रायपुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मलेरिया अपना विकराल रूप धारण किए हुए है. बीजापुर जिले के पोटाकेबिन और आश्रम में रहने वाले 187 बच्चियों की मलेरिया की रिपोर्ट पॉजीटिव आने से हड़कंप मचा हुआ है. वहीं बीते 3 दिनों में पोटा केबिन में रहने वाली दो बच्चियों की मलेरिया से मौत भी हो चुकी है.
मलेरिया होने की क्या है वजह ? : रायपुर जिले के सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी ने बताया, "मलेरिया के फैलने के पीछे मुख्य वजहों में से एक मच्छर होता है, जिसका नाम एनोफिलीज है. एनोफिलिस मच्छर के काटने से मलेरिया होता है. यह मच्छर पानी में अंडा देता है और इसके लार्वा से मच्छर संक्रमित होने के बाद दूसरे मच्छर को भी संक्रमित करता है. इस तरह यह सीधे व्यक्ति को संक्रमित कर मलेरिया का शिकार बनाता है."
"मलेरिया दो प्रकार के होते हैं, जिसमें एक सामान्य मलेरिया होता है और दूसरा फेल्सीफेरम मलेरिया कहलाता है, जो काफी घातक होता है. समय रहते इलाज नहीं होने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है." - मिथिलेश चौधरी, सीएमएचओ, रायपुर
मलेरिया से बचाव के उपाय : सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी ने बताया, "मलेरिया से बचने के लिए अपने घर के आसपास गड्ढों में पानी जमाव नहीं होने देना चाहिए. उन गड्ढों को ढंक दें या फिर सप्ताह में एक बार गड्ढे के पानी में मिट्टी तेल का छिड़काव करना चाहिए. बारिश के दिनों में खासतौर पर नालियों में कचरा जमा न होने दें. इससे मलेरिया फैलाने वाले मच्छर पनपते हैं. नालियों की साफ सफाई करते रहें. पानी का बहाव होते रहना चाहिए. बारिश के मौसम में सभी को मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए. ऐसा करके हम मलेरिया से बचाव कर सकते हैं."
मलेरिया से संक्रमण के लक्षण : किसी व्यक्ति को यदि 5 से 6 दिनों तक लगातार बुखार आ रहा हो तो फौरन बल्ड टेस्ट कराना चाहिए, क्योंकि यह मलेरिया का प्रमुख लक्षण है. मलेरिया के लक्षणों में लगातार बुखार आना, ठंड लगना, सर दर्द होना, हाथ पैर के जॉइंट में दर्द होना, कमजोरी महसूस होना, खून की कमी होना जैसी समस्याएं देखने को मिलती है. फेल्सीफेरम मलेरिया अगर पॉजिटिव आता है तो यह खतरनाक साबित होता है. ऐसे में तुरंत ही इलाज शुरू कर देना चाहिए. इलाज देर से कराने पर जान भी जा सकती है.
मलेरिया होने पर इस बात का रखें ध्यान : मलेरिया होने या लगातार बुखार आने पर स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इसका इलाज कराएं. मितानिन से संपर्क करके ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए. मलेरिया पॉजिटिव आता है तो तुरंत इलाज कराना चाहिए. खासतौर पर मलेरिया से इलाज के दौरान दवा से पूरे कोर्स को कम्प्लीट करना जरूरी है. नहीं तो कुछ दिन ठीक रहने के बाद आप फिर हावी हो जाएगा. खासतौर पर बारिश के दिनों में मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए. क्योंकि मच्छर के अलावा मौसमी कीड़े भी व्यक्ति के शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.