बहराइच : महाराजा सुहेलदेव की विजय की याद में पहली बार भव्य तरीके से विजयोत्सव मनाए जाने की तैयारी है. महाराजा सुहेलदेव की 45 फीट ऊंची प्रतिमा चित्तौरा झील के किनारे स्थापित की गई है. 10 जून को प्रतिमा का अनावरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं.
विजयोत्सव को इसलिए अधिक महत्व दिया जा रहा है, क्योंकि सालों से बहराइच में लगने वाले गाजी मियां मेला (जेठ मेला) की अनुमति इस बार प्रशासन ने नहीं दी है. जिला प्रशासन ने महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा के अनावरण के लिए पूरी तैयारी कर ली है. इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और महाराजा सुहेलदेव की वीरता का गुणगान किया जाएगा.
वहीं बहराइच में महाराजा सुहेलदेव राजभर के नाम पर मेला लगाने के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं. चर्चा है कि इस मेले के जरिए भाजपा के हिन्दुत्व वाले एजेंडे को बल मिलेगा. इससे भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन को प्रदेश की 62 विधानसभा सीटों पर सीधे लाभ मिल सकता है. अधिकांश सीटें पूर्वांचल की हैं.
बता दें, 11वीं शताब्दी में भारत पर गजनी आक्रमणों के दौरान महाराजा सुहेलदेव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 10 जून 1034 को बहराइच के नानपारा मैदान में महाराजा सुहेलदेव ने महमूद गजनवी के सेनापति आक्रांता सैयद सालार गाजी को मार गिराया था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 20 मार्च को मिहींपुरवा की नवनिर्मित तहसील के लोकार्पण के दौरान सैयद सालार मसूद गाजी को विदेशी आक्रांता बताते हुए कहा था कि गाजी का महिमामंडन नहीं होना चाहिए. इसके बाद से ही महाराजा सुहेलदेव के विजय गाथा को लेकर बात कही जा रही थी.