मंदसौर: कलेक्ट्रेट कार्यालय में मंगलवार को जनसुवाई के दौरान एक ऐसा वाकया सामने आया, जिसने पूरे सिस्टम को शर्मशार कर दिया. न्याय की चाह में बुजर्ग ने अपनी इज्जत पगड़ी को सिर से उतारकर अधिकारी के पैरों पर रख दी. वहां मौजूद लोग यह दृश्य देखते रह गए. पीड़ित लोग जनसुनवाई में बड़े उम्मीद से न्याय के लिए आते हैं, लेकिन जब अधिकारियों का ध्यान उनके ऊपर नहीं जाता है, तो इस तरह के कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं.
जनसुनवाई में पहले भी घटी ऐसी घटनाएं
जनसुनवाई में ऐसी घटना कोई पहली बार नहीं घटी थी, इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं जनसुनवाई में घट चुकी है. अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पीड़ित सबसे हटके काम करते हैं. प्रशासन से न्याय की गुहार के लिए कभी कभार पीड़ित कलेक्ट्रेट कार्यालय में जहर खा लेते हैं, तो कई बार लोग लोट लगाते हुए न्याय मांगने पहुंचते हैं.
जमीन से कब्जा हटवाने के लिए जद्दोजहद
ताजा मामला मंदसौर कलेक्ट्रेट से आया है. मल्हारगढ़ तहसील के ग्राम बरखेड़ा देव डूंगरी निवासी मोहनलाल मालवीय की दावा है कि उनके पट्टे की जमीन पर ग्राम पंचायत सचिव के परिवार द्वारा कब्जा कर लिया गया है. जिसकी शिकायत उन्होंने कई बार थाने सहित अधिकारियों से की, लेकिन उनकी अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. थक हारकर वे मंगलवार को जनसुवाई में पहुंचे, जहां वे कलेक्टर कार्यालय के गेट पर धरने पर बैठ गए.

पीड़ित ने तहसीलदार के पैरों पर रखी पगड़ी
तहसीलदार सोनिका सिंह जब बुजुर्ग मोहनलाल मालवीय के पास उनकी समस्या सुनने पहुंची थीं, तो उन्होंने अपने सिर की पगड़ी उतारी और तहसीलदार मैडम के पैरों के पास रखकर न्याय दिलाने की गुहार लगाने लगे. उन्होंने कहा, "उनकी पट्टे की जमीन पर गांव बरखेड़ादेव के सचिव झमकलाल परिहार के परिजनों ने अतिक्रमण कर लिया है. इस मामले की सुनवाई के लिए वह पिछले एक साल से मल्हारगढ़ तहसील और एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है."
अधिकारी कटवा रहे ऑफिस-ऑफिस चक्कर
मोहनलाल मालवीय ने कहा, "जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन देकर तहसीलदार बृजेश मालवीय से मुलाकात की. उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया, लेकिन 3 महीने बीतने के बाद भी जब उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो वह एसडीएम रविंद्र परमार से मिलकर मामले से अवगत कराया था. इसके बाद एसडीएम ने दोबारा उसे तहसीलदार बृजेश मालवीय के पास मामले की जांच को लेकर भेज दिया था. जब वह दोबारा तहसीलदार के पास पहुंचे तो उन्होंने टरका कर नायब तहसील कार्यालय में रवाना कर दिया."

पीड़ित ने अपमानित करना का लगाया आरोप
मामले की सुनवाई को लेकर जब वह पिछले हफ्ते कलेक्टर कार्यालय पहुंचे तो कलेक्टर आदिती गर्ग ने कहा कि "तहसीलदार अब इस मामले की जांच करेंगे और जब वह तीसरी बार तहसीलदार के ऑफिस पहुंचे तो तहसीलदार ने उन्हें अपशब्द कहते हुए कार्यालय से बाहर निकाल दिया. इससे परेशान होकर वह मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे. इसके बाद वहां यह सब घटना घटी. पुलिस मौके पर पहुंच कर बुजुर्ग को उठाने की कोशिश की, लेकिन बुजुर्ग ने न्याय नहीं मिलने तक वहीं डटे रहने की चेतावनी दी.
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तहसीलदार ने जांच कराने का दिया आश्वासन
तहसीलदार सोनिका सिंह ने जब उसे चौथी बार जांच करने का आश्वासन दिया. इसके बाद बुजुर्ग माना और परिजन उसे घर ले गए. इस मामले में बुजुर्ग मोहनलाल मालवीय ने बताया कि "वह अपनी जमीन के अतिक्रमण को मुक्त करने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं, लेकिन उसकी मदद के बजाय उल्टे उन्हें ही धमकाया जा रहा है." तहसीलदार सोनिका सिंह ने मामले को ही खारिज करते हुए कहा कि "बुजुर्ग जिस मसले की सुनवाई के लिए यहां आए हैं. वह जमीन रिकॉर्ड के मुताबिक भी उनकी नहीं है."