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चमत्कारों से भरा है विदिशा का यह मंदिर, कन्या से लेकर बुजुर्ग रूप तक माता रोजाना देती हैं दर्शन - VIDISHA MAA JWALA DEVI TEMPLE

विदिशा के ज्वाला देवी मंदिर में सालों से जल रहीं अखंड ज्योति. स्वर्गीय सुषमा स्वराज से लेकर शिवराज सिंह चौहान जला चुके हैं अखंड ज्योति.

MAA JWALA DEVI SHAKTIPEETH VIDISHA
चमत्कारों से भरा है विदिशा का यह मंदिर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 6, 2025 at 7:06 PM IST

Updated : April 6, 2025 at 7:42 PM IST

4 Min Read

विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा में आज जहां दुर्गा नगर बसा हुआ है, वहां एक समय घना जंगल हुआ करता था. साल 1958 से पहले लोग इस स्थान पर आने से डरते थे. लेकिन आज यहां देश-विदेश से हर रोज श्रद्दालुओं का रेला उमड़ता है.

पंडित प्रभु दयाल चतुर्वेदी को एक दिन सपना देवी ज्वाला का सपना आया, जिसमें मां ने उन्हें मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करने का आदेश दिया. पंडित प्रभु दयाल ने इस सपने के बारे में कुछ बुजुर्ग और विद्वान लोगों को बताया. बड़े-बुजुर्गों की सलाह पर 1958 में उन्होंने माता की एक छोटी सी मड़िया बनाई और त्रिशूल की स्थापना करवाई. इसके बाद हनुमान जी, दूधिया भैरव और अंततः मां ज्वाला देवी की स्थापना की गई. इसी के साथ यह क्षेत्र "दुर्गा नगर" के नाम से फेमस हो गया.

1 दिन में 3 बार मां बदली हैं रूप (ETV Bharat)

1 दिन में 3 बार मां का बदलता है रूप

मंदिर के वर्तमान महंत पंडित रामेश्वर दयाल चतुर्वेदी ने बताया, "इस मंदिर में देवी मां एक दिन में तीन बार रूप बदलती हैं. सुबह 8 से 12 बजे तक 35 वर्षीय रूप, दोपहर 12 से 4 बजे तक बुजुर्ग रूप और शाम 4 से 7 बजे तक कन्या रूप में दर्शन देती हैं. भक्तों की मान्यता है कि यहां की गई सच्ची प्रार्थनाएं हमेशा पूरी होती हैं. चाहे संतान की चाह हो, विवाह की इच्छा हो या जीवन में सफलता की कामना हो, सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. यहां से मां के भक्त खाली हाथ नहीं लौटते हैं. मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु यहां माता को चुनरी चढ़ाने आते हैं.

maa jwala devi shaktipeeth vidisha
माता ज्वाला का प्रसिद्ध दरबार (ETV Bharat)

1980 से जल रही हैं अखंड ज्योति

मंदिर में 1980 से अखंड ज्योति जल रही हैं, जिनमें पहली ज्योति पंडित प्रभु दयाल चतुर्वेदी द्वारा अपने पिता की उपस्थिति में जलाई गई थी. साल 2006 में अखंड ज्योति जलाने के लिए एक भवन बनाया गया था, जिसे ज्योति दरबार के नाम से जाना ता है. यहां वर्तमान 651 तेल और 151 घी की ज्योति जल रही हैं. साल 2021 में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर में एक बार फिर ज्योति जलाने के बड़ा हॉल बनाया गया, ताकि एक साथ हजारों ज्योति जलाई जा सकें.

navratri special story
सालों से जल रहीं अखंड ज्योति (ETV Bharat)

नेता सहित अधिकारियों के आस्था का केंद्र है ये मंदिर

इस मंदिर में आम श्रद्धालु से लेकर बड़े-बड़े नेता और अधिकारी माता के दर्शन करने आते है. यहां केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बड़ी आस्था है. बताया जाता है कि साल 1991 में लोकसभा का पहला चुनाव लड़ने से पहले शिवराज सिंह चौहान ने ज्वाला देवी शक्तिपीठ के मंदिर में ज्योति जलाई थी, जो ज्योत आज भी जल रही है. तब से अब शिवराज सिंह 6 बार लोकसभा सदस्य और 4 विधानसभा सदस्य रहे हैं. शिवराज सिंह के अलावा पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज सहित कई नेता और अधिकारी तक यहां ज्योति जला चुकें है.

vidisha maa jwala devi temple
मां ज्वाला देवी की भव्य मंदिर (ETV Bharat)

श्रद्धालुओं की जुबानी

भोपाल में रहकर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही श्रुति चतुर्वेदी कहती हैं, " मैं पिछले 10 वर्षों से इस मंदिर में आ रही हूं. मैंने यहां जो भी मांगा, वह मां ज्वाला देवी ने पूरा किया. मेरी मेडिकल की पढ़ाई में सफलता भी माता के आशीर्वाद से ही मिली है." वहीं श्रद्धालु विनीत मिश्रा का कहना है, " हमारी 30 वर्षों से यहां ज्योति जल रही है और माता रानी की कृपा से हमारे दोनों बच्चे डॉक्टर बने हैं. यह मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है." अब लोग कहते हैं ज्वाला देवी शक्तिपीठ न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आस्था, विश्वास और चमत्कारों का जीवंत प्रतीक बन चुका है. यहां हर भक्त की पुकार सुनी जाती है.

विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा में आज जहां दुर्गा नगर बसा हुआ है, वहां एक समय घना जंगल हुआ करता था. साल 1958 से पहले लोग इस स्थान पर आने से डरते थे. लेकिन आज यहां देश-विदेश से हर रोज श्रद्दालुओं का रेला उमड़ता है.

पंडित प्रभु दयाल चतुर्वेदी को एक दिन सपना देवी ज्वाला का सपना आया, जिसमें मां ने उन्हें मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करने का आदेश दिया. पंडित प्रभु दयाल ने इस सपने के बारे में कुछ बुजुर्ग और विद्वान लोगों को बताया. बड़े-बुजुर्गों की सलाह पर 1958 में उन्होंने माता की एक छोटी सी मड़िया बनाई और त्रिशूल की स्थापना करवाई. इसके बाद हनुमान जी, दूधिया भैरव और अंततः मां ज्वाला देवी की स्थापना की गई. इसी के साथ यह क्षेत्र "दुर्गा नगर" के नाम से फेमस हो गया.

1 दिन में 3 बार मां बदली हैं रूप (ETV Bharat)

1 दिन में 3 बार मां का बदलता है रूप

मंदिर के वर्तमान महंत पंडित रामेश्वर दयाल चतुर्वेदी ने बताया, "इस मंदिर में देवी मां एक दिन में तीन बार रूप बदलती हैं. सुबह 8 से 12 बजे तक 35 वर्षीय रूप, दोपहर 12 से 4 बजे तक बुजुर्ग रूप और शाम 4 से 7 बजे तक कन्या रूप में दर्शन देती हैं. भक्तों की मान्यता है कि यहां की गई सच्ची प्रार्थनाएं हमेशा पूरी होती हैं. चाहे संतान की चाह हो, विवाह की इच्छा हो या जीवन में सफलता की कामना हो, सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. यहां से मां के भक्त खाली हाथ नहीं लौटते हैं. मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु यहां माता को चुनरी चढ़ाने आते हैं.

maa jwala devi shaktipeeth vidisha
माता ज्वाला का प्रसिद्ध दरबार (ETV Bharat)

1980 से जल रही हैं अखंड ज्योति

मंदिर में 1980 से अखंड ज्योति जल रही हैं, जिनमें पहली ज्योति पंडित प्रभु दयाल चतुर्वेदी द्वारा अपने पिता की उपस्थिति में जलाई गई थी. साल 2006 में अखंड ज्योति जलाने के लिए एक भवन बनाया गया था, जिसे ज्योति दरबार के नाम से जाना ता है. यहां वर्तमान 651 तेल और 151 घी की ज्योति जल रही हैं. साल 2021 में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर में एक बार फिर ज्योति जलाने के बड़ा हॉल बनाया गया, ताकि एक साथ हजारों ज्योति जलाई जा सकें.

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सालों से जल रहीं अखंड ज्योति (ETV Bharat)

नेता सहित अधिकारियों के आस्था का केंद्र है ये मंदिर

इस मंदिर में आम श्रद्धालु से लेकर बड़े-बड़े नेता और अधिकारी माता के दर्शन करने आते है. यहां केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बड़ी आस्था है. बताया जाता है कि साल 1991 में लोकसभा का पहला चुनाव लड़ने से पहले शिवराज सिंह चौहान ने ज्वाला देवी शक्तिपीठ के मंदिर में ज्योति जलाई थी, जो ज्योत आज भी जल रही है. तब से अब शिवराज सिंह 6 बार लोकसभा सदस्य और 4 विधानसभा सदस्य रहे हैं. शिवराज सिंह के अलावा पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज सहित कई नेता और अधिकारी तक यहां ज्योति जला चुकें है.

vidisha maa jwala devi temple
मां ज्वाला देवी की भव्य मंदिर (ETV Bharat)

श्रद्धालुओं की जुबानी

भोपाल में रहकर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही श्रुति चतुर्वेदी कहती हैं, " मैं पिछले 10 वर्षों से इस मंदिर में आ रही हूं. मैंने यहां जो भी मांगा, वह मां ज्वाला देवी ने पूरा किया. मेरी मेडिकल की पढ़ाई में सफलता भी माता के आशीर्वाद से ही मिली है." वहीं श्रद्धालु विनीत मिश्रा का कहना है, " हमारी 30 वर्षों से यहां ज्योति जल रही है और माता रानी की कृपा से हमारे दोनों बच्चे डॉक्टर बने हैं. यह मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है." अब लोग कहते हैं ज्वाला देवी शक्तिपीठ न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आस्था, विश्वास और चमत्कारों का जीवंत प्रतीक बन चुका है. यहां हर भक्त की पुकार सुनी जाती है.

Last Updated : April 6, 2025 at 7:42 PM IST
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