मंडला: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत मंडला जिला चिकित्सालय में आयोजित विशेष सर्जरी शिविर में 11 बच्चों के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया. सभी बच्चे 8 साल से कम उम्र के थे. इसमें से कुछ जन्मजात मोतियाबिंद से पीड़ित थे. सभी बच्चों की सर्जरी मुफ्त की गई. यह ऑपरेशन मंडला जिले के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण अहरवाल के नेतृत्व में संपन्न हुआ.
'मोतियाबिंद किसी भी उम्र में हो सकता है'
डॉ. अहरवाल ने बताया कि "सभी बच्चों की सर्जरी सफल रही. अब उन्हें बेहतर दृष्टि मिलने की पूरी संभावना है." उन्होंने कहा कि "समय पर इलाज बच्चों की दृष्टि को बचाने में निर्णायक होता है और इस प्रकार की पहल बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहद जरूरी है." डॉ. अहरवाल ने बताया कि "मोतियाबिंद किसी भी उम्र में हो सकता है. हालांकि बच्चों में ये दुर्लभ है, लेकिन उन्हें भी हो जाता है. ऑपरेशन किए गए बच्चों में एक को डायबिटीज के कारण मोतियाबिंद हुआ था, जबकि एक को चोट लगने के कारण बाकी को जन्मजात ये बीमारी थी."
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यह सर्जरी मंडला में बन गई मिसाल
इस शिविर में सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय मंडला, आरबीएसके प्रबंधक संजय भोयर, आरबीएसके चिकित्सक, एएनएम, आई ओपीडी/ओटी स्टाफ सहित पूरी स्वास्थ्य टीम ने सक्रिय भागीदारी निभाई. सभी बच्चों को ऑपरेशन के बाद निगरानी में रखा गया है और उन्हें आवश्यक दवाएं व देखभाल प्रदान की जा रही है. एक दिन बाद सभी को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. इसके बाद रूटीन चेकअप के लिए इन्हें अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाना होगा. यह सर्जरी शिविर मंडला जिले में चिकित्सा सेवा की उत्कृष्ट मिसाल बन गई.