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कलाकारों के लिए बड़ी खुशखबरी; 4 साल से रुके अवार्ड की जल्द होगी घोषणा, संगीत नाटक अकादमी ने शुरू की तैयारी - Sangeet Natak Academy

लखनऊ स्थित संगीत नाटक अकादमी (Sangeet Natak Academy) से कला विभूतियों को मिलने वाले सम्मान और पुरस्कारों की घोषणा वर्ष 2020 के बाद से नहीं हुई है. नई कार्यकारिणी गठित होने के बाद अवार्ड घोषित करने की तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 8:04 AM IST

संगीत नाटक अकादमी लखनऊ.
संगीत नाटक अकादमी लखनऊ. (Photo Credit: ETV Bharat)

लखनऊ : संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) में बीते 4 साल से रुके अवार्ड मिलने की उम्मीद अब बढ़ गई है. संगीत नाटक अकादमी की नई कार्यकारिणी गठित होने के बाद गुरुवार को हुई पहली बैठक में राज्य पुरस्कारों के लिए तैयारी शुरू करने के निर्देश अध्यक्ष ने दिए हैं. कला विभूतियों को वर्ष 2020 में अंतिम बार पुरस्कार में दिए गए थे. इसके बाद अब तक पुरस्कारों की घोषणा अभी तक नहीं की जा सकी है.

1970-71 से दिए जा रहे हैं अकादमी सम्मान : उत्तर प्रदेश के शास्त्रीय संगीत कलाकार, लोक कलाकार, नाट्य विद्या से जुड़े कलाकार, तबला वादक समेत अन्य कलाकारों को अकादमी अवार्ड मिलने की परंपरा चली आ रही है. इसके लिए कलाकार आवेदन करते हैं और समिति के द्वारा योग्य व्यक्ति का चयन कर अवार्ड की घोषणा कर दी जाती है. अकादमी सम्मान वर्ष 1970-71 से दिए जा रहे हैं और साथ ही संगीत नाटक अकादमी ने वर्ष 1998 नाट्य निर्देशन के लिए बीएम शाह पुरस्कार और 1999 में सफदर हाशमी पुरस्कार शुरू किया था. अकादमी सम्मान के साथ ये सम्मान भी वर्ष 2021 से नहीं दिए गए हैं.

कार्यकारिणी समिति बनने से जगी आशा : 7 सिंतबर को प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की कार्यकारिणी की घोषणा कर दी थी. 9 सिंतबर को अकादमी अध्यक्ष बनाए प्रो. जयंत खोत और उपाध्यक्ष विभा तिवारी ने पदभार भी ग्रहण कर लिया है. गुरुवार को सभी नामित 12 सदस्यों ने भी पदभार ग्रहण कर लिए. इसके अलावा गुरुवार को कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई. इसमें प्रमुख रूप से एसएनए के सभी कामों के साथ कर्मचारियों की समस्याओं को अगले 1 महीने में निपटाने की सहमति बनी. साथ ही खाली पदों को नियमानुसार भरने के लिए कार्रवाई शुरू करने की सहमति सभी सदस्यों ने दी. कार्यकारिणी बनने की सबसे ज्यादा खुशी अवार्ड का इंतजार कर रहे कलाकारों को हुई है.

दिसंबर तक सभी अवार्ड की घोषणा करने की तैयारी : प्रो. जयंत खोत ने बताया कि पहली बैठक में एसएनए के रुके हुए अवार्ड जल्द से जल्द देने के लिए तैयारी शुरू करने की सभी सदस्यों में सहमति बनी है. एसएनए अवार्ड के साथ ही अकादमी के सभी रुके कामों को कार्यकारिणी गठित होने से गति मिलेगी. डॉ. खोत ने बताया कि कार्य करने की अगली बैठक 15 दिनों में आयोजित की जाएगी. जिसमें अवार्ड देने की प्रक्रिया शुरू करने पर चर्चा होगी. हमारी कोशिश है कि दिसंबर तक बीते सभी साल के अवार्ड एक साथ दिए जाएं.

संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) हर साल देता है यह चार अवार्ड : अकादमी रत्न सदस्यता, बीएम शाह पुरस्कार, सफदर हाशमी पुरस्कार, अकादमी सम्मान. संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर ने बताया कि अकादमी की तरफ से हर साल दिए जाने वाले पुरस्कार के लिए वही व्यक्ति योग्य होते हैं जो उत्तर प्रदेश के निवासी हों. अवार्ड उन कलाकारों को दिया जाता है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश की संगीत, नृत्य, वाद्य यंत्र के क्षेत्र में अनूठा काम किया हो. अपनी कला को उत्तर प्रदेश के बाहर विस्तार दिलाने तथा उसे पहचान दिलाने में मदद की हो. ऐसे कलाकारों को उनके काम और योगदान के आधार पर आवेदन लेकर फिर कमेटी द्वारा उनके कामों का अवलोकन कर अवार्ड के लिए उन्हें चयनित करती है.

यह भी पढ़ें : अभिनय के लिए यूपी में पहली बार किसी को अकादमी पुरस्कार मिले: डॉ. अनिल रस्तोगी

यह भी पढ़ें : 'मैं घबरा गई थी कि...पंजाब की निर्मल ऋषि Padma Shri Awardee ने बताया सम्मान मिलने से पहले का वाक्या - Padma Shri Awardee

लखनऊ : संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) में बीते 4 साल से रुके अवार्ड मिलने की उम्मीद अब बढ़ गई है. संगीत नाटक अकादमी की नई कार्यकारिणी गठित होने के बाद गुरुवार को हुई पहली बैठक में राज्य पुरस्कारों के लिए तैयारी शुरू करने के निर्देश अध्यक्ष ने दिए हैं. कला विभूतियों को वर्ष 2020 में अंतिम बार पुरस्कार में दिए गए थे. इसके बाद अब तक पुरस्कारों की घोषणा अभी तक नहीं की जा सकी है.

1970-71 से दिए जा रहे हैं अकादमी सम्मान : उत्तर प्रदेश के शास्त्रीय संगीत कलाकार, लोक कलाकार, नाट्य विद्या से जुड़े कलाकार, तबला वादक समेत अन्य कलाकारों को अकादमी अवार्ड मिलने की परंपरा चली आ रही है. इसके लिए कलाकार आवेदन करते हैं और समिति के द्वारा योग्य व्यक्ति का चयन कर अवार्ड की घोषणा कर दी जाती है. अकादमी सम्मान वर्ष 1970-71 से दिए जा रहे हैं और साथ ही संगीत नाटक अकादमी ने वर्ष 1998 नाट्य निर्देशन के लिए बीएम शाह पुरस्कार और 1999 में सफदर हाशमी पुरस्कार शुरू किया था. अकादमी सम्मान के साथ ये सम्मान भी वर्ष 2021 से नहीं दिए गए हैं.

कार्यकारिणी समिति बनने से जगी आशा : 7 सिंतबर को प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की कार्यकारिणी की घोषणा कर दी थी. 9 सिंतबर को अकादमी अध्यक्ष बनाए प्रो. जयंत खोत और उपाध्यक्ष विभा तिवारी ने पदभार भी ग्रहण कर लिया है. गुरुवार को सभी नामित 12 सदस्यों ने भी पदभार ग्रहण कर लिए. इसके अलावा गुरुवार को कार्यकारिणी की पहली बैठक हुई. इसमें प्रमुख रूप से एसएनए के सभी कामों के साथ कर्मचारियों की समस्याओं को अगले 1 महीने में निपटाने की सहमति बनी. साथ ही खाली पदों को नियमानुसार भरने के लिए कार्रवाई शुरू करने की सहमति सभी सदस्यों ने दी. कार्यकारिणी बनने की सबसे ज्यादा खुशी अवार्ड का इंतजार कर रहे कलाकारों को हुई है.

दिसंबर तक सभी अवार्ड की घोषणा करने की तैयारी : प्रो. जयंत खोत ने बताया कि पहली बैठक में एसएनए के रुके हुए अवार्ड जल्द से जल्द देने के लिए तैयारी शुरू करने की सभी सदस्यों में सहमति बनी है. एसएनए अवार्ड के साथ ही अकादमी के सभी रुके कामों को कार्यकारिणी गठित होने से गति मिलेगी. डॉ. खोत ने बताया कि कार्य करने की अगली बैठक 15 दिनों में आयोजित की जाएगी. जिसमें अवार्ड देने की प्रक्रिया शुरू करने पर चर्चा होगी. हमारी कोशिश है कि दिसंबर तक बीते सभी साल के अवार्ड एक साथ दिए जाएं.

संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) हर साल देता है यह चार अवार्ड : अकादमी रत्न सदस्यता, बीएम शाह पुरस्कार, सफदर हाशमी पुरस्कार, अकादमी सम्मान. संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर ने बताया कि अकादमी की तरफ से हर साल दिए जाने वाले पुरस्कार के लिए वही व्यक्ति योग्य होते हैं जो उत्तर प्रदेश के निवासी हों. अवार्ड उन कलाकारों को दिया जाता है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश की संगीत, नृत्य, वाद्य यंत्र के क्षेत्र में अनूठा काम किया हो. अपनी कला को उत्तर प्रदेश के बाहर विस्तार दिलाने तथा उसे पहचान दिलाने में मदद की हो. ऐसे कलाकारों को उनके काम और योगदान के आधार पर आवेदन लेकर फिर कमेटी द्वारा उनके कामों का अवलोकन कर अवार्ड के लिए उन्हें चयनित करती है.

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