मंदसौर (विनोद कुमार) : मसाला, औषधीय फसलों और अफीम के बाद मंदसौर लहसुन के मामले में भी नई इबारत लिखने की तैयारी में है. गिरते उत्पादन की समस्या को देखते हुए यहां के एक किसान ने लहसुन की एक नई वैरायटी इजाद की है, जो चीनी लहसुन को भी टक्कर देने की तैयारी में है. यहां के किसान ने हिमाचल की लहसुन का स्थानीय वैरायटी से मेल कराकर लहसुन का नया बीज तैयार किया है, जो उत्पादन में चार गुना लाभ दे सकता है.
प्रशासनिक देखरेख में 4 साल के अंदर डेवलप हुई इस नई मंदसौरी लहसुन को ''धमनार क्रांति'' नाम दिया गया है.

ऐसे तैयार हुआ धमनार क्रांति लहसुन
जमीन के लगातार दोहन और बार-बार एक जैसी फसले बोने के कारण लहसुन की की पैदावार धीरे-धीरे कम होती जा रही है. इसी बीच चीनी लहसुन की एंट्री ने भी किसानों को खूब रुलाया. इस समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए ग्राम धमनार के किसान बद्रीलाल धाकड़ ने अनोखी पहल की. उन्होंने लहसुन की एक ऐसी वैरायटी तैयार कर दी, जो स्थानीय जमीन में कम लागत में तीन से चार गुना उत्पादन दे रही है.
बद्रीलाल धाकड़ ने हिमाचल से मंडी में बिकने आई हिमाचली लहसुन के बीज को खेत पर 2021 में बोया था, शुरुआत में जब खास नतीजे नहीं आए तो उन्होंने इस लहसुन को स्थानीय वैरायटी के साथ मिला दिया.
सफल हुआ संकरण, आई लहसुन की बंपर फसल
स्थानीय वैरायटियों के साथ बोने के साथ बद्रीलाल धाकड़ ने कृषि दवाओं और उचित सिंचाई के प्रबंधन की व्यवस्था की. देखते-देखते अच्छी पैदावार होना शुरू हो गई. 2 साल बाद उन्होंने इस वैरायटी में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्थानीय वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया. उन्होंने लहसुन की फसल को नर और मादा के संकरण के बारे में समझाया और उन्होंने स्थानीय वैरायटी के जीन संकरण कर नई वैरायटी तैयार करने की सलाह दी. पिछले साल ही उन्होंने संकरण का काम प्रायोगिक तौर पर किया था, जिसके अच्छे परिणाम मिले और उस बीज को उन्होंने पिछली दीपावली पर बो कर इस साल बंपर फसल कमाई है.

मंदसौरी लहसुन देखने पहुंच रहे लोग
उनकी नई किस्म की लहसुन को देखने के लिए मालवा, मेवाड़ और हाडोती के सैकड़ों किसान अब यहां पहुंच रहे हैं. बद्रीलाल धाकड़ ने अपने चार बीघा प्लाट में मल्चिंग पद्धति अपनाई, जिसमें उन्होंने ड्रिप से सिंचाई और खाद देने की व्यवस्था भी की है. इन दिनों उनके खेतों में फसल पक कर तैयार है. वह लहसुन की गठानों को जमीन से निकाल रहे हैं. प्रशासनिक और वैज्ञानिक देखरेख में तैयार हुई इस फसल का हाल ही में कृषि विभाग और विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने दौरा भी किया है.
लहसुन की नई किस्म का नाम धमनार क्रांति
किसान बद्रीलाल धाकड़ ने जो वैरायटी तैयार की है, उस नई वैरायटी को नाम दिया गया है धमनार क्रांति. सबसे खास बात ये है कि इस नई वैरायटी की लहसुन की गुणवत्ता चीन से आ रही लहसुन और हिमाचल की मूल लहसुन की गांठ से 5 गुना अच्छी बताई जा रही है. कृषि वैज्ञानिकों का तर्क है कि इस किस्म में एरोमेटिक तत्व भी ज्यादा मौजूद हैं. यानी लहसुन काफी तेज सुगंध वाली भी है.
कृषि विभाग ने टेस्टिंग के लिए भेजा धमनार क्रांति लहसुन
किसान बद्रीलाल धाकड़ ने बताया कि उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के जिला अधिकारी डॉक्टर जीएस चुंडावत और जिला कृषि अधिकारी श्रीमती अनीता धाकड़ के मार्गदर्शन में इस साल दो प्लाट में लहसुन की उन्नत किस्म तैयार की है. प्रशासनिक देखरेख में तैयार की गई इस किस्म को अब हार्वेस्ट करने से पहले सत्यापित किया जाना जरूरी है, इस लिहाज से दोनों अधिकारी अपनी टीम लेकर मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने धमनार क्रांति लहसुन के सैंपल टेस्टिंग के लिए लैब मे भेजे हैं.
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक?
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर जी एस चुंडावत ने बताया, '' नई किस्म की लहसुन काफी उन्नत और मजबूत दिखाई दे रही है, जो देश के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक्सपोर्ट करने के लिए अच्छी साबित होगी. नई किस्म के छिलकों और उसके भंडारण की क्षमता भी काफी अच्छी है, इससे माल लंबे समय तक टिक सकेगा.'' वहीं, कृषि विभाग की जिलाधिकारी डॉक्टर अनीता धाकड़ ने बताया, '' किसान बद्रीलाल धाकड़ को विभाग के अधिकारियों ने समय-समय पर खाद प्रबंधन और सिंचाई की व्यवस्था के लिए मार्गदर्शन दिया और पहली बार इस तरह का प्रयोग सफल रहा है. किसानों को अब इस तरह के नवाचार में भी आगे आना चाहिए जिससे कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सके.''
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