Mahashivratri vrat 2025: भगवान भोलेनाथ का प्रिय दिन और शिव भक्तों का महापर्व महाशिवरात्रि आने वाली है. इस दिन विधिवत भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. कुछ जातक इस दिन व्रत भी रखते हैं. इस व्रत के करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. खास तौर पर कुंवारी लड़कियां इस दिन व्रत रखती है. इससे उनको मनचाहा वर मिलता है. शास्त्रों की मानें तो इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए कुंवारी लड़किया इस दिन अच्छे वर की कामना से व्रत रखती है.
जानिए कब है महाशिवरात्रि: कुरुक्षेत्र के कालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित राकेश ने बताया, "महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस साल 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी जबकि इसका समापन 27 फरवरी को 8:54 बजे सुबह होगा. कुछ लोगों में इस बार महाशिवरात्रि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. हालांकि इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी."
पूजा का शुभ मुहूर्त: पंडित राकेश ने आगे बताया, "पूजा के कई मुहूर्त महाशिवरात्रि के दिन है. पहला जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त सुबह 6:48 से शुरू होकर 9:41 तक रहेगा. नितिशा शुभ मुहूर्त रात के 12:09 से शुरू होकर 12:59 तक रहेगा. दिन में पूजा का पहला मुहूर्त 8:15 से शुरू होकर 10:00 तक और 10:00 से 12:00 तक रहेगा. इसके अलावा 12:00 से 2:00 तक और 2:00 से 4:00 तक दो-दो घंटे का अलग-अलग समय में पूजा का शुभ मुहूर्त है. रात के समय पूजा करने का मुहूर्त 144 सालों के बाद महाकुंभ के साथ आ रहा है. इसमें जो भी इंसान चावल गंगाजल में डालकर भगवान शिव को चढ़ाते हैं, उनकी सभी मनोकामना पूरी होती हैं. जो लोग व्रत रखते हैं, वो व्रत का पारण 27 फरवरी को सुबह 6:48 मिनट से 8:54 के बीच करें. यह पारण का अच्छा और शुभ मुहूर्त है."
कुंवारी लड़कियां भूलकर भी न करें ये काम: इस दिन कुंवारी लड़कियों को जरूर ये व्रत रखना चाहिए. इस दिन कुंवारी लड़कियों को पूरे दिन श्रद्धा से व्रत रखना चाहिए. भोलेनाथ के साथ मां पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इससे उनको मनचाहा वर मिलता है. इस दिन कुंवारी लड़कियों को भूलकर भी प्याज-लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना गया है.
ऐसे करें भगवान शिव का जलाभिषेक: पंडित राकेश ने कहा, "भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है. इस दिन अलग-अलग समय में अलग-अलग विधि से भोले नाथ का अभिषेक करना विशेष फलदायी होता है. भोलेनाथ का अभिषेक करते समय दूध, दही, शहद को गंगाजल के साथ मिलाकर अभिषेक करें. कुछ लोग गन्ने के रस से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं. कहा जाता है कि इस दिन शिवजी के जलाभिषेक से 1 साल की पूजा के बराबर का फल प्राप्त होता है."
इन चीजों से करें भोलेनाथ की पूजा: महाशिवरात्रि की पूजा के समय भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा अक्षत आदि अर्पित करें. रात के चारों पहर शिवजी की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं. भगवान उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं. घर में सुख-समृद्धि आती है. महाशिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए इसका विशेष महत्व होता है.
नोट: खबर में प्रकाशित बातें पंडितजी की ओर से कही गई बातें है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.
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