पटना : ''नरेंद्र मोदी ने गरीब सवर्णों के दुख दर्द को समझा है. केंद्र की सरकार ने 10% आरक्षण का प्रावधान किया. इसी आधार पर बिहार सरकार ने भी आरक्षण का प्रावधान किया है. 2025 के चुनाव में एनडीए के पक्ष में सवर्ण वोटर मजबूती के साथ खड़े रहेंगे. सवर्ण मतदाता महागठबंधन के बहकावे में आने वाले नहीं हैं.'' ये कहना है बिहार में सवर्ण आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए महाचन्द्र प्रसाद सिंह का.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सवर्ण के अंदर गरीब और अमीर के बीच खाई बहुत अधिक है. कुछ लोग तो बेहद अमीर हैं, लेकिन कुछ लोग बेहद गरीब हैं. उनकी गरीबी ऐसी है कि उन्हें दो वक्त का भोजन नहीं मिल पाता है. उनकी स्थिति कैसे सुधारें इसे लेकर मैं काम करूंगा और सरकार को वास्तविक स्थिति से अवगत कराने का काम करूंगा.
बिहार में सवर्ण की स्थिति चिंताजनक : कार्यभार संभालने के बाद महाचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि मेरे लिए यह जिम्मेदारी चुनौती पूर्ण है. मेहनत के साथ मैं इस जिम्मेदारी को निभाने का काम करूंगा. महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रदेश इकाई के प्रति आभार व्यक्त करता हूं. बिहार में स्वर्ण की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. कई परिवार भूखे पेट सोने को मजबूर हैं.

बिहार में 25 प्रतिशत सवर्ण गरीबी रेखा से नीचे : दरअसल, बिहार में हुए जातिगत गणना के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सवर्णों की तादात 15.52 % है. बिहार में इनकी संख्या 2 करोड़ दो लाख 91 हजार के आसपास है. सवर्ण में 25% से अधिक आबादी गरीब हैं. जातिगत आधार पर अगर बात कर लें तो भूमिहार 27.58%, ब्राह्मण 25.32%, राजपूत 24.89, कायस्थ 13.83% परिवार गरीब हैं. सवर्ण में 27.6 प्रतिशत लोग भूमिहीन हैं.
'सरकार की उम्मीद पर खरा उतरूंगा' : महाचंद्र प्रसाद सिंह के कौटिल्य नगर आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. सवर्ण आयोग के अध्यक्ष के रूप में महाचंद्र प्रसाद सिंह के सामने चुनौती बड़ी है. राज्य के अंदर स्वर्ण की दिशा और दशा कैसे सुधारे इसे लेकर आयोग को सुझाव देना है. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि मेरे कंधों पर सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है और इसे मैं बखूबी निभाने की कोशिश करूंगा.

नीतीश सरकार का मास्टर स्ट्रोक! : बता दें कि नीतीश सरकार ने एक बार फिर सवर्ण आयोग का गठन किया है. विधानसभा चुनाव से पहले सवर्ण आयोग के गठन का फैसला लिया गया है. भाजपा नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.
36 साल तक रहे विधान पार्षद : महाचंद्र प्रसाद सिंह तिरहुत स्नातक क्षेत्र से विधान पार्षद चुने जाते रहे हैं. 36 साल तक महाचंद्र प्रसाद सिंह विधान पार्षद रहे. फिलहाल महाचंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य के रूप में काम कर रहे थे.
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