रामनगर: मां गर्जिया ज्योत महोत्सव में उत्तराखंड की सांस्कृतिक, धरोहर और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला. इस भव्य आयोजन में सुप्रसिद्ध जागर गायक अनिल बिष्ट की प्रस्तुति ने समूचे माहौल को भक्तिरस से सराबोर कर दिया. श्रद्धालुओं ने जागरों का जमकर लुत्फ उठाया.
कार्यक्रम का आयोजन पर्वतीय जनजागृति प्रयास सेवा समिति द्वारा किया गया, जो पिछले दस वर्षों से नवरात्रि के अंतिम दिन इस आयोजन को करती है. महोत्सव का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की पारंपरिक लोक संस्कृति का संरक्षण कर नई पीढ़ी तक पहुंचाना है. इस वर्ष भी महोत्सव की शुरुआत पारंपरिक रीति-रिवाजों और पूजा-अर्चना के साथ हुई. श्रद्धालुओं ने मां गर्जिया का आशीर्वाद लिया और जैसे-जैसे रात्रि जागरण आगे बढ़ता गया, वातावरण में भक्ति और श्रद्धा का रंग और गहराता गया. पंडाल में उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालु जागर की ध्वनि पर झूमते नजर आए.
कार्यक्रम का सबसे रोमांचक और आध्यात्मिक क्षण तब देखने को मिला जब प्रसिद्ध जागर गायक अनिल बिष्ट मंच पर आए, उन्होंने जैसे ही उन्होंने देव जागर की प्रस्तुति दी, पूरा पंडाल ढोल नगाड़े और रणसिंघा की गूंज से गूंज उठा. अनिल बिष्ट के अलावा उत्तराखंड के अन्य लोक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी. कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि इस आयोजन का मूल उद्देश्य उत्तराखंड की लुप्त होती सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करना है. कहा कि हमारी कोशिश है कि नई पीढ़ी इन परंपराओं से जुड़े, उन्हें समझे और आगे बढ़ाए. कार्यक्रम में दूर-दूर से लोग पहुंचे, जिन्होंने जागर गायन का जमकर लुत्फ उठाया. लोगों का कहना है कि ऐसे कार्यक्रम देवभूमि की लोक संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं.

काशीपुर चैती मंदिर: काशीपुर में बीते दिन मां बाल सुंदरी देवी का डोला नगर मंदिर पंडा आवास से चैती मंदिर पहुंचा. जिस के बाद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चैती मंदिर व खोखरा मंदिर उमड़ पड़ी. इस दौरान काशीपुर व उत्तर प्रदेश और अन्य दूरदराज के क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने खोखरा देवी व मां बाल सुंदरी देवी के मंदिर में पहुंच कर प्रसाद चढ़ाया. साथ ही श्रद्धालुओं ने मां से सुख-समृद्धि की कामना की.
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