पटना: आज 1 अप्रैल से वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो रही है. फाइनेंशियल ईयर चेंज होते ही नए टैक्स ईयर की शुरुआत 1 अप्रैल से की जाती है. जिसमें कई नियमों में बदलाव देखने को मिलता है. ये लोगों को टैक्स के स्वरूप में या फिर क्रेडिट कार्ड और बैंक के नियमों में बदलाव देखने को मिलता है.
टैक्स स्लैब में बदलाव: इस साल 1 फरवरी को हुए बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स पेयर लोगों को राहत देते हुए 12 लाख तक इनकम वाले लोगों को टैक्स मैं छूट देने की घोषणा की थी. 1 अप्रैल से सरकार के द्वारा टैक्स छूट की घोषणा को इंप्लीमेंट की जाएगी. वहीं नौकरी कर्मचारियों को 12 लाख के अलावे 75000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन कल मिलेगा. यानी वेतनभोगी अधिकारी या कर्मचारी का 1275000 तक का आए अब टैक्स से फ्री हो जाएगा.
रेंटल और कमर्शियल बिल्डिंग से जुड़े कई बड़े बदलाव: 1 अप्रैल से कमर्शियल बिल्डिंग जिसमें पहले 2.40 लाख रुपये तक की आमदनी पर टीडीएस लगता था. अब 2.40 की सीमा को बढ़ाकर 6 लाख कर दिया गया है. कमर्शियल बिल्डिंग के रेंट पर 18% जीएसटी लगेगा. इस नियम के लागू होने के बाद जो भी बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल हो या अन्य बड़े कमर्शियल प्रतिष्ठान उन सभी के रेंट पर अब 18% का जीएसटी लगाया जाएगा.
UPI में एक्टिव नंबर जरूरी: 1 अप्रैल से यूपीआई के वैसे अकाउंट को बंद कर दिया जाएगा जिस अकाउंट में मोबाइल का एक्टिव नंबर अपडेट नहीं रहेगा. यानी यूपीआई अकाउंट में जो भी वैसे मोबाइल नंबर जो बहुत दिनों से एक्टिव नहीं है उसे यूपीआई अकाउंट को कल से बंद कर दिया जाएगा.
बैंक और क्रेडिट कार्ड के नियम में बदलाव: आज 1 अप्रैल से क्रेडिट कार्ड के नियमों में भी कुछ बदलाव हो रहा है. बैंकों के क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले रिवॉर्ड और अन्य सुविधाओं में कुछ कमी होगी. एसबीआई और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक अपने क्रेडिट कार्ड में लोगों के लिए मिलने वाले ऑफर में कुछ कटौती करेगी. बैंकों में खाताधारक को एक मिनिमम बैलेंस अपने अकाउंट में रखना पड़ता है. पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक, ऑफ इंडिया कुछ अन्य बैंक सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर पेनल्टी लगाने का काम करेगी.
1 अप्रैल से होने वाले बदलाव पर एक्सपर्ट की राय: कन्फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल नोपानी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था उसमें सबसे बड़ा लाभ मध्य एवं उच्च वर्ग के लोगों इसके अलावे मध्यम वर्ग के व्यापारी को हुआ था. पहले इनकम टैक्स की सीमा 7.50 लाख रुपये थी, उसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है, जो आज से लागू होगा. यह एक बड़ा बदलाव कल से वेतन भोगी और मध्यम वर्गीय व्यापारियों को मिलेगा. इसके अलावा 2 लाख 40 हजार रुपए रेंट टैक्स लगता था वह बढ़कर 6 लाख रु कर दिया गया. इससे व्यवसायियों के लिए बहुत बड़ा लाभ होगा.
एटीएम कार्ड यूज करने पर लगेगा टैक्स!: कमल नोपानी का कहना है कि एटीएम यूज करने पर तीन बार तक पैसा नहीं लगता है लेकिन तीन बार से अधिक उपयोग करने पर अब चार्ज लगेगा. वित्त मंत्री ने कुछ सोच समझ कर अपने विवेक से यह निर्णय लिया होगा लेकिन छोटे व्यापारी और आम लोगों पर यह लागू नहीं होना चाहिए. छोटे-छोटे व्यापारी या आम कस्टमर जरूरत पड़ने पर एटीएम का उपयोग करते हैं.
"छोटे व्यापारी को अक्सर पैसे की जरूरत होती है तो वह दिन में दो-चार बार या हफ्ते में 8 से 10 बार तक एटीएम का उपयोग करते हैं. इस पर सरकार अतिरिक्त चार्ज लगा रही है, इस पर विचार करने की जरूरत है. वहीं अब कमर्शियल बिल्डिंग पर पहले जो टैक्स लगता था उसे पर 18% जीएसटी लगा दिया गया है."-कमल नोपनी, कन्फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
UPI पर सरकार का निर्णय सही: कन्फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल नोपानी ने बताया कि यूपीआई में आए दिन बहुत गड़बड़ियां सामने आ रही थी. सरकार का यह निर्णय बिल्कुल सही है कि जिस यूपीआई अकाउंट में मोबाइल नंबर एक्टिव है उसे अकाउंट को चालू रखेंगे. जिस यूपीआई अकाउंट में मोबाइल नंबर एक्टिव नहीं है उसको बंद कर दिया जाएगा. यह सराहनीय कदम है क्योंकि गलत लोग इसका दुरुपयोग करने लगे थे. 1 अप्रैल से आने वाला वर्ष व्यापारी एवं इंडस्ट्री वर्ग और आम लोगों के लिए अच्छा वर्ष बीतेगा.