैं, उनके बीच कैसे नोंकझोक होती है और उसका समाधान कैसे किया जाता है. यह सारी चीज इस फिल्म में दिखाई गई है.
किरण ने बताया कि वह बीए फाइनल कंप्लीट कर चुकी है और करण बीए फर्स्ट ईयर में है. करण ने कहा कि फिल्म की शूटिंग के दौरान उसके बोर्ड एग्जाम चल रहे थे, वह 12वीं की परीक्षा दे रहा था, रात भर पढ़ाई करता था, सुबह एक-दो घंटे की नींद और उसके बाद 9:00 बजे पेपर देने जाता था. 12:00 बजे पेपर देकर सीधे शूटिंग के लिए चला जाता था.
फिल्म कंट्रोवर्सी पर किरण और करण: वही फिल्म में भाई बहन के द्वारा हीरो हीरोइन का किरदार निभाने को लेकर चल रही कंट्रोवर्सी पर किरण ने कहा "पहले आप फिल्म देखिए. उसके बाद कोई निर्णय लीजिए. किसी दूसरे की कही बातों को ध्यान मत दीजिए. फिल्म लगने के बाद अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. लोग फिल्म को काफी पसंद कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि लोगों का प्यार दुलार मिलता रहा तो वह इसी तरह आगे बढ़ती रहेगी.
फिल्म को मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स: फिल्म निर्माता संतोष कुर्रे ने बताया कि ये दोनों बचपन से डांस करते आ रहे हैं. इनका यूट्यूब पर कई वीडियो देखा, अच्छा लगा. इनका "रिचार्ज कर दें" गाना बहुत ज्यादा हिट हुआ था. वह गाना लोगों ने काफी पसंद किया. जिसके बाद मुझे लगा कि इन दोनों को लेकर फिल्म बनाया जाए. लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाए कि भाई बहन को हीरो हीरोइन की रोल में ले रहे हैं तो इसका दायरा भी सीमित होना चाहिए. जिससे किसी तरह की विवाद की स्थिति ना हो और उसके बाद हम सबने बैठकर फिल्म की स्टोरी तैयार की. इसे तैयार करने में लगभग 6-7 महीने का समय लग गया. इसके बाद फरवरी में पिक्चर बनाना शुरू किया था और अप्रैल में फिल्म लॉन्च हो गई. फिल्म काफी अच्छी है लोग पसंद कर रहे हैंं अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.
संतोष कुर्रे ने कहा कि इस फिल्म को बनाने में कई बातों का ध्यान दिया गया है. हर चीज मर्यादा में की गई है और सारी बातों को ध्यान रखकर यह फिल्म बनाई गई है, लेकिन कुछ लोग इस पर गलत कमेंट कर रहे हैं. कई लोग फिल्म के पोस्टर को देखकर भी अपने राय बना रहे हैं. पोस्टर में दिया गए पोज एक डांस कलाकार का पोज है. वह गुरु के साथ भी हो सकता है, किसी और के साथ भी हो सकता है. लेकिन पोस्टर में दिखाया गया दृश्य फिल्म में नहीं है. इसलिए दर्शकों से अपील है कि पहले फिल्म देखे, उसके बाद फिल्म के बारे में विचार बनाया, सुनी सुनाई बातों पर ध्यान न दें.
फिल्म का नाम और उसका अर्थ क्या है, इसकी जानकारी देते हुए किरण ने कहा कि 'मया बिन रहा नाइ जाए' में मया का मतलब प्यार होता है और प्यार किसी से भी किया जा सकता है, भाई बहन का रिश्ता हो सकता है, मां-बाप का रिश्ता हो सकता है, मां बेटी का हो सकता है, बाप बेटी का हो सकता है. हर रिश्ते में प्यार होता है. प्यार के बिना दुनिया अधूरी है, कोई भी रिश्ता अधूरा है. जहां प्यार नहीं होगा वहां रिश्ता कैसे चलेगा. इस फिल्म में एक परिवार के प्यार को दर्शाया गया है जो एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते.