हजारीबागः जिले में 108 एम्बुलेंस स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही के कारण एक दर्जन एम्बुलेंस सड़ने की कगार पर पहुंच गए हैं. हजारीबाग जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर एक गैरेज में मरम्मत करने के लिए एम्बुलेंस भेजा गई था. साल बीतने को है लेकिन इसकी खबर लेने वाला कोई नहीं है.
एम्बुलेंस को बहुत जल्द उपयोग में लाया जाएगाः उपायुक्त
प्राप्त जानकारी के अनुसार 6 एंबुलेंस मरम्मत करके तैयार भी कर दिए गए हैं. 3 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी एम्बुलेंस का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. बताया जाता है कि भुगतान नहीं होने के कारण एंबुलेंस ऐसे ही पड़े हुए हैं. कई ऐसे एंबुलेंस हैं जिनके चक्के पर मिट्टी जमना भी शुरू हो चुका है. अर्थात एम्बुलेंस खड़े-खड़े बर्बाद हो रहे हैं.
उपायुक्त भी कहते हैं कि जानकारी मिली है बहुत जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा. इसकी जानकारी राज्य को भी है. जो एंबुलेंस बनकर तैयार हो गए हैं उन्हें बहुत जल्द ही उपयोग में लाया जाएगा.
एम्बुलेंस जल्द अस्पताल लाने का उपाय किया जाएः सांसद
हजारीबाग सांसद का कहना है कि यहां के अलावा रांची में भी कई ऐसी जगह है जहां 108 एंबुलेंस पड़े हुए हैं और इसकी खबर लेने वाला कोई नहीं है. उनका कहना है कि सारा मामला राज्य सरकार के पेमेंट से जुड़ा हुआ है, जो एजेंसी यह चला रही है उसे पेमेंट नहीं हो रहा है. राज्य सरकार मंईयां सम्मान योजना में पैसा खर्च कर रही है, लेकिन मूलभूत सुविधा लोगों को नहीं मिल रही है और यह उसका जीता जाता उदाहरण है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द एम्बुलेंस अस्पताल लाने का उपाय करें.
कोरोना को देखते हुए जल्द एंबुलेंस को गैरेज से लाया जाए
कोरोना ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है. ऐसे में गैरेज में सड़ रहे एंबुलेंस को कब उपयोग में लाया जाता है. इसको लेकर यहां पर कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिर क्यों तीन चार महीनों से 108 जैसी आपातकालीन एंबुलेंस सेवा गैरेज में सड़ने के लिए छोड़ दी गई है.
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