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योगी सरकार के मंत्री ने 'जय भीम पदयात्रा' को दिखाई हरी झंडी, पढ़ी संविधान की प्रस्तावना - JAI BHIM PADYATRA

डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की संस्था MY Bharat (माय भारत) के तत्वावधान में पदयात्रा निकाली गई.

जय भीम पदयात्रा को हरी झंडी दिखाते उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय.
जय भीम पदयात्रा को हरी झंडी दिखाते उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 13, 2025 at 1:38 PM IST

2 Min Read

लखनऊ : डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती के पूर्व दिवस पर रविवार को लखनऊ स्थित मरीन ड्राइव चौराहा से राज्य स्तरीय "जय भीम पदयात्रा" निकाली गई. पदयात्रा को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने हरी झंडी दिखाई. भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की संस्था MY Bharat की ओर से निकाली गई पदयात्रा में बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया. पदयात्रा मरीन ड्राइव चौराहा से शुरू होकर अम्बेडकर स्मृति स्थल तक पहुंची.

जय भीम पदयात्रा को संबोधित करते उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय.
जय भीम पदयात्रा को संबोधित करते उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय. (Photo Credit : ETV Bharat)

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल पर डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर मौन श्रद्धांजलि दी. इसके बाद युवाओं के साथ संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया और डॉ. अम्बेडकर के विचारों को जनसमूह के समक्ष रखा. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर न सिर्फ भारत के संविधान निर्माता थे, बल्कि वे एक महान समाज सुधारक, चिंतक और न्यायप्रिय नेता भी थे. उन्होंने जीवनभर सामाजिक असमानता के विरुद्ध संघर्ष किया और शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का प्रमुख साधन माना. उन्होंने 'शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो' का संदेश दिया था.

लखनऊ में निकाली गई जय भीम पदयात्रा.
लखनऊ में निकाली गई जय भीम पदयात्रा. (Photo Credit : ETV Bharat)

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रकृति में आरंभ से ही सामाजिक समरसता और समता का भाव रहा है. डॉ. आंबेडकर ने इस विचार को संविधान में मूलभूत अधिकारों और कर्तव्यों के माध्यम से सशक्त किया. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे संविधान के मूल्यों को आत्मसात करते हुए समावेशी समाज के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं. भारत एक है और हमें समतामयी, ममतामयी समाज की स्थापना करनी है. उन्होंने कहा कि देशभर में ‘जय भीम पदयात्रा’ जैसे आयोजनों के माध्यम से डॉ. आंबेडकर के विचारों को घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है. यह पदयात्रा केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक जन-जागरण अभियान है जो युवाओं को सामाजिक समता, बंधुत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रेरित करती है.




यह राज्य स्तरीय पदयात्रा भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की संस्था MY Bharat (माय भारत) के तत्वावधान में नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई. मार्ग में युवाओं ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए संविधान और सामाजिक न्याय के संदेश को जनमानस तक पहुंचाया.

यह भी पढ़ें : डॉ. भीमराव आंबेडकर की शोभायात्रा के चलते आगरा में ट्रैफिक डायवर्ट, ये रहेगा प्लान

यह भी पढ़ें : बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में यूं मनाया जाएगा स्थापना दिवस

लखनऊ : डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती के पूर्व दिवस पर रविवार को लखनऊ स्थित मरीन ड्राइव चौराहा से राज्य स्तरीय "जय भीम पदयात्रा" निकाली गई. पदयात्रा को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने हरी झंडी दिखाई. भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की संस्था MY Bharat की ओर से निकाली गई पदयात्रा में बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया. पदयात्रा मरीन ड्राइव चौराहा से शुरू होकर अम्बेडकर स्मृति स्थल तक पहुंची.

जय भीम पदयात्रा को संबोधित करते उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय.
जय भीम पदयात्रा को संबोधित करते उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय. (Photo Credit : ETV Bharat)

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल पर डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर मौन श्रद्धांजलि दी. इसके बाद युवाओं के साथ संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया और डॉ. अम्बेडकर के विचारों को जनसमूह के समक्ष रखा. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर न सिर्फ भारत के संविधान निर्माता थे, बल्कि वे एक महान समाज सुधारक, चिंतक और न्यायप्रिय नेता भी थे. उन्होंने जीवनभर सामाजिक असमानता के विरुद्ध संघर्ष किया और शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का प्रमुख साधन माना. उन्होंने 'शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो' का संदेश दिया था.

लखनऊ में निकाली गई जय भीम पदयात्रा.
लखनऊ में निकाली गई जय भीम पदयात्रा. (Photo Credit : ETV Bharat)

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रकृति में आरंभ से ही सामाजिक समरसता और समता का भाव रहा है. डॉ. आंबेडकर ने इस विचार को संविधान में मूलभूत अधिकारों और कर्तव्यों के माध्यम से सशक्त किया. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे संविधान के मूल्यों को आत्मसात करते हुए समावेशी समाज के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं. भारत एक है और हमें समतामयी, ममतामयी समाज की स्थापना करनी है. उन्होंने कहा कि देशभर में ‘जय भीम पदयात्रा’ जैसे आयोजनों के माध्यम से डॉ. आंबेडकर के विचारों को घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है. यह पदयात्रा केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक जन-जागरण अभियान है जो युवाओं को सामाजिक समता, बंधुत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रेरित करती है.




यह राज्य स्तरीय पदयात्रा भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की संस्था MY Bharat (माय भारत) के तत्वावधान में नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई. मार्ग में युवाओं ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए संविधान और सामाजिक न्याय के संदेश को जनमानस तक पहुंचाया.

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