बाड़मेर : महाराष्ट्र के 26 वर्षीय सुबोध एक ऐसे युवा हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति अनोखा जुनून रखते हैं. उनका सपना है कि भारत की मिट्टी को माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचाया जाए. यह सपना सुनने में जितना अद्भुत लगता है उसे साकार करने का संकल्प उतना ही दृढ़ है. सुबोध ने इस सपने को पूरा करने के लिए साइकिल का सहारा लिया है. इस यात्रा के माध्यम से वह देश के कोने-कोने तक जा रहे हैं, जहां वे लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे हैं और अपने सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं.
7 राज्यों में 33 हजार किलोमीटर की यात्रा : सुबोध की कहानी अपने आप में प्रेरणादायक है. कुछ साल पहले तक, वे एक 5 सितारा होटल में शेफ के रूप में काम करते थे. एक आरामदायक जीवन और अच्छी नौकरी के बावजूद उनके मन में पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक गहरा जुनून जागा. उन्होंने महसूस किया कि वे प्रकृति के लिए कुछ करना चाहते हैं. इस विचार ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और माउंटेनियरिंग को अपना लक्ष्य बना लिया. यह एक बड़ा बदलाव था, लेकिन सुबोध ने इसे स्वीकार किया और अपने सपने को पूरा करने के लिए निकल पड़े. पिछले डेढ़ साल में सुबोध ने 7 राज्यों की यात्रा की है और लगभग 33 हजार किलोमीटर का सफर तय किया है. उन्होंने 26 नवंबर 2023 को लद्दाख के उमलिंग ला पास से शुरुआत की और फिर जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और अब राजस्थान पहुंचे हैं.
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एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य : सुबोध का मुख्य उद्देश्य यही है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को जागरुक बनाया जाए. सुबोध साइकिल यात्रा करते हुए अब शुक्रवार को थार रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर पहुंचे हैं. यहां पहुंचने पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि वे प्रत्येक राज्य में पौधारोपण कर रहे हैं और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक कर रहे हैं. उनका मिशन है एक लाख पौधे लगाकर भारत को हरा-भरा बनाना.
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ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी: उनका कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को रोकने का एकमात्र उपाय पर्यावरण संरक्षण एवं पौधारोपण है. सुबोध इसके साथ ही भारत सरकार के फिट इंडिया मूवमेंट को भी बढ़ावा दे रहे हैं. वे साइकिल यात्रा के माध्यम से युवाओं को शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए प्रेरित करते हैं. इसके साथ ही वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'देखो अपना देश अभियान' का समर्थन करते हुए देश की संस्कृति, धरोहर और पर्यटन स्थलों को लोगों तक पहुंचा रहे हैं.

होटल का काम छोड़, जुटे जागरूक करने : सुबोध ने बताया कि बेंगलुरु से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की है और पहले 5-सितारा होटलों में शेफ के रूप में काम करते थे. हालांकि, चार साल पहले उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और माउंटेनियरिंग को अपना लक्ष्य बना लिया. वे अब तक 600 से अधिक पहाड़ी चोटियों पर चढ़ाई कर चुके हैं और उनका लक्ष्य भारत के 28 राज्यों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह करना है. उनका मानना है कि हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण के लिए योगदान देना चाहिए. वे 2026-27 तक भारत की पवित्र मिट्टी को माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

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बना चुके हैं विश्व रिकॉर्ड : महाराष्ट्र के 26 वर्षीय सुबोध इससे पहले 365 दिनों में छत्रपति शिवाजी महाराज के 371 किलों की चढ़ाई कर चुके हैं और उनका दावा है कि ऐसा करने वाले वे भारत के पहले व्यक्ति हैं. इसके अलावा वे 19 हजार किमी साइकिल चलाकर एक विश्व रिकॉर्ड भी बना चुके हैं. लद्दाख के -25 डिग्री तापमान वाले उमलिंग ला पास से 26 नवंबर 2023 को शुरू हुई उनकी साइकिल यात्रा अब राजस्थान की 40 डिग्री गर्मी में पहुंच चुकी है. सुबोध ने बताया कि लेह लद्दाख में 18-19 हजार की ऊंचाई की सड़क पर, जहां गाड़ियां दम तोड़ देती हैं, वहां पर वह पर साइकलिंग करते हुए पहुंचे हैं.
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शुद्ध हवा के लिए पौधे हैं जरूरी : उन्होंने कहा कि लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझते हुए पौधरोपण करना चाहिए. इसके अलावा अनावश्यक वाहन को नहीं चलाकर छोटे-बड़े काम के लिए साइकिल का उपयोग करें. सुबोध का मानना है कि भारत में वायु गुणवत्ता तेजी से गिर रही है, ऐसे में पौधरोपण ही एकमात्र उपाय है, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को शुद्ध हवा मिल सकती है. उन्होंने युवाओं से अपील की कि हर व्यक्ति कम से कम एक पौधा जरूर लगाए और उसका संरक्षण करें.

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माउंटेन गाइड के रूप में कार्य करके खर्च उठा रहे : सुबोध ने बताया कि उनकी साइकिल यात्रा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति बाड़मेर के थार रेगिस्तानी इलाके में लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. यहां के लोग पर्यावरण के महत्व को समझते हैं, क्योंकि यहां गर्मी बहुत पड़ती है. उन्होंने कहा कि वे अपनी ओर से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने में जुटे हैं. इसके लिए, वे एक लाख पौधे भी लगाएंगे और इसके साथ ही साइकिल पर एक लाख किलोमीटर की यात्रा तय करके देशभर में घूमेंगे. उन्होंने बताया कि वे माउंटेन गाइड के रूप में कार्य करके इस यात्रा का खर्च उठा रहे हैं.
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तिंरगे ओर बालाजी के साथ यात्रा!: सुबोध अपनी साइकिल पर दो जोड़ी कपड़े, खाने-पीने का सामान और जरूरी चीजें साथ लेकर चलते हैं. उन्होंने अपनी साइकिल पर तिरंगा झंडा और वीर बालाजी की छोटी सी मूर्ति लगा रखी है और अपने मिशन के बारे में लिख रखा है. ग्रीनमैन नरपतसिंह राजपुरोहित सहित बाड़मेर जिला मुख्यालय के कई प्रतिष्ठित नागरिकों ने शुक्रवार शाम को पर्वतारोही सुबोध का अभिनंदन किया. इससे पहले सुबोध ने जिले के गादन में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया और पौधरोपण किया. पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए बाड़मेर पहुंचे सुबोध ने कहा कि लोगों को आने वाले समय में बारिश के साथ अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए. साथ ही उन्हें नियमित रूप से उनकी देखभाल करनी चाहिए. पेड़ लगाने के लिए स्थानीय प्रजातियों के पौधों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक का उपयोग करने से बचना चाहिए.