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चिट्टा तस्करी मामले में कोर्ट का अहम फैसला, दोषी को 10 साल कठोर कारावास की सजा, ₹1 लाख का लगाया जुर्माना - MANDI COURT DECISION

चिट्टे तस्करी मामले में विशेष न्यायाधीश-1 मंडी की अदालत ने दोषी को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

चिट्टे तस्करी मामले में कोर्ट का अहम फैसला
चिट्टे तस्करी मामले में कोर्ट का अहम फैसला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 26, 2025 at 6:58 PM IST

3 Min Read

मंडी: हिमाचल प्रदेश में चिट्टा की बड़ी खेप पकड़े जाने के मामले में मंडी जिला कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, जुर्माना नहीं देने पर दोषी को तीन साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

जानकारी के अनुसार मंडी जिला में 17 दिसंबर 2023 को पुलिस ने एक आरोपी को चिट्टे की भारी खेप के साथ पकड़ा था. मामले में आज विशेष न्यायाधीश-1 मंडी की अदालत ने दोषी को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. चिट्टा तस्करी मामले में दोषी सुभाष चंद जिला बिलासपुर का रहने वाला है. मंडी जिला पुलिस की एसआईयू की टीम ने सुंदरनगर के पुंघ में नाका के दौरान यह खेप बरामद की थी. मामले की जानकारी जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने दी.

जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने कहा, "17 दिसंबर 2023 को एसआईयू की टीम नाके के दौरान सभी आने जाने वाले वाहनों की चेकिंग कर रही थी. इस दौरान टीम ने सलापड़ से मंडी की तरह जा रही एक निजी वॉल्वो बस (HR 68B 2908) को चेंकिंग के लिए रोका और सभी सवारियों की तलाशी ली. इस दौरान पुलिस ने 37 नंबर सीट पर बैठे सुभाष चंद के बैग की तलाशी ली तो उसके अंदर से भारी मात्रा में चिट्टे की खेप बरामद हुई".

विनोद भारद्वाज ने यह भी बताया कि मौके से जो चिट्टा बरामद किया गया था, उसका भार उस समय 258 ग्राम था, बाद में जब इन्वेंट्री प्रोसेसिंग की गई तो इसका भार 256 ग्राम पाया गया. बाद में न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला में इसका वास्तविक भार 249 ग्राम पाया गया. जिसके आधार पर विशेष न्यायाधीश सुंदरनगर ने अभियुक्त को जमानत पर रिहा कर दिया.

बाद में जब यह मामला विशेष न्यायाधीश मंडी-1 के पास पहुंचा तो चार्ज को संशोधित किया गया. मामले की जांच दौरान के दोषी एक बार फरार भी हो गया, जिसे फिर से हिरासत में लिया गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष 21 गवाह पेश किए, जिनकी गवाही को सही मानते हुए और दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क को सुनने के बाद न्यायालय ने इस मामले में दोषी को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) की धारा के तहत यह सजा सुनाई है.

उन्होंने यह भी बताया कि यह मंडी जिले में चिट्टे (हेरोइन) की इतनी बड़ी मात्रा का पहला मामला है, जिससे लगभग 2500 लोग आसानी से नशे का शिकार हो सकते थे.

ये भी पढ़ें: क्या आपका बच्चा भी करता है चिट्टे का नशा? अगर दिख रहे हैं ये लक्षण तो तुरंत हो जाएं सावधान

मंडी: हिमाचल प्रदेश में चिट्टा की बड़ी खेप पकड़े जाने के मामले में मंडी जिला कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, जुर्माना नहीं देने पर दोषी को तीन साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

जानकारी के अनुसार मंडी जिला में 17 दिसंबर 2023 को पुलिस ने एक आरोपी को चिट्टे की भारी खेप के साथ पकड़ा था. मामले में आज विशेष न्यायाधीश-1 मंडी की अदालत ने दोषी को 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. चिट्टा तस्करी मामले में दोषी सुभाष चंद जिला बिलासपुर का रहने वाला है. मंडी जिला पुलिस की एसआईयू की टीम ने सुंदरनगर के पुंघ में नाका के दौरान यह खेप बरामद की थी. मामले की जानकारी जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने दी.

जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने कहा, "17 दिसंबर 2023 को एसआईयू की टीम नाके के दौरान सभी आने जाने वाले वाहनों की चेकिंग कर रही थी. इस दौरान टीम ने सलापड़ से मंडी की तरह जा रही एक निजी वॉल्वो बस (HR 68B 2908) को चेंकिंग के लिए रोका और सभी सवारियों की तलाशी ली. इस दौरान पुलिस ने 37 नंबर सीट पर बैठे सुभाष चंद के बैग की तलाशी ली तो उसके अंदर से भारी मात्रा में चिट्टे की खेप बरामद हुई".

विनोद भारद्वाज ने यह भी बताया कि मौके से जो चिट्टा बरामद किया गया था, उसका भार उस समय 258 ग्राम था, बाद में जब इन्वेंट्री प्रोसेसिंग की गई तो इसका भार 256 ग्राम पाया गया. बाद में न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला में इसका वास्तविक भार 249 ग्राम पाया गया. जिसके आधार पर विशेष न्यायाधीश सुंदरनगर ने अभियुक्त को जमानत पर रिहा कर दिया.

बाद में जब यह मामला विशेष न्यायाधीश मंडी-1 के पास पहुंचा तो चार्ज को संशोधित किया गया. मामले की जांच दौरान के दोषी एक बार फरार भी हो गया, जिसे फिर से हिरासत में लिया गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष 21 गवाह पेश किए, जिनकी गवाही को सही मानते हुए और दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क को सुनने के बाद न्यायालय ने इस मामले में दोषी को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) की धारा के तहत यह सजा सुनाई है.

उन्होंने यह भी बताया कि यह मंडी जिले में चिट्टे (हेरोइन) की इतनी बड़ी मात्रा का पहला मामला है, जिससे लगभग 2500 लोग आसानी से नशे का शिकार हो सकते थे.

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